नई दिल्ली : उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल करने के संदर्भ में फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है, हालांकि पार्टी नेताओं के बीच इस विषय पर बातचीत का दौर निरंतर चल रहा है. पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस पक्ष में नहीं हैं कि हरक सिंह रावत को उनकी शर्तों के आधार पर पार्टी में लिया जाए. हालांकि कि कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की.
समिति ने जहां आज सभी 70 सीटों पर चर्चा की, वहीं केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की 19 जनवरी को बैठक होने वाली है, जिसके बाद उम्मीद है कि पार्टी अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है.
मीडिया से बात करते हुए, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा, ' स्क्रीनिंग कमेटी ने अपना काम किया है और नामों को केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) को भेजा है. पिछली बैठक में, जब हमने अपनी राय प्रस्तुत की, तो सीईसी से कुछ प्रश्न थे. वे कुछ जानकारी लेना चाहते थे, इसलिए उस बात के लिए हमें आज फिर मिलना पड़ा.' वहीं हरक सिंह रावत को कांग्रेस में वापस लेने के बारे में पूछे जाने पर गोदियाल ने कहा, 'पार्टी में आगे जो भी फैसला होगा, वह सामूहिक होगा.'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, 'हम हर चीज पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं, हम सभी पक्षों को देख रहे हैं कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए कौन सी चुनावी रणनीति फिट होगी ताकि हम जीत सकें. सभी सीटों पर समझौता हो गया है.' हालांकि, हरीश रावत ने हरक सिंह रावत पर अपना यही रुख कायम रखते हुए कहा, 'मैंने कहा था कि अगर वह अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं तो वह पार्टी में आ सकते हैं. राजनीति में उन्होंने जो कुछ फैसले लिए थे, वे गलत थे. उनके पार्टी में शामिल होने की मुझे जानकारी नहीं है. मेरे साथ इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई है. यह मेरा विषय नहीं है, पार्टी जो भी फैसला करेगी हम उसका पालन करेंगे.'
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इस बीच बताया गया है कि बैठक में हरक सिंह रावत को लेकर चर्चा हुई लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया क्योंकि उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव सहित सभी सदस्य वहां मौजूद नहीं थे, जो पिछले दिनों कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे. उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान होगा और नतीजे 10 मार्च को आएंगे.
गोवा में उम्मीदवारों के अंतिम रूप देने सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने सोमवार को गोवा के लिए पार्टी उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने के लिए एक बैठक की. बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की. उम्मीद की जा रही है कि एक-दो दिन में लिस्ट जारी हो जाएगी. हालांकि 40 सीटों में से, कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की दो सूची पहले ही जारी कर दी है, जिसमें 15 नाम शामिल हैं जो गोवा में विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार होंगे.
गोवा विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची में, कांग्रेस ने दिगंबर कामत, एलेक्सो रेजिनाल्डो लौरेंको, मापुसा निर्वाचन क्षेत्र के सुधीर कंडोलकर, तलेगाओ के लिए टोनी रॉड्रिक्स, पोंडा के लिए राजेश वेरेनकर, मोरमुगाओ के लिए संकल्प अमोनकर, यूरी अलेमाओ के लिए अपने आठ दावेदारों की घोषणा की थी. वहीं उम्मीदवारों की दूसरी सूची में कांग्रेस ने जितेंद्र गांवकर, रोडोल्फ लुइस फर्नांडीस, राजेश फलदेसाई, मनीषा शेनवी उसगांवकर, विरियाटो फर्नांडीस, ओलेन्सियो सिमोस और एवर्टानो फर्टाडो को नाम दिया है.
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जहां कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश कर रही है, वहीं उसे गोवा में भी बहुकोणीय मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है, खासकर आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस से. सोमवार को गोवा कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने टीएमसी के साथ गठबंधन की खबरों को खारिज करते हुए कहा, 'गोवा में स्थिर सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ही एकमात्र विकल्प है. गोवा में टीएमसी का रुख बेहद खराब है और उनका मकसद गलत है. गोवा के लोग चुनाव में टीएमसी को खारिज करने जा रहे हैं. हम उनके साथ कोई गठबंधन नहीं बना रहे हैं.'
दूसरी ओर, एआईसीसी के वरिष्ठ पर्यवेक्षक पी चिदंबरम ने आप पर तीखा हमला करते हुए ट्वीट किया, 'मेरा आकलन है कि आप (और टीएमसी) गोवा में गैर-बीजेपी वोट को केवल खंडित करेगी, इसकी पुष्टि अरविंद केजरीवाल ने की है. गोवा में मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है.'