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यूपी चुनाव : सितंबर से मैदान में उतरेंगे पीएम मोदी समेत भाजपा के दिग्गज - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

भाजपा आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अगले महीने से ताबड़तोड़ कार्यक्रम बनाने जा रही है. चुनाव को लेकर भाजपा सितंबर महीने से मैदान में पूरी तरह से उतर जाएगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने उत्तर प्रदेश के दो दौरे करेंगे, जिनमें शिलान्यास और लोकार्पण की भरमार होगी. आइए जानते हैं वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की इस रिपोर्ट में...

यूपी चुनाव
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Published : Aug 23, 2021, 7:51 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सितंबर महीने से पूरी तरह से मैदान में उतरने जा रही है. इसके लिए उपलब्धियों और विकास परियोजनाओं की लिस्ट तैयार की जा रही है. इसमें न सिर्फ राज्य की विकास परियोजनाओं और उपलब्धियों को, बल्कि केंद्र सरकार के द्वारा किए गए कार्यों की उपलब्धियों को भी शामिल किया जा रहा है. इसमें जातिगत उपलब्धियां तो हैं ही, साथ ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार की बड़ी-बड़ी परियोजनाओं को भी अलग-अलग श्रेणी में सूचीबद्ध किया जाएगा.

सूत्रों के अनुसार, राम मंदिर निर्माण, उज्जवला योजना, अंत्योदय योजना, गरीबों में कोविड-19 के दौरान बांटे गए मुफ्त भोजन और अगले साल दिवाली तक दिए जा रहे मुफ़्त राशन की योजना, तीन तलाक जैसी कुरीतियों को हटाने की उपलब्धि, प्रदेश में औरध नियंत्रण और यहां तक कि जम्मू-कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 और 35A को भी इस लिस्ट में जोड़ा जा रहा है.

यही नहीं, सूत्रों की मानें तो पार्टी जाति विशेष उपलब्धियों को भी इस लिस्ट में शामिल करेगी, जिसमें ब्राह्मण समुदाय के लिए पार्टी की तरफ से क्या-क्या कार्य किए गए और कितने नेताओं को टिकट दिए गए इत्यादि जैसी बातों को शामिल किया जाएगा. पिछड़ी जाति के वर्ग के लिए पार्टी ने ओबीसी बिल में संशोधन किया और साथ ही अन्य जातियों के विकास, रोजगार के लिए राज्य सरकार या केंद्र की तरफ से क्या-क्या कदम उठाए गए इन तमाम बातों को चुनाव प्रचार के दौरान हाइलाइट करने की भी योजना है.

यही वजह है कि भाजपा सितंबर से हर महीने प्रधानमंत्री के दो दौरे उत्तर प्रदेश में आयोजित करेगी. इस दौरान प्रधानमंत्री योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण तो करेंगे, साथ ही भाजपा उत्तर प्रदेश की इकाई की तरफ से तीन अलग-अलग यात्रा भी यूपी में निकाली जाएगी.

उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर की तरफ जाने वाले सड़क का नामकरण भी कल्याण सिंह मार्ग रखा है और कहीं न कहीं हिंदुत्व के पुरोधा रहे कल्याण सिंह के नाम पर भी इस बार के चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी फायदा उठाने की कोशिश कर सकती है.

इसके अलावा भाजपा लगातार 2022 तक प्रदेश में युवा और किसानों के लिए अलग-अलग कार्यक्रमों की योजना तैयार करेगी. इसी के तहत 23 अगस्त से रोजगार मेले की भी शुरुआत की जा रही है.

जल्द होगा कैबिनेट का विस्तार
सूत्रों की मानें तो प्रदेश में जल्द ही कैबिनेट का विस्तार भी होने जा रहा है और इस बार यह विस्तार मात्र जातिगत समीकरण को देखते हुए ही किया जा रहा है. ब्राह्मण समुदाय के लोगों को विशेष तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की बात निकल कर सामने आ रही है, क्योंकि ब्राह्मण समुदाय को लेकर भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में चिंतित नजर आ रही है.

ब्राह्मण वोट को लुभाने के लिए बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार के खिलाफ इस समुदाय को भड़काने की कोशिश में लगे हैं और इस बात को स्थापित करने की कोशिश में लगे हैं कि ब्राह्मणों के लिए उत्तर प्रदेश में राज्य की सरकार ने कुछ नहीं किया और उनकी साफ तौर पर अवहेलना की गई है.

इन नेताओं को कैबिनेट में मिल सकती है जगह
यही वजह है कि आने वाले दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष एके शर्मा, जितिन प्रसाद, लक्ष्मीकांत बाजपेई के अलावा संजय निषाद जैसे नेताओं का नाम सामने आ रहा है, ताकि इस विस्तार में जातिगत समीकरण का संतुलन बनाया जा सके.

पार्टी के कार्यक्रमों को तैयार करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले पार्टी के एक वरिष्ठ राष्ट्रीय महासचिव ने नाम न लेने की शर्त पर बताया कि संकल्प पत्र को बनाने के लिए भी जल्द ही पार्टी एक टीम तैयार करेगी और राज्य के लोगों से सुझाव लेने के बाद ही इन तमाम सुझाव को संकल्पित कर भाजपा संकल्प पत्र तैयार करेगी.

उन्होंने कहा, चूंकि संकल्प पत्र चुनाव से पहले घोषित किया जाता है, इसीलिए पार्टी उससे पहले अगले महीने से शुरू होने वाले कार्यक्रम के लिए उपलब्धियों का डॉक्यूमेंटेशन कर रही है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष भले ही बिन सिर-पैर के आरोप लगाता रहे, लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता जानती है कि राज्य में अपराधिक गतिविधियां कितनी कम हुई हैं. उन्होंने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश की मां-बहनें अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करती थीं, लेकिन योगी जी के नेतृत्व वाली सरकार में वह धड़ल्ले से बाहर निकल सकती हैं.

यह भी पढ़ें- चुनावी मंथन : भाजपा अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं में भरा जोश, कहा- ब्रज से ही निकलेगा जीत का रास्ता

उन्होंने कहा, इसके अलावा कोविड-19 में जिस तरह की व्यवस्था की गई उसे जनता ने देखा है, किसी को राज्य की सरकार ने भूख से तड़पने नहीं दिया. जहां तक बात अव्यवस्थाओं की है यह ऐसी महामारी थी जिसके लिए शुरुआती दौर में कोई भी सरकार पूरी तरह से तैयार नहीं थी. मगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूपी की छवि को बिगाड़ने के लिए साजिश कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वहां की तस्वीर छपवाई गई और इसमें पूरी तरह से विपक्ष का हाथ था, ये जनता भी देख और समझ रही है.

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सितंबर महीने से पूरी तरह से मैदान में उतरने जा रही है. इसके लिए उपलब्धियों और विकास परियोजनाओं की लिस्ट तैयार की जा रही है. इसमें न सिर्फ राज्य की विकास परियोजनाओं और उपलब्धियों को, बल्कि केंद्र सरकार के द्वारा किए गए कार्यों की उपलब्धियों को भी शामिल किया जा रहा है. इसमें जातिगत उपलब्धियां तो हैं ही, साथ ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार की बड़ी-बड़ी परियोजनाओं को भी अलग-अलग श्रेणी में सूचीबद्ध किया जाएगा.

सूत्रों के अनुसार, राम मंदिर निर्माण, उज्जवला योजना, अंत्योदय योजना, गरीबों में कोविड-19 के दौरान बांटे गए मुफ्त भोजन और अगले साल दिवाली तक दिए जा रहे मुफ़्त राशन की योजना, तीन तलाक जैसी कुरीतियों को हटाने की उपलब्धि, प्रदेश में औरध नियंत्रण और यहां तक कि जम्मू-कश्मीर से हटाए गए अनुच्छेद 370 और 35A को भी इस लिस्ट में जोड़ा जा रहा है.

यही नहीं, सूत्रों की मानें तो पार्टी जाति विशेष उपलब्धियों को भी इस लिस्ट में शामिल करेगी, जिसमें ब्राह्मण समुदाय के लिए पार्टी की तरफ से क्या-क्या कार्य किए गए और कितने नेताओं को टिकट दिए गए इत्यादि जैसी बातों को शामिल किया जाएगा. पिछड़ी जाति के वर्ग के लिए पार्टी ने ओबीसी बिल में संशोधन किया और साथ ही अन्य जातियों के विकास, रोजगार के लिए राज्य सरकार या केंद्र की तरफ से क्या-क्या कदम उठाए गए इन तमाम बातों को चुनाव प्रचार के दौरान हाइलाइट करने की भी योजना है.

यही वजह है कि भाजपा सितंबर से हर महीने प्रधानमंत्री के दो दौरे उत्तर प्रदेश में आयोजित करेगी. इस दौरान प्रधानमंत्री योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण तो करेंगे, साथ ही भाजपा उत्तर प्रदेश की इकाई की तरफ से तीन अलग-अलग यात्रा भी यूपी में निकाली जाएगी.

उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर की तरफ जाने वाले सड़क का नामकरण भी कल्याण सिंह मार्ग रखा है और कहीं न कहीं हिंदुत्व के पुरोधा रहे कल्याण सिंह के नाम पर भी इस बार के चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी फायदा उठाने की कोशिश कर सकती है.

इसके अलावा भाजपा लगातार 2022 तक प्रदेश में युवा और किसानों के लिए अलग-अलग कार्यक्रमों की योजना तैयार करेगी. इसी के तहत 23 अगस्त से रोजगार मेले की भी शुरुआत की जा रही है.

जल्द होगा कैबिनेट का विस्तार
सूत्रों की मानें तो प्रदेश में जल्द ही कैबिनेट का विस्तार भी होने जा रहा है और इस बार यह विस्तार मात्र जातिगत समीकरण को देखते हुए ही किया जा रहा है. ब्राह्मण समुदाय के लोगों को विशेष तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की बात निकल कर सामने आ रही है, क्योंकि ब्राह्मण समुदाय को लेकर भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में चिंतित नजर आ रही है.

ब्राह्मण वोट को लुभाने के लिए बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार के खिलाफ इस समुदाय को भड़काने की कोशिश में लगे हैं और इस बात को स्थापित करने की कोशिश में लगे हैं कि ब्राह्मणों के लिए उत्तर प्रदेश में राज्य की सरकार ने कुछ नहीं किया और उनकी साफ तौर पर अवहेलना की गई है.

इन नेताओं को कैबिनेट में मिल सकती है जगह
यही वजह है कि आने वाले दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष एके शर्मा, जितिन प्रसाद, लक्ष्मीकांत बाजपेई के अलावा संजय निषाद जैसे नेताओं का नाम सामने आ रहा है, ताकि इस विस्तार में जातिगत समीकरण का संतुलन बनाया जा सके.

पार्टी के कार्यक्रमों को तैयार करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले पार्टी के एक वरिष्ठ राष्ट्रीय महासचिव ने नाम न लेने की शर्त पर बताया कि संकल्प पत्र को बनाने के लिए भी जल्द ही पार्टी एक टीम तैयार करेगी और राज्य के लोगों से सुझाव लेने के बाद ही इन तमाम सुझाव को संकल्पित कर भाजपा संकल्प पत्र तैयार करेगी.

उन्होंने कहा, चूंकि संकल्प पत्र चुनाव से पहले घोषित किया जाता है, इसीलिए पार्टी उससे पहले अगले महीने से शुरू होने वाले कार्यक्रम के लिए उपलब्धियों का डॉक्यूमेंटेशन कर रही है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष भले ही बिन सिर-पैर के आरोप लगाता रहे, लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता जानती है कि राज्य में अपराधिक गतिविधियां कितनी कम हुई हैं. उन्होंने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश की मां-बहनें अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करती थीं, लेकिन योगी जी के नेतृत्व वाली सरकार में वह धड़ल्ले से बाहर निकल सकती हैं.

यह भी पढ़ें- चुनावी मंथन : भाजपा अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं में भरा जोश, कहा- ब्रज से ही निकलेगा जीत का रास्ता

उन्होंने कहा, इसके अलावा कोविड-19 में जिस तरह की व्यवस्था की गई उसे जनता ने देखा है, किसी को राज्य की सरकार ने भूख से तड़पने नहीं दिया. जहां तक बात अव्यवस्थाओं की है यह ऐसी महामारी थी जिसके लिए शुरुआती दौर में कोई भी सरकार पूरी तरह से तैयार नहीं थी. मगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूपी की छवि को बिगाड़ने के लिए साजिश कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वहां की तस्वीर छपवाई गई और इसमें पूरी तरह से विपक्ष का हाथ था, ये जनता भी देख और समझ रही है.

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