नई दिल्ली/हैदराबाद : हैदराबाद से डिजिटल माध्यम से संचालन परिषद की बैठक को संबोधित करते वेंकैया नायडू ने कहा कि महामारी के वैश्विक प्रभाव का विश्लेषण आईसीडब्ल्यूए के सभी विचार-विमर्श और अनुसंधान के क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण विषय रहा है. उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान परिषद ने डिजिटल मंचों का पूरा उपयोग किया है, जिसने उसकी पहुंच बढ़ाने के अवसर प्रदान किए हैं.
उपराष्ट्रपति ने इस बात पर संतोष जताया कि आईसीडब्ल्यूए ने उन मुद्दों पर ध्यान देने के अपने प्रयासों को जारी रखा है जो विदेश नीति के एजेंडे में सबसे ऊपर हैं.
उपराष्ट्रपति ने इंडियन काउंसिल आफ वर्ल्ड अफेयर्स (आईसीडब्ल्यूए) की एक बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, बैठक में विदेश मंत्रालय की पूर्व सचिव (पूर्वी क्षेत्र) रविजय ठाकुर सिंह को आईसीडब्ल्यूए का अगला महानिदेशक नियुक्त किया गया है. इस पद पर निवर्तमान महानिदेशक टी सी ए राघवन (T C A Raghavan) का कार्यकाल 23 जुलाई को समाप्त हो रहा है. आईसीडब्ल्यूए के महानिदेशक का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है.
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि आईसीडब्ल्यूए (ICWA) के कार्यक्रमों में विदेश मंत्रालय की निरंतर उच्च स्तरीय भागीदारी रही है और दोनों समुद्री मामलों, भारत प्रशांत समुद्री पहल, भारतीय समुद्री क्षेत्र संघ, भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 2021-22 में अस्थायी सदस्यता, शंघाई सहयोग संगठन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, सुदूर पूर्व में भारत-जापान-रूस सहयोग जैसे मुद्दों पर करीबी सहयोग करते हुए काम कर रहे हैं.
उपराष्ट्रपति ने आईसीडब्ल्यूए (ICWA) द्वारा हाल में गांधीजी और विश्व, समुद्री मामलों, उन्नत परिष्कृत बहुपक्षवाद जैसे व्यापक विषयों पर भी ध्यान केंद्रित करने की सराहना की. उन्होंने परिषद के भीतर एशिया-पैसिफिक (सीएससीएपी) कोऑर्डिनेशन सेंटर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) अध्ययन केंद्र और सुरक्षा सहयोग परिषद की स्थापना के लिए संबंधित आईसीडब्ल्यूए समितियों के निर्णय का स्वागत किया.
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इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने आईसीडब्ल्यूए के महानिदेशक डॉ. टीसीए राघवन और आईसीडब्ल्यूए के रिसर्च फेलो डॉ. विवेक मिश्रा द्वारा लिखी 'सप्रू हाउस: ए स्टोरी ऑफ इंस्टीट्यूशंस बिल्डिंग इन वर्ल्ड अफेयर्स' पुस्तक का विमोचन भी किया.
(पीटीआई-भाषा)