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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का कंबोडिया दौरा 11 नवंबर से

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन और 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 11 से 13 नवंबर तक कंबोडिया का दौरे पर रहेंगे. आसियान के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में कंबोडिया इन शिखर सम्मेलनों की मेजबानी कर रहा है. उपराष्ट्रपति के साथ विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भी होंगे.

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Published : Nov 7, 2022, 4:59 PM IST

Updated : Nov 7, 2022, 7:37 PM IST

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन और 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 11 से 13 नवंबर तक कंबोडिया का दौरे पर रहेंगे. आसियान के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में कंबोडिया इन शिखर सम्मेलनों की मेजबानी कर रहा है. उपराष्ट्रपति के साथ विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भी होंगे. विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि उपराष्ट्रपति 12 नवंबर को नोम पेन्ह में आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जबकि वह 13 नवंबर को 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में दस आसियान सदस्य देश (यानी ब्रुनेई दारुस्सलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपींस और वियतनाम) और इसके आठ संवाद भागीदार- भारत, चीन, जापान, कोरिया गणराज्य ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस शामिल हैं. विशेष रूप से, 2022 में आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ है और इसे आसियान-भारत मैत्री वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है.

आसियान के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में कंबोडिया इन शिखर सम्मेलनों की मेजबानी कर रहा है. विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि उप राष्ट्रपति धनखड़ कंबोडियाई नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और अन्य देशों के नेताओं के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वीपी धनखड़ नोम पेन्ह से लौटते समय कंबोडियाई विरासत स्थलों पर भारत द्वारा किए जा रहे संरक्षण और बहाली कार्यों की समीक्षा करने के लिए सिएम रीप का भी दौरा करेंगे.

बता दें कि आसियान एक क्षेत्रीय संगठन है जिसे एशिया-प्रशांत के उत्तर-औपनिवेशिक राज्यों के बीच बढ़ते तनाव के बीच राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था. भारत-आसियान संबंध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों में निहित हैं. हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और इस्लाम भारत से इस क्षेत्र में फैले और इस साझा सांस्कृतिक विरासत की छाप यहां की वास्तुकला में भी देखी जाती है.

(एएनआई)

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन और 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 11 से 13 नवंबर तक कंबोडिया का दौरे पर रहेंगे. आसियान के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में कंबोडिया इन शिखर सम्मेलनों की मेजबानी कर रहा है. उपराष्ट्रपति के साथ विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भी होंगे. विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि उपराष्ट्रपति 12 नवंबर को नोम पेन्ह में आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जबकि वह 13 नवंबर को 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में दस आसियान सदस्य देश (यानी ब्रुनेई दारुस्सलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपींस और वियतनाम) और इसके आठ संवाद भागीदार- भारत, चीन, जापान, कोरिया गणराज्य ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस शामिल हैं. विशेष रूप से, 2022 में आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ है और इसे आसियान-भारत मैत्री वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है.

आसियान के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में कंबोडिया इन शिखर सम्मेलनों की मेजबानी कर रहा है. विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि उप राष्ट्रपति धनखड़ कंबोडियाई नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और अन्य देशों के नेताओं के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वीपी धनखड़ नोम पेन्ह से लौटते समय कंबोडियाई विरासत स्थलों पर भारत द्वारा किए जा रहे संरक्षण और बहाली कार्यों की समीक्षा करने के लिए सिएम रीप का भी दौरा करेंगे.

बता दें कि आसियान एक क्षेत्रीय संगठन है जिसे एशिया-प्रशांत के उत्तर-औपनिवेशिक राज्यों के बीच बढ़ते तनाव के बीच राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था. भारत-आसियान संबंध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों में निहित हैं. हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और इस्लाम भारत से इस क्षेत्र में फैले और इस साझा सांस्कृतिक विरासत की छाप यहां की वास्तुकला में भी देखी जाती है.

(एएनआई)

Last Updated : Nov 7, 2022, 7:37 PM IST
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