लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस की चार महिला सिपाहियों को लिंग परिवर्तन की अनुमति कैसे दी जाए और फिर लिंग परिवर्तन के बाद उनकी फोर्स में क्या भूमिका होगी यह जानने के लिए यूपी पुलिस ने मध्य प्रदेश पुलिस से राय मांगी है. राय मांगने के पीछे की वजह यह है कि हाल ही में एमपी गृह विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के आधार पर लिंग परिवर्तन करने की मंजूरी दी थी. हालांकि शर्त यह थी कि यदि नौकरी महिला होने के आधार पर मिली होगी तो महिला कर्मचारी के मिलने वाले लाभ नहीं दिए जाएंगे.
यूपी पुलिस ने लिंग परिवर्तन के लिए MP से मांगी राय
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, गोंडा, सीतापुर और अयोध्या में तैनात चार महिला सिपाहियों ने पुरुष बनने के लिए डीजीपी मुख्यालय में आवेदन किया है. इतना ही नहीं उन्होंने हाईकोर्ट का भी रुख करने की तैयारी है. अब यूपी पुलिस का स्थापना विभाग इस बात को लेकर संशय में है कि इन महिला सिपाहियों के आवेदन पर कैसे फैसला लिया जाए. इसलिए डीजीपी मुख्यालय ने मध्य प्रदेश पुलिस से राय मांगी है. दरअसल, मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने बीते अगस्त माह में रतलाम जिले में तैनात महिला सिपाही और वर्ष 2021 में निवाड़ी जिले में पदस्थ महिला सिपाही को लिंग परिवर्तन करने की अनुमति दी थी. यही वजह है कि यूपी पुलिस एमपी पुलिस से इस पर राय मांगी है.
लिंग परिवर्तन कराने पर जा सकती है नौकरी
अगस्त में मध्य प्रदेश गृह विभाग ने रतलाम में तैनात महिला कांस्टेबल को लिंग परिवर्तन की अनुमति देते हुए बताया था कि महिला सिपाही को बचपन से ही लिंग पहचान असामान्यता है. जिसकी पुष्टि दिल्ली के मनोचिकित्सक डॉ. राजीव शर्मा ने की है. मनोचिकित्सक ने सिपाही को लिंग परिवर्तन की सलाह दी. एमपी शासन ने विधि विभाग से अभिमत लेकर महिला सिपाही को इसकी अनुमति दे दी. हालांकि एमपी के गृह विभाग ने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया था कि लिंग परिवर्तन के बाद महिला सिपाही को महिला कर्मचारी के तौर पर मिलने वाली सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा.
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