लखनऊ : यूपी एटीएस ने पंजाब से ऑटो चालक को गिरफ्तार किया है. ऑटो चालक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी तक भारतीय सेना के टैंकर, हथियारों की जानकारी समेत कई संवेदनशील सूचनाएं पहुंचा रहा था. एटीएस ने ऑटो चालक के अलावा आईएसआई से मिले पैसों को जासूसों तक पहुंचाने वाले गाजियाबाद निवासी रियाजुद्दीन को भी गिरफ्तार किया है. इससे पहले एटीएस ने लखनऊ से जासूसी के लिए फंडिंग करने वाले वसील्लाह को भी गिरफ्तार किया था.
पाकिस्तान से रियाजउद्दीन के अकाउंट में भेजे गए लाखों रुपए
स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि यूपी एटीएस भारत में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाले जासूसों और उन्हें फंडिंग करने वालों की जानकारी इकट्ठा कर रही थी. इसी दौरान एजेंसी की जांच में सामने आया कि गाजियाबाद के रहने वाले रियाजुद्दीन और बिहार के इजहारुल के अकाउंट में मार्च 2022 से अप्रैल 2022 के बीच 70 लाख रुपये आए. इन पैसों को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया.
ऑटो चालक कर रहा था इंडियन आर्मी की जासूसी
एटीएस ने जांच की तो पता चला कि रियाजउद्दीन के अकाउंट से पंजाब के रहने वाले ऑटो चालक अमृत गिल को भी पैसे ट्रांसफर किए गए हैं. अमृत गिल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारतीय आर्मी के टैंक और हथियारों की संवेदनशील सूचनाएं पहुंचाता था. जिसके बाद उसे एटीएस की टीम पंजाब के भठिंडा से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ ले आई है.
राजस्थान में हुई मुलाकात, फिर बने पाकिस्तान के मददगार
एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल ने बताया कि एजेंटों को पैसे ट्रांसफर करने वाले रियाजुद्दीन और इजहारूल की मुलाकात वेल्डिगं का कार्य करते समय राजस्थान में हुई थी. तब से दोनों एक-दूसरे के सम्पर्क में रहकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए कार्य कर रहे हैं. रियाजउद्दीन से पूछताछ में पता चला कि अमृत गिल ISI एजेंट्स के संपर्क में था और भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां भेजा करता था. इस काम के बदले अमृत को ISI रियाजुद्दीन व इजहारुल की मदद से पैसे पहुंचाती थी. वहीं इजहारुल फिलहाल बिहार की बेतिया जेल मे बंद है. जिसे वारंट बी दाखिल कर लखनऊ लाया जाएगा. टेरर फंडिंग के स्रोतों के सम्बंध में पूछताछ कर इस नेटवर्क से जुडे अन्य व्यक्तियों को चिन्हित किया जाएगा.
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