बांदा: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की बांदा के जिस शूटर लवलेश तिवारी ने हत्या की, उसकी फेसबुक प्रोफाइल में जिला प्रमुख बजरंग दल लिखा हुआ है. जिसके बाद से सोशल मीडिया में इसकी चर्चा जोरों पर चल रही है कि शूटर लवलेश तिवारी बजरंग दल का कार्यकर्ता भी है. वहीं, इस पूरे मामले को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने रविवार की शाम 7:00 बजे एक ट्वीट किया है.
ट्वीट में यह लिखा गया है कि "अतीक अहमद की हत्या में बजरंग दल का नाम लेकर अफवाह उड़ाई जा रही है जो पूर्णता भ्रामक है. हत्या करने वाले कौन हैं इसकी जांच यूपी सरकार करा रही है और सत्य सामने आ ही जाएगा" वही बजरंग दल के बांदा जिला संयोजक ने भी सोशल मीडिया में यह जानकारी साझा की है कि " विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल से बांदा के लवलेश तिवारी (हत्यारोपी अतीक) का कभी कोई लेन-देन नहीं था. न ही कभी वह बजरंग दल का सदस्य था. कोई किसी तरह की टिप्पणी न करे. ऐसा प्रांत का निर्देश है, कोई कुछ पूछे तो इसका जवाब नहीं देना. लवलेश न कभी संगठन में था न कभी किसी कार्यक्रम में उसकी सहभागिता रही है".
लवलेश ने फेसबुक पेज पर क्या लिखा : शूटर लवलेश तिवारी के बारे में जैसे ही पता चला कि वह बांदा का रहने वाला है तो लोगों ने सोशल मीडिया पर उसके बारे में जानने के लिए सर्चिंग शुरू कर दी. उसकी फेसबुक प्रोफाइल लोगों को मिली, जिसमें उसने लिखा है. "जय दादा परशुराम" "जय लंकेश" "हम शास्त्र वाले ब्राह्मण नहीं शस्त्र वाले ब्राह्मण है". यही नहीं फेसबुक की प्रोफाइल में उसने यह भी लिखा है कि वह बजरंग दल का जिला सुरक्षा प्रमुख है.
जैसे ही लोगों को पता चला कि वह बजरंग दल का कार्यकर्ता है तो इसकी हर जगह चर्चा होने लगी और बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों से भी लोगों ने लवलेश तिवारी के बारे में जानना चाहा. जिस पर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की तरफ से लवलेश तिवारी के बारे में कहा गया कि इसका हमारे संगठन से कोई लेना-देना नहीं है.
रविवार की दोपहर में बांदा के बजरंग दल के जिला संयोजक ने सोशल मीडिया में एक मैसेज डालकर यह जानकारी दी कि लवलेश का हमारे संगठन से कोई लेना-देना नहीं है. वहीं शाम को विश्व हिंदू परिषद के वेरिफाइड अकाउंट से यह ट्वीट आया कि अतीक अहमद की हत्या में बजरंग दल का नाम लेकर अफवाह उड़ाई जा रही है जो पूरी तरह से गलत है.
पूर्व में संगठन से जुड़े होने की है चर्चा: शूटर लवलेश तिवारी के बारे में ऐसी जानकारी मिल रही है कि वह पहले बजरंग दल से जुड़ा हुआ था. लेकिन, संगठन के लिए कोई काम नहीं करता था, जिसके चलते उसे लगभग डेढ़ साल पहले संगठन से निकालकर बाहर कर दिया गया था. तब से उसका बजरंग दल से कोई संबंध नहीं है. हालांकि, विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल की तरफ से यह बात पूरी तरह से नकार दी गई है कि वह कभी संगठन का कार्यकर्ता रहा है.