विदिशा। जिले के कुरवाई तहसील के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (सीएम राइज स्कूल) में मजार नुमा चबूतरा बनाए जाने के मामले को लेकर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष (एनसीपीसीआर) प्रियंक कानूनगो ने गुरुवार को विद्यालय पहुंच का मामले में पूरी जानकारी ली. उन्होंने यहां पर राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत पर पाबंदी को लेकर प्रिंसिपल और बच्चों से पूछताछ की.
शिक्षा विभाग उदासीन: प्रियंक कानूनगो ने कहा कि आज डेढ़ माह से ज्यादा व्यतीत हो जाने के बाद भी शिक्षा विभाग ने इस दिशा में कोई भी कार्यवाही जिला प्रशासन को करने के लिए निवेदन नहीं किया यह उनकी उदासीनता है. उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को उनके घर से बुलवा कर बात करनी पड़ी. जिला शिक्षा अधिकारी को बार-बार बुलाने के बावजूद वह नहीं आए. हमको यहां आकर पता चला की स्कूल द्वारा 15 अगस्त को ही जांच रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप दी गई थी. इस तरीके की रिलीजिएस प्रैक्टिसेस विद्यालय में होना दुर्भाग्यपूर्ण है और उसकी तरफ बच्चों को मोटिवेट किए जाना दोनों ही गलत है."
बच्चों को राष्ट्रगान से महरूम किया गया: राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मीडिया से बातचीत में कहा कि " मुझे सूचना मिली थी कि कुरवाई में कुछ स्कूलों में गैरकानूनी रूप से रिलीजियस कंस्ट्रक्शन किए गए हैं और बच्चों से राष्ट्रगान से महरूम किया गया है और इसके साथ-साथ अनेक प्रकार की ऐसी टीचिंग्स स्कूलों में देने का प्रयास किया जा रहा है जो कम्युनल नेचर की हैं, इसलिए हमने आज यहां आकर निरीक्षण किया यहां के स्टाफ से बात की. हमारे पूर्व सूचना देने के बाद भी ना तो जिला शिक्षा अधिकारी जांच में सहयोग करने के लिए उपस्थित थे ना ही ब्लॉक के एजुकेशन अधिकारी यहां पर जांच में सहयोग करने के लिए उपस्थित थे. मुझे शिक्षकों ने जिन बच्चों से मिलवाया मैं उनसे मिला".
हेड क्वार्टर पर शिक्षक नहीं रहते: प्रियंक कानूनगो ने कहा कि हमको यह पता चला है कि यहां पर हेड क्वार्टर पर शिक्षक नहीं रहते. एसडीएम को बोला है सभी शिक्षकों को शो कॉज नोटिस जारी करने के लिए. यहां के अतिक्रमण को लेकर हमने नगर पालिका सीएमओ को निर्देश दिए हैं. स्थानीय प्रशासन की शिक्षा के अधिकार कानून की धारा 6 और 9 के तहत यह जिम्मेदारी बनती है की बाउंड्री वॉल की समुचित इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था की जाये.
प्रिंसिपल ने नमाज के लिए एक कमरा आरक्षित किया था: कानूनगो ने कहा कि "हमको बच्चों ने यह बताया कि पहले यहां जो प्रिंसिपल थीं जिसको 15 अगस्त के आसपास जांच के तहत हटाया गया उस प्रिंसिपल के रहते यहां कभी वंदे मातरम गान नहीं हुआ. राष्ट्रीय गान केवल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ही किया जाता था. उस प्रिंसिपल ने खुद ने यहां पर एक कमरा आरक्षित किया हुआ था नमाज पढ़ने के लिए यहां जो मुस्लिम टीचर्स थी उनके साथ नमाज पढ़ा करती थीं. एक अलग तरीके का माहौल इस विद्यालय में क्रिएट किया जा रहा था. हमको यहां पर यह भी पता चला स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को जुमे (शुक्रवार) के दिन नमाज पढ़ने के लिए स्कूल से भेज दिया जाता है इसमें टीचर्स भी शामिल हैं. सरकार का एक कैलेंडर है और कैलेंडर के अनुसार पढ़ाई होना चाहिए. कैलेंडर के अनुसार कालांश होते हैं लेकिन यहां पर उसका खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया जा रहा है. शुक्रवार को आधी छुट्टी में बच्चों को नमाज पढ़ने के लिए भेजना या अपने आप में अलग तरीके का मामला है इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए". यहां हमने पता किया जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने दौरों में कभी भी टीचर से बात ही नहीं की बच्चों से कभी संवाद स्थापित नहीं किया. कुल मिलाकर भारी उदासीनता है और इस उदासीनता का परिणाम यह है कि ऊपर की क्लास में मुस्लिम बच्चों का प्रतिशत लगातार कम हो रहा है. (MP Vidisha school News) (Mazaar in CM rise school) (Principal built mazaar in school) (MP Child Commission) (NCPCR Chairperson Piyank Kanoongo)