नई दिल्ली : यूपी टीईटी पेपर लीक का (UPTET Paper Leak) ममला शुक्रवार को संसद में गूंजा. आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में टीईटी पेपर लीक का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. छात्र सरकार से पूछते रहे हैं कि हमारी क्या गलती है लेकिन सरकार ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि 28 नवंबर को 25 लाख छात्र टीईटी परीक्षा देने परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे थे. प्रश्न पत्र मिलने के बाद छात्रों को बताया जाता है कि पेपर लीक हो गया और परीक्षा रद्द हो गई.
आप सांसद ने उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से लेकर अभी तक पेपर लीक होने के मामलों की जांच उच्च न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग की. उन्होंने कहा, 'उत्तर प्रदेश में 2017 में, 2018 में, 2020 और 2021 में कई परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं. उच्च न्यायालय की एसआईटी बनाकर इन सारे मामलों की जांच कराई जाए, ताकि जिन छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया गया है, उन्हें न्याय मिल सके.'
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में छात्र मेहनत करते हैं और तैयारी के बाद परीक्षा देने जाते हैं और कई ऐसे मौके आए कि प्रश्नपत्र उनके हाथ में आने के बाद पेपर लीक होने की वजह से परीक्षा स्थगित कर दी गई.
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बाद में संजय सिंह ने राज्यसभा में टीईटी पेपर लीक का मुद्दा उठाने का अपना वीडियो ट्विटर पर साझा कर लिखा, यूपी के नौजवानों जागो और पहचानो, आपके भविष्य के साथ खिलवाड़ कौन कर रहा है? आज सदन में मैंने जब TET पेपर लीक का मुद्दा उठाया तो पूरी भाजपा मेरे खिलाफ खड़ी हो गई. आदित्यनाथ सरकार लाखों छात्रों का जीवन बर्बाद कर रही है.
एक अन्य ट्वीट ने आप सांसद ने कहा कि लाखों छात्रों के जीवन से जुड़ी TET की परीक्षा का पेपर लीक हो गया, क्योंकि आदित्यनाथ जी जिन्ना का पेपर हल करने में व्यस्त हैं. इस कांड का आरोपी भाजपा विधायक का भाई है उसको सत्ता का संरक्षण प्राप्त है.
उन्होंने मांग की कि हाई कोर्ट की निगरानी में SIT के जरिए 2017 से अब तक हुए पेपर लीक की जांच कराई जाए ताकि दोषियों को सजा मिल सके.
बता दें, उत्तर प्रदेश में पेपर लीक होने के कारण पिछले दिनों शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) स्थगित कर दी गई थी. इससे पहले भी कई परीक्षाएं पेपर लीक होने की वजह से स्थगित हो चुकी हैं.