अमरावती/नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाई एस विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड (YS Viveka murder case) में कडप्पा सांसद वाईएस अविनाश रेड्डी को 25 अप्रैल तक गिरफ्तार नहीं करने के तेलंगाना हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक लगा दी है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की अगुवाई वाली पीठ ने हाल ही में तेलंगाना उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश पर असहमति व्यक्त की. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच विवेकानंद रेड्डी की बेटी डॉ. सुनीता नरेड्डी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. पीठ ने HC के निर्देश पर रोक लगाते हुए सवाल किया, 'यह HC का किस तरह का आदेश है? ये गवारा नहीं है.'
'यह बेहद जघन्य हत्याकांड है': सुनवाई के दौरान सुनीता के वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने अपनी दलीलें दीं. उन्होंने कहा कि यह बेहद जघन्य हत्या है. शरीर खून से लथपथ पड़ा था, लेकिन उन्होंने यह बात फैला दी कि दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई है और हत्या को सामान्य मौत ठहराने की कोशिश की. इस मामले में आरोपी दस्तागिरी सरकारी गवाह बन गया है. इसके बाद उसे धमकी दी गई.
लूथरा ने कहा कि हाल ही में सीबीआई ने अविनाश रेड्डी के पिता और एक अन्य आरोपी उदय कुमार रेड्डी को गिरफ्तार किया था. अविनाश रेड्डी के मामले में तेलंगाना हाईकोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार नहीं करने के आदेश दिए है. इस मामले में राजनीतिक संघर्ष के अलावा भी कई कारण सामने आए हैं.
लूथरा ने कहा कि 'हाई कोर्ट ने कहा है कि आरोपी को सवालों की प्रिंट कॉपी पहले ही दे दी जाए. ऐसा लग रहा है जैसे हाईकोर्ट आरोपी को घर का मेहमान मान रहा है.'
लूथरा ने कहा कि हत्या के समय ड्यूटी पर तैनात सीआई को निलंबित कर दिया गया था. उसके बाद जब जांच के तहत सीआरपीसी की धारा 160 के तहत बयान दर्ज किया गया तो सीआई ने पदोन्नति और बहाल होने के कारण बयान देने से इनकार कर दिया.
अविनाश रेड्डी सीएम जगन के छोटे भाई हैं : सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ ने सीबीआई के वकील से पूछा कि उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश पर एसएलपी क्यों नहीं दाखिल की..? सीबीआई के वकील ने पीठ से कहा कि वे सुनीता द्वारा दायर याचिका का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि दाखिल करने में उन्हें कुछ समय लग रहा है. इसके अलावा, यह कहा गया है कि जिस व्यक्ति को इस मामले में अंतरिम आदेश दिया गया है, वह आंध्र प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के भाई हैं.
सीबीआई के वकील ने पीठ के ध्यान में लाया कि उनके पास सभी तरह के सबूत हैं कि हत्या राजनीतिक संघर्ष के कारण की गई थी. अदालत के ध्यान में लाया गया कि जगन की मां ने उस सीट से चुनाव लड़ा था, जहां से पहले विवेकानंद ने चुनाव लड़ा था. सीबीआई के वकील ने कहा कि उन्होंने इस मामले में काफी सबूत जुटा लिए हैं और तकनीकी सहायता से जांच कर रहे हैं. उन्होंने अदालत के समक्ष कहा कि आरोपी 40 करोड़ रुपये की सुपारी देने के लिए तैयार थे और कुछ राशि आरोपियों को दी गई थी.
आरोपी ने मृतक के शव की फोटो खींच ली. सीबीआई के वकील ने बेंच के सामने खुलासा किया कि हत्या से पहले सभी आरोपी एक ही जगह मिले थे और फिर वहां से अलग हो गए. हत्या के बाद कुछ आरोपितों ने मृतक के शव की तस्वीरें खींच लीं, हत्या को दिल का दौरा बताया और उसके अनुसार शव को पूरी तरह कपड़े में लपेट कर बाहर निकाला.
क्या हाईकोर्ट ऐसे आदेश देगा..? सीबीआई के वकील ने पीठ के समक्ष कहा कि निलंबित सीआई पहले सीआरपीसी 160 के तहत गवाही देने के लिए सहमत हुए थे. जब तक वह अदालत में आए, तब तक उन्होंने अपना विचार बदल दिया और फिर उन्हें पदोन्नत और पोस्ट किया गया. जब सीजेआई ने पूछा कि प्रतिवादी अविनाश की ओर से कोई है? इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने जवाब दिया. CJI ने रंजीत कुमार से यह कहते हुए सवाल किया कि तेलंगाना हाईकोर्ट ऐसे भी आदेश देगा ..? ये क्या फरमान हैं..? रंजीत कुमार ने अदालत से अनुरोध किया कि वह कुछ समय दे.. हाईकोर्ट के अंतरिम आदेशों को छोड़कर.. उनके पास सुप्रीम कोर्ट में कोई कागजात दाखिल नहीं है.
इसी महीने की 24 तारीख को होगी सुनवाई : सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने वकील सिद्धार्थ लूथरा, सीबीआई के वकील और अविनाश रेड्डी के वकील रंजीत संस की दलीलें सुनीं. मामले को इस महीने की 24 तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया और अंतरिम आदेश जारी किए. बाद में, उच्च न्यायालय ने एकल-न्यायाधीश की पीठ द्वारा दिए गए आदेशों पर रोक लगा दी और अविनाश रेड्डी को नोटिस जारी किया. आखिर में कोर्ट ने आदेश में इस महीने की 24 तारीख तक अविनाश रेड्डी को गिरफ्तार नहीं करने की बात कही. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने वकीलों को सुझाव दिया कि सीजेआई की पीठ की कार्यवाही एक घंटे पहले शुरू होगी क्योंकि संवैधानिक पीठ है और उन्हें उसी के अनुसार तैयारी करनी चाहिए.
पढ़ें- Viveka Murder Case: सांसद को गिरफ्तारी से राहत को चुनौती वाली याचिका की SC में होगी सुनवाई