लखीमपुर खीरी: उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे तहसील निघासन के गांव भैरमपुर मांझा का मंजीत चौधरी सुरक्षित बाहर आ गया है. परिवार और अपने चहेतों की प्रार्थना से आखिर मंजीत मौत से जिंदगी की जंग जीत गया. मंजीत की मां ने बताया कि अभी मनजीत के पिता से बात हुई है. उन्होंने बताया कि मंजीत टनल से बाहर आ गया. मंजीत चौधरी के घर में 17 दिन के बाद मां के चेहरे पर मुस्कान देखने को मिली. मंजीत के घर में खुशी का माहौल है.
मंजीत की मां चौधराईन ने सरकार का शुक्रिया अदा किया और कहा कि बेटे का दर्द मां से बढ़कर कोई नहीं बता सकता. लेकिन, सरकार ने आज वह कर दिखाया है, जो मां भी अपने बच्चों के लिए नहीं कर सकती. मंजीत की बहन ने मां को मिठाई खिलाई. मंजीत के घर पर दिवाली जैसा माहौल है. चौधराईन ने बताया कि आज की खुशी के बारे में वह किसी को बात नहीं सकतीं. आज ऐसा महसूस हो रहा है कि घर में खुशियां दोबारा लौटी हैं. उन्होंने कहा कि बहुत बहुत खुश हूं. उत्तराखंड सरकार के साथ-साथ भारत सरकार व यूपी सरकार का भी धन्यवाद करती हूं कि टनल के अंदर फंसे सभी मजदूरों को सरकार ने सुरक्षित निकाला.
मंजीत की मां ने बताया कि जिस दिन मजदूरों के टनल में फंसने की खबर सुनी तो घर का माहौल मातम में बदल गया था. बाद में टीवी देखी तो सरकार ने कहा कि हम सभी मजदूरों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाएंगे. तब जाकर दिल को कुछ तसल्ली आई थी. लेकिन, एक-एक पल, एक-एक रात कैसे कटी है बेटे की याद यह मन ही जानता है. मां ने कहा कि जितनी तड़प बेटे को टनल के अंदर थी, उससे कई गुना तड़प हमारे अंदर थी. बेटे के बाहर आने की खुशी के मारे किसी के मुंह से कोई शब्द नहीं निकल रहा है. परिजन भगवान और सरकार का धन्यवाद अदा कर रहे हैं. मंजीत की मां और बहन की पूजा-अर्चना काम आई. मंजीत की बहन ने कहा कि भाई के घर आने पर भाई दूज का टीका लगाउंगी. छोटे-छोटे बच्चों ने पटाखे भी चलाए.
लखीमपुर खीरी का मंजीत चौधरी अपने परिवार के भरण पोषण के लिए पैसा कमाने निकला था. वह नहीं जानता था कि उसके साथ ऐसी घटना हो जाएगी और वह उत्तरकाशी में टनल के अंदर फंस जाएगा. मंजीत की मां ने बताया कि बड़े बेटे की मौत के सदमे से अभी उभर नहीं पाए थे कि मंजीत के साथ ऐसी घटना हो गई. वह टनल के अंदर फंस गया. 17 दिन से मंजीत उस टनल के अंदर कैसे दिन बिता रहा होगा. मंजीत की मां अपने बेटे मंजीत को टनल से निकलता देखना चाहती हैं.
मंजीत के पिता का कहना है कि मेरा बेटा घर आ जाए. अब घर पर ही उससे किसानी व मजदूरी करवाएंगे. लेकिन, सुरंग का काम करने कभी नहीं भेजेंगे. मंजीत की मां ने कहा कि जब से बेटा टनल के अंदर फंसा हुआ है, तब से लेकर आज तक 17 दिन हो गए हैं. लेकिन, प्रशासन का कोई भी उच्च अधिकारी दरवाजे पर नहीं पहुंचा. केवल एक दिन सूचना मिलते ही क्षेत्रीय लेखपाल व कानूनगो आए. उसके बाद से कोई भी अधिकारी दरवाजे पर नहीं आया.
एसडीएम निघासन ने बताया कि प्रशासन अपनी नजर बनाए हुए था. अभी मनजीत के परिजनों को कोई आर्थिक सहायता प्रशासन द्वारा नहीं दी गई है. लेकिन, जैसे ही कोई दिशा निर्देश मिलते हैं तो उसके लिए तहसील प्रशासन तत्काल व्यवस्था करेगा. इस प्रकरण को एसडीएम निघासन ने तहसीलदार को सौंप दिया था.
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