ETV Bharat / bharat

उपराष्ट्रपति के गृह जिले में आयुर्वेदिक दवा का वितरण, आईसीएमआर की टीम करेगी जांच

आंध्र प्रदेश सरकार ने दवा को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईएसएमआर) भेजने का फैसला किया है, ताकि इसके असरदायी होने संबंधी विस्तृत अध्ययन किया जा सके. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इस संबंध में जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने को कहा है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एकेके श्रीनिवास ने कहा कि हमने इस दवा की क्षमता का पता लगाने के लिए आईसीएमआर और अन्य एक्सपर्ट्स से जांच कराने का फैसला किया गया है.

Anandayya
आंध्र प्रदेश
author img

By

Published : May 21, 2021, 8:06 PM IST

Updated : May 31, 2021, 4:19 PM IST

नेल्लोर : देशभर में तेजी से अपने पैर पसार रहे कोरोना ने कई जिंदगियों को लील लिया. वहीं कई अब भी इसकी गिरफ्त में हैं, तो कई इससे जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं. इस बीच देशभर की विभिन्न राज्य सरकारें लोगों जागरुक करने और जान की सलामती के लिए लॉकडाउन समेत कई गाइडलाइन का सहारा ले रही है, ताकि महामारी के इस तांडव पर काबू पाया जा सके, लेकिन इसके बावजूद कुछ नेताओं, तो कुछ लोगों के चलते इस महामारी को बढ़ावा मिल रहा है. हम बात कर रहे हैं आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले की, जहां कोरोना के उपचार के लिए मिल रही आयुर्वेदिक दवा को पाने के लिए हजारों की संख्या में हुजूम लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इकट्ठा हो गया.

विधायक की लापरवाही पड़ी भारी, हजारों में उमड़ी भीड़
दरअसल, नेल्लोर (Nellore) जिले के कृष्णापट्टनम गांव (krishnapatnam) में सर्वेपल्ली इलाके के सत्ताधारी पार्टी के विधायक काकानी गोवर्धन (Kakani Govardhan) ने हाल ही में दवा वितरण की घोषणा की थी, जिसके बाद आज (शुक्रवार-21मई) सुबह से ही हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठी होने लगी. हैरानी की बात है कि इस संबंध में जिला कलेक्टर के मनाही के बाद भी आज स्थानीय विधायक काकानी गोवर्धन रेड्डी कृष्णापट्टनम गांव पहुंचे और आनंदयया को समर्थन दिया. हद तो तब हो गई जब उन्होंने दवा देने का शुभारंभ भी कर दिया.

प्रदेश सरकार ने एक तरफ इस दवा की क्षमता की जांच के लिए आईसीएमआर से सिफारिश की है तो दूसरी ओर एक्सपर्ट्स की एक टीम भी नेल्लोर जिले भेजने का फैसला लिया है. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी आयुष मंत्री किरेन रिजिजू और आईसीएमआर के निदेशक बलराम भार्गव से दवा को लेकर स्टडी कराने को कहा है. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि इस संबंध में जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश की जाए. सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कोरोना पर हुई हाई लेवल मीटिंग में इस संबंध में बात की. राज्य में स्वास्थ्य के मामलों को देखने वाले हेल्थ मिनिस्टर एकेके श्रीनिवास ने कहा, हमने इस दवा की क्षमता का पता लगाने के लिए आईसीएमआर और अन्य एक्सपर्ट्स से जांच कराने का फैसला लिया है.

देखें रिपोर्ट.

पढ़ें- भाजपा अध्यक्ष ने देश के 824 सामुदायिक केंद्रों पर हेल्प-डेस्क का उद्घाटन किया

कलेक्टर के मनाही के बाद भी विधायक ने की अपील
बता दें कि विधायक काकानी गोवर्धन ने दवा वितरण के संबंध में जिला कलेक्टर से बात की थी, लेकिन इसके बावजूद जिला कलेक्टर ने आधिकारिक रूप से आनंदयया को कृष्णपटनम गांव में दवा बांटने की अनुमति नहीं दी थी. इस बीच गुरुवार शाम चारों ओर यह अफवाह फैल गई कि जिला कलेक्टर की तरफ से अगले दिन सुबह (शुक्रवार) से आयुर्वेदिक दवा बांटने की अनुमति दे दी गई है.

भारी भीड़ ने महामारी को दी हवा
कृष्णापट्टनम गांव में लॉकडाउन के नियमों को ताक पर रख हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़ ने हंगामा मचा दिया. इस दौरान गांव में हालात बद से बदतर हो गए. चारों ओर उमड़ी भीड़ को कोरोना का डर कम और महामारी से इलाज की दवा पाने की चाह ज्यादा थी. इस दौरान लोगों के जहन से ये बात भी हवा हो गई कि वो जिस दवा को लेने यहां पहुंचे हैं, उसमें सोशल डिस्टेंसिंग अहम नियम है, लेकिन इससे परे गांव में उफनती भीड़ दवा पाने के लिए लंबी-लंबी कतारों में तब्दील हो गई.

पढ़ें- 9 तरीकों से करिए कोविड-19 संक्रमित लोगों की मदद

प्रशासन की सख्ती के बाद भीड़ हुई रवाना
कृष्णापट्टनम गांव में हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़ को देख शासन-प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए और आनन-फानन में इस कार्यक्रम पर एक्शन लिया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासन ने एलान किया कि आयुर्वेदिक दवा का वितरण आज बंद किया जा रहा है. पुलिस के एलान के बाद भीड़ धीरे-धीरे तितर-बितर होने लगी.

प्रदेश के मुखिया करेंगे मामले की समीक्षा
वहीं, अब इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी मामले की समीक्षा करेंगे. रेड्डी इस विषय पर वरिष्ठों से मिलेंगे और चर्चा करेंगे कि क्या दवा देनी चाहिए? या नहीं? इस बीच सीएम जगन रेड्डी फार्माकोलॉजी (pharmacology) के बारे में भी जानकारी लेंगे, कि ये कैसे काम करती है. इसके साथ ही वह आधिकारिक टीम द्वारा पहले ही किए गए अवलोकन और रिपोर्ट पर भी चर्चा करेंगे. इसके बाद ही सरकार दवा वितरण पर फैसला करेगी.

पढ़ें- वायरस से स्वास्थ्य कर्मियों के परिवारों को खतरा, टीकाकरण के बारे में सोचेंगे : उप मुख्यमंत्री

जड़ी-बूटियों की मदद से दवा बनाते हैं आनंदयया
बताया जा रहा है कि आनंदयया (Anandayya), पिछले कुछ वर्षों से जड़ी-बूटियों की मदद से बनाई गई आयुर्वेदिक दवाओं से कई बीमारियों का इलाज कर रहे हैं. दवा देने वाले आनंदयया का दावा है कि उनकी इस दवा से कोरोना के मरीज ठीक हो रहे हैं. यह खबर जंगल में आग की तरह फैली और लोग न सिर्फ दूर दराज इलाकों से बल्कि पड़ोस के राज्यों से भी इस दवा को लेने यहां पहुंचने लगे.

कोरोना से लड़ने वाली दवा की प्रकिया
आनंदयया के मुताबिक, इसमें अदरक (Ginger), गुड़ (palm jaggery), शहद (honey), काला जीरा (black cumin), काली मिर्च (tail pepper), पत्ता (patta), लौंग (cloves), नीम के पत्ते (neem leaves), आंवला (amla), जलकुंभी के पत्ते (hyacinth leaves-kondapalleru kayalu), जामुन (java plum shoots), आम की डंडी (mango shoots), बुद्धा बुदासा पत्ती (budda budasa leaves), पिपिंटा के पत्ते (pippinta leaves), धतूरे का फूल (Calotropis procera), फूलों की कलियां (flower buds), कांटेदार बैंगन (thorny brinjal) आदि.

पढ़ें- 'गांवों का मेडिकल सिस्टम राम भरोसे' वाले आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

आंध्र प्रदेश में अब 31 मई तक है लॉकडाउन
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलो को देखते हुए आंध्र प्रदेश में लगाए गए कोरोना कर्फ्यू को इस महीने के अंत तक बढ़ा दिया गया है. सीएमओ के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में अब 31 मई तक कोरोना कर्फ्यू लॉकडाउन लागू रहेगा. इससे पहले कोरोना लॉकडाउन बीते पांच मई से 18 मई तक लगाया गया था, जिसे अब बढ़ा दिया गया है.

नेल्लोर : देशभर में तेजी से अपने पैर पसार रहे कोरोना ने कई जिंदगियों को लील लिया. वहीं कई अब भी इसकी गिरफ्त में हैं, तो कई इससे जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं. इस बीच देशभर की विभिन्न राज्य सरकारें लोगों जागरुक करने और जान की सलामती के लिए लॉकडाउन समेत कई गाइडलाइन का सहारा ले रही है, ताकि महामारी के इस तांडव पर काबू पाया जा सके, लेकिन इसके बावजूद कुछ नेताओं, तो कुछ लोगों के चलते इस महामारी को बढ़ावा मिल रहा है. हम बात कर रहे हैं आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले की, जहां कोरोना के उपचार के लिए मिल रही आयुर्वेदिक दवा को पाने के लिए हजारों की संख्या में हुजूम लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इकट्ठा हो गया.

विधायक की लापरवाही पड़ी भारी, हजारों में उमड़ी भीड़
दरअसल, नेल्लोर (Nellore) जिले के कृष्णापट्टनम गांव (krishnapatnam) में सर्वेपल्ली इलाके के सत्ताधारी पार्टी के विधायक काकानी गोवर्धन (Kakani Govardhan) ने हाल ही में दवा वितरण की घोषणा की थी, जिसके बाद आज (शुक्रवार-21मई) सुबह से ही हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठी होने लगी. हैरानी की बात है कि इस संबंध में जिला कलेक्टर के मनाही के बाद भी आज स्थानीय विधायक काकानी गोवर्धन रेड्डी कृष्णापट्टनम गांव पहुंचे और आनंदयया को समर्थन दिया. हद तो तब हो गई जब उन्होंने दवा देने का शुभारंभ भी कर दिया.

प्रदेश सरकार ने एक तरफ इस दवा की क्षमता की जांच के लिए आईसीएमआर से सिफारिश की है तो दूसरी ओर एक्सपर्ट्स की एक टीम भी नेल्लोर जिले भेजने का फैसला लिया है. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी आयुष मंत्री किरेन रिजिजू और आईसीएमआर के निदेशक बलराम भार्गव से दवा को लेकर स्टडी कराने को कहा है. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि इस संबंध में जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश की जाए. सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कोरोना पर हुई हाई लेवल मीटिंग में इस संबंध में बात की. राज्य में स्वास्थ्य के मामलों को देखने वाले हेल्थ मिनिस्टर एकेके श्रीनिवास ने कहा, हमने इस दवा की क्षमता का पता लगाने के लिए आईसीएमआर और अन्य एक्सपर्ट्स से जांच कराने का फैसला लिया है.

देखें रिपोर्ट.

पढ़ें- भाजपा अध्यक्ष ने देश के 824 सामुदायिक केंद्रों पर हेल्प-डेस्क का उद्घाटन किया

कलेक्टर के मनाही के बाद भी विधायक ने की अपील
बता दें कि विधायक काकानी गोवर्धन ने दवा वितरण के संबंध में जिला कलेक्टर से बात की थी, लेकिन इसके बावजूद जिला कलेक्टर ने आधिकारिक रूप से आनंदयया को कृष्णपटनम गांव में दवा बांटने की अनुमति नहीं दी थी. इस बीच गुरुवार शाम चारों ओर यह अफवाह फैल गई कि जिला कलेक्टर की तरफ से अगले दिन सुबह (शुक्रवार) से आयुर्वेदिक दवा बांटने की अनुमति दे दी गई है.

भारी भीड़ ने महामारी को दी हवा
कृष्णापट्टनम गांव में लॉकडाउन के नियमों को ताक पर रख हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़ ने हंगामा मचा दिया. इस दौरान गांव में हालात बद से बदतर हो गए. चारों ओर उमड़ी भीड़ को कोरोना का डर कम और महामारी से इलाज की दवा पाने की चाह ज्यादा थी. इस दौरान लोगों के जहन से ये बात भी हवा हो गई कि वो जिस दवा को लेने यहां पहुंचे हैं, उसमें सोशल डिस्टेंसिंग अहम नियम है, लेकिन इससे परे गांव में उफनती भीड़ दवा पाने के लिए लंबी-लंबी कतारों में तब्दील हो गई.

पढ़ें- 9 तरीकों से करिए कोविड-19 संक्रमित लोगों की मदद

प्रशासन की सख्ती के बाद भीड़ हुई रवाना
कृष्णापट्टनम गांव में हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़ को देख शासन-प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए और आनन-फानन में इस कार्यक्रम पर एक्शन लिया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासन ने एलान किया कि आयुर्वेदिक दवा का वितरण आज बंद किया जा रहा है. पुलिस के एलान के बाद भीड़ धीरे-धीरे तितर-बितर होने लगी.

प्रदेश के मुखिया करेंगे मामले की समीक्षा
वहीं, अब इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी मामले की समीक्षा करेंगे. रेड्डी इस विषय पर वरिष्ठों से मिलेंगे और चर्चा करेंगे कि क्या दवा देनी चाहिए? या नहीं? इस बीच सीएम जगन रेड्डी फार्माकोलॉजी (pharmacology) के बारे में भी जानकारी लेंगे, कि ये कैसे काम करती है. इसके साथ ही वह आधिकारिक टीम द्वारा पहले ही किए गए अवलोकन और रिपोर्ट पर भी चर्चा करेंगे. इसके बाद ही सरकार दवा वितरण पर फैसला करेगी.

पढ़ें- वायरस से स्वास्थ्य कर्मियों के परिवारों को खतरा, टीकाकरण के बारे में सोचेंगे : उप मुख्यमंत्री

जड़ी-बूटियों की मदद से दवा बनाते हैं आनंदयया
बताया जा रहा है कि आनंदयया (Anandayya), पिछले कुछ वर्षों से जड़ी-बूटियों की मदद से बनाई गई आयुर्वेदिक दवाओं से कई बीमारियों का इलाज कर रहे हैं. दवा देने वाले आनंदयया का दावा है कि उनकी इस दवा से कोरोना के मरीज ठीक हो रहे हैं. यह खबर जंगल में आग की तरह फैली और लोग न सिर्फ दूर दराज इलाकों से बल्कि पड़ोस के राज्यों से भी इस दवा को लेने यहां पहुंचने लगे.

कोरोना से लड़ने वाली दवा की प्रकिया
आनंदयया के मुताबिक, इसमें अदरक (Ginger), गुड़ (palm jaggery), शहद (honey), काला जीरा (black cumin), काली मिर्च (tail pepper), पत्ता (patta), लौंग (cloves), नीम के पत्ते (neem leaves), आंवला (amla), जलकुंभी के पत्ते (hyacinth leaves-kondapalleru kayalu), जामुन (java plum shoots), आम की डंडी (mango shoots), बुद्धा बुदासा पत्ती (budda budasa leaves), पिपिंटा के पत्ते (pippinta leaves), धतूरे का फूल (Calotropis procera), फूलों की कलियां (flower buds), कांटेदार बैंगन (thorny brinjal) आदि.

पढ़ें- 'गांवों का मेडिकल सिस्टम राम भरोसे' वाले आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

आंध्र प्रदेश में अब 31 मई तक है लॉकडाउन
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलो को देखते हुए आंध्र प्रदेश में लगाए गए कोरोना कर्फ्यू को इस महीने के अंत तक बढ़ा दिया गया है. सीएमओ के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में अब 31 मई तक कोरोना कर्फ्यू लॉकडाउन लागू रहेगा. इससे पहले कोरोना लॉकडाउन बीते पांच मई से 18 मई तक लगाया गया था, जिसे अब बढ़ा दिया गया है.

Last Updated : May 31, 2021, 4:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.