नई दिल्ली : जुमे की नमाज के बाद मस्जिदों से निकली भीड़ के उपद्रव करने, हिंसा, हमले व आगजनी की घटनाओं पर विश्व हिंदू परिषद ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. संगठन के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि देश का जिहादी मुस्लिम नेतृत्व आम मुसलमानों को हिंसा के मार्ग पर ले जा रहा है, जो ना तो उनके हित में है और ना ही देश के. भारत के शांत व सौहार्द-पूर्ण वातावरण को दूषित करने वालों को यह समझना होगा कि भारत संविधान से चलता है, ना कि शरियत से. जो लोग कट्टरपंथियों की कठपुतली बन न्यायालय की बजाए सड़कों पर उतरकर स्वयं न्यायाधीश बनने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं उन्हें बाज आना होगा.
आलोक कुमार ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर निर्दोष लोगों, सुरक्षाबलों, मंदिरों व सार्वजनिक स्थानों पर हमले सभ्य समाज के लिए चुनौती हैं. देश में जगह जगह शासन-प्रशासन कार्यवाही कर ही रहा है लेकिन दंगाइयों के विरुद्ध और कठोरता से पेश आना होगा. दंगाइयों से संपत्ति के नुकसान की भरपाई तो की ही जाए, इस संबंध में प्रक्रिया को सरल व त्वरित भी बनाया जाए. साथ ही जिन धार्मिक स्थानों से यह हिंसक भीड़ निकली, उन स्थानों को भी इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी.
विहिप कार्याध्यक्ष ने यह भी कहा कि जिस बात को लेकर देश में हिंसा व घृणा का वातावरण बनाने का प्रयास किया जा रहा है उसमें पुलिस ने एफआईआर कर कार्यवाही पहले ही प्रारंभ कर दी है. मुस्लिम समुदाय को हिंसा का मार्ग त्याग कर कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिए. अन्यथा इसी प्रकार की प्रतिक्रिया यदि दूसरे समाज के लोगों ने देनी प्रारंभ कर दी तो वह ना तो उनके और ना ही देश के हित में होगी.
पढ़ें- हावड़ा में फिर पत्थरबाजी, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर छोड़े आंसू गैस के गोले