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Vignesh custodial Death: 12 घंटे की पूछताछ के बाद दो पुलिसकर्मी गिरफ्तार

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Published : May 7, 2022, 4:52 PM IST

पुलिस कस्टडी में विग्नेश की मौत मामले में सीबीसीआईडी ​​ने दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है. सूत्रों की मानें तो मामले में जांच की जा रही है.

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चेन्नई: पिछले महीने 19 अप्रैल को एसआई पुगलुम पेरुमल ने अपने दस्ते के साथ पट्टिनपक्कम विग्नेश और ऑटो चालक सुरेश को केल्पक में गिरफ्तार किया. पूछताछ के लिए उन्हें अयानवरम पुलिस स्टेशन और फिर सामान्य सचिवालय कॉलोनी पुलिस स्टेशन ले जाया गया. पुलिस ने बताया कि उसी दिन सुबह पेट में दर्द हुआ और अस्पताल ले जाते समय उल्टी होने के कारण विग्नेश की मौत हो गई. लेकिन परिवार का दावा है कि मौत का कारण पुलिस की बर्बरता थी.

वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधानसभा में बताया कि हाल में पुलिस हिरासत में मरने वाले एक व्यक्ति के शव के पोस्टमॉर्टम में चोट के 13 निशान पाए जाने के बाद तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. स्टालिन ने इस मुद्दे पर मुख्य विपक्षी अन्नाद्रमुक द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए सदन को सूचित किया कि संदिग्ध मौत के मामले को हत्या के मामले में बदल दिया गया है और अपराध शाखा-सीआईडी की ​​जांच जारी रहेगी.

उन्होंने कहा कि विग्नेश की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के निष्कर्ष के अनुसार उसके शरीर पर चोट के 13 निशान मिले हैं. उन्होंने कहा कि इसी के आधार पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है और सीबी-सीआईडी जांच जारी रहेगी. पुलिस ने 18 अप्रैल को वाहन की जांच के बाद दो युवकों विग्नेश और सुरेश को गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें इसलिये गिरफ्तार किया गया था क्योंकि विग्नेश पुलिस के सवालों का उचित जवाब नहीं दे पाया था. साथ ही दोनों जिस ऑटो रिक्शा में सवार थे, उसमें से कथित रूप से गांजा और शराब की बोतलें मिली थीं. उन्हें सचिवालय कॉलोनी पुलिस थाने ले जाया गया और 19 अप्रैल को विग्नेश की मृत्यु हो गई.

यह भी पढ़ें- VIDEO: मजदूरी का पैसा मांगना महिला को पड़ा महंगा, दबंग युवक ने बीच सड़क पर महिला को ईंट से पीटा

इसके बाद इस मामले में एक पुलिस उप-निरीक्षक, एक कांस्टेबल और होम गार्ड को निलंबित कर दिया गया और विग्नेश की संदिग्ध मौत की जांच शुरू हुई. हिरासत में हुई मौत के खिलाफ हंगामे के बाद मामला सीबी-सीआईडी ​​के पास गया. सदन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष के. पलानीस्वामी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 26 अप्रैल को सदन को अवगत कराया था कि पुलिस ने विग्नेश को 19 अप्रैल की सुबह भोजन उपलब्ध कराया गया था और इसके बाद उसे अचानक उल्टी हुई और दौरा पड़ा.

चेन्नई: पिछले महीने 19 अप्रैल को एसआई पुगलुम पेरुमल ने अपने दस्ते के साथ पट्टिनपक्कम विग्नेश और ऑटो चालक सुरेश को केल्पक में गिरफ्तार किया. पूछताछ के लिए उन्हें अयानवरम पुलिस स्टेशन और फिर सामान्य सचिवालय कॉलोनी पुलिस स्टेशन ले जाया गया. पुलिस ने बताया कि उसी दिन सुबह पेट में दर्द हुआ और अस्पताल ले जाते समय उल्टी होने के कारण विग्नेश की मौत हो गई. लेकिन परिवार का दावा है कि मौत का कारण पुलिस की बर्बरता थी.

वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधानसभा में बताया कि हाल में पुलिस हिरासत में मरने वाले एक व्यक्ति के शव के पोस्टमॉर्टम में चोट के 13 निशान पाए जाने के बाद तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. स्टालिन ने इस मुद्दे पर मुख्य विपक्षी अन्नाद्रमुक द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए सदन को सूचित किया कि संदिग्ध मौत के मामले को हत्या के मामले में बदल दिया गया है और अपराध शाखा-सीआईडी की ​​जांच जारी रहेगी.

उन्होंने कहा कि विग्नेश की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के निष्कर्ष के अनुसार उसके शरीर पर चोट के 13 निशान मिले हैं. उन्होंने कहा कि इसी के आधार पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है और सीबी-सीआईडी जांच जारी रहेगी. पुलिस ने 18 अप्रैल को वाहन की जांच के बाद दो युवकों विग्नेश और सुरेश को गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें इसलिये गिरफ्तार किया गया था क्योंकि विग्नेश पुलिस के सवालों का उचित जवाब नहीं दे पाया था. साथ ही दोनों जिस ऑटो रिक्शा में सवार थे, उसमें से कथित रूप से गांजा और शराब की बोतलें मिली थीं. उन्हें सचिवालय कॉलोनी पुलिस थाने ले जाया गया और 19 अप्रैल को विग्नेश की मृत्यु हो गई.

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इसके बाद इस मामले में एक पुलिस उप-निरीक्षक, एक कांस्टेबल और होम गार्ड को निलंबित कर दिया गया और विग्नेश की संदिग्ध मौत की जांच शुरू हुई. हिरासत में हुई मौत के खिलाफ हंगामे के बाद मामला सीबी-सीआईडी ​​के पास गया. सदन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष के. पलानीस्वामी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 26 अप्रैल को सदन को अवगत कराया था कि पुलिस ने विग्नेश को 19 अप्रैल की सुबह भोजन उपलब्ध कराया गया था और इसके बाद उसे अचानक उल्टी हुई और दौरा पड़ा.

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