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केदारनाथ की क्षमता है 10 हजार, पहुंच रहे 25 हजार तीर्थयात्री, 3 जून तक रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक - आईएएस बीवीआरसी पुरुषोत्तम

विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. सबसे ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं. ऐसे में भारी भीड़ को देखते हुए आगामी 3 जून तक केदारनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई गई है. उधर, रजिस्ट्रेशन बंद करने पर स्थानीय व्यवसायियों में रोष नजर आ रहा है.

Kedarnath Registration
केदारनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन पर रोक
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Published : May 30, 2023, 7:28 PM IST

केदारनाथ यात्रा में उमड़ रही भीड़

देहरादून/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में मौसम की दुश्वारियां के मद्देनजर और लगातार चारधाम यात्रा में बढ़ रही तीर्थ यात्रियों की संख्या को देखते हुए आगामी 3 जून तक केदारनाथ यात्रा के ऑफलाइन और ऑनलाइन पंजीकरण पर रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही यात्रा के सुगम संचालन के लिए भी तमाम प्रावधान किए गए हैं.

केदारनाथ में उमड़ रही भीड़ः केदारनाथ यात्रा को लेकर यह निर्णय कैरिंग कैपेसिटी को देखते हुए लिया गया है. केदारनाथ यात्रा के लिए नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी व आईएएस बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि केदारनाथ की कैरिंग कैपेसिटी महज 10 हजार लोगों की है. यदि उसको थोड़ा और भी बढ़ाया जाता है तो 15 हजार के करीब तीर्थ यात्रियों को हर रोज दर्शन करने में कोई दिक्कत नहीं आती है.

Kedarnath Dham Crowd
केदारनाथ में भक्तों की भीड़

वीबीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि पिछले 3 दिनों का आंकड़ा देखें तो हर रोज 25 हजार के करीब श्रद्धालु केदारनाथ में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. ऐसे में पंजीकरण पर 3 जून तक रोक लगाई गई है, ताकि यात्रियों को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े. वहीं, उन्होंने बताया कि केदारनाथ यात्रा करते वक्त श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक थोड़ी दिक्कत आ रही है, लेकिन उससे आगे तीर्थ यात्री सुगमता से यात्रा कर रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या 17.55 लाख पार, केदारनाथ पहुंचे सबसे ज्यादा यात्री

वहीं, सरकार के इस फैसले से केदारनाथ यात्रा के विभिन्न पड़ावों व पैदल मार्ग पर रोजगार करने वाले स्थानीय लोगों में आक्रोश है. स्थानीय लोगों ने कहा कि मौसम के साफ होने के बावजूद भी बार-बार यात्रा पर रोक लगाए जाने से उनका रोजगार पूरी तरह प्रभावित हो गया है. अब सरकार के निर्णयों के खिलाफ उनके पास सिर्फ आंदोलन का रास्ता बचा हुआ है.

इससे पहले भी मौसम लगा चुका यात्रा पर ब्रेकः दरअसल, मौसम को देखते हुए समय-समय पर केदारनाथ धाम के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लग रही है. इससे पहले मौसम को देखते हुए 25 मई तक रजिस्ट्रेशनों पर रोक लगाई थी. 25 मई के बाद धाम के लिए रजिस्ट्रेशनों से रोक हटा दी गई और कहा गया कि अब बिना रजिस्ट्रेशन के भी यात्री यात्रा कर सकते हैं, लेकिन अब फिर से 3 जून तक रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी गई है.

भड़के स्थानीय लोगः सरकार की ओर से बार-बार केदारनाथ धाम के रजिस्ट्रेशन पर रोक जाने से स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए हैं और आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. केदारनाथ यात्रा पड़ाव सहित पैदल मार्ग पर टेंट, दुकान आदि लगाकर रोजगार चलाने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार की मंशा क्या है, कुछ समझ नहीं आ रहा है.

मौसम साफ होने के बाद भी रजिस्ट्रेशन बंद किए जा रहे हैं. कभी सरकार कह रही है कि रजिस्ट्रेशन नहीं होंगे तो कभी बंद किए जा रहे हैं, ऐसे में यात्री यहां नहीं आ पा रहे हैं, जिस कारण उनका रोजगार प्रभावित हो रहा है. व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर यहां रोजगार स्थापित किया है, लेकिन रोजगार न चलने से वह परेशान हैं.

केदारनाथ यात्रा में उमड़ रही भीड़

देहरादून/रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में मौसम की दुश्वारियां के मद्देनजर और लगातार चारधाम यात्रा में बढ़ रही तीर्थ यात्रियों की संख्या को देखते हुए आगामी 3 जून तक केदारनाथ यात्रा के ऑफलाइन और ऑनलाइन पंजीकरण पर रोक लगा दी गई है. इसके साथ ही यात्रा के सुगम संचालन के लिए भी तमाम प्रावधान किए गए हैं.

केदारनाथ में उमड़ रही भीड़ः केदारनाथ यात्रा को लेकर यह निर्णय कैरिंग कैपेसिटी को देखते हुए लिया गया है. केदारनाथ यात्रा के लिए नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी व आईएएस बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि केदारनाथ की कैरिंग कैपेसिटी महज 10 हजार लोगों की है. यदि उसको थोड़ा और भी बढ़ाया जाता है तो 15 हजार के करीब तीर्थ यात्रियों को हर रोज दर्शन करने में कोई दिक्कत नहीं आती है.

Kedarnath Dham Crowd
केदारनाथ में भक्तों की भीड़

वीबीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि पिछले 3 दिनों का आंकड़ा देखें तो हर रोज 25 हजार के करीब श्रद्धालु केदारनाथ में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. ऐसे में पंजीकरण पर 3 जून तक रोक लगाई गई है, ताकि यात्रियों को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े. वहीं, उन्होंने बताया कि केदारनाथ यात्रा करते वक्त श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक थोड़ी दिक्कत आ रही है, लेकिन उससे आगे तीर्थ यात्री सुगमता से यात्रा कर रहे हैं.
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वहीं, सरकार के इस फैसले से केदारनाथ यात्रा के विभिन्न पड़ावों व पैदल मार्ग पर रोजगार करने वाले स्थानीय लोगों में आक्रोश है. स्थानीय लोगों ने कहा कि मौसम के साफ होने के बावजूद भी बार-बार यात्रा पर रोक लगाए जाने से उनका रोजगार पूरी तरह प्रभावित हो गया है. अब सरकार के निर्णयों के खिलाफ उनके पास सिर्फ आंदोलन का रास्ता बचा हुआ है.

इससे पहले भी मौसम लगा चुका यात्रा पर ब्रेकः दरअसल, मौसम को देखते हुए समय-समय पर केदारनाथ धाम के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक लग रही है. इससे पहले मौसम को देखते हुए 25 मई तक रजिस्ट्रेशनों पर रोक लगाई थी. 25 मई के बाद धाम के लिए रजिस्ट्रेशनों से रोक हटा दी गई और कहा गया कि अब बिना रजिस्ट्रेशन के भी यात्री यात्रा कर सकते हैं, लेकिन अब फिर से 3 जून तक रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी गई है.

भड़के स्थानीय लोगः सरकार की ओर से बार-बार केदारनाथ धाम के रजिस्ट्रेशन पर रोक जाने से स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए हैं और आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. केदारनाथ यात्रा पड़ाव सहित पैदल मार्ग पर टेंट, दुकान आदि लगाकर रोजगार चलाने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार की मंशा क्या है, कुछ समझ नहीं आ रहा है.

मौसम साफ होने के बाद भी रजिस्ट्रेशन बंद किए जा रहे हैं. कभी सरकार कह रही है कि रजिस्ट्रेशन नहीं होंगे तो कभी बंद किए जा रहे हैं, ऐसे में यात्री यहां नहीं आ पा रहे हैं, जिस कारण उनका रोजगार प्रभावित हो रहा है. व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर यहां रोजगार स्थापित किया है, लेकिन रोजगार न चलने से वह परेशान हैं.

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