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सोनभद्र में बनेगा यूपी का पहला जीवाश्म पार्क, 1400 मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्म देख सकेंगे सैलानी, यूनेस्को की धरोहर सूची में होगा दर्ज

सोनभद्र में यूपी का पहला जीवाश्म पार्क (UP First Fossil Park) बनेगा. यहां आने वाले सैलानी 1400 मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्म देख सकेंगे. इस पार्क को यूनेस्को की धरोहर सूची में भी दर्ज कराने की तैयारी है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 8, 2023, 6:55 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग अमेरिका के एलोस्टोन पार्क के बाद एशिया का सबसे प्राचीन सलखन जीवाश्म पार्क के समीप स्थित जीवाश्म पार्क (UP First Fossil Park) को यूनेस्को में सूची में दर्ज करने का निर्णय लिया है. विभाग का दावा है कि अनुमान के अनुसार यह जीवाश्म पार्क करीब 1400 मिलियन वर्ष पुराना है. इस जीवाश्म पार्क को देखने के लिए दुनिया भर के जीवाश्म वैज्ञानिक और पर्यटक साल भर इस जगह पर आते रहते हैं. ऐसे में पर्यटन विभाग ने इस जगह को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का निर्णय लिया है ताकि इस स्थान पर पर्यटकों की संख्या को बढ़ाया जा सके. यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी है.


मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि विभाग इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विश्व पटल पर लाना चाहता है. इसी को देखते हुए जीवाष्म पार्क को यूनेस्को की सूची में स्थान दिलाने पर्यटन विभाग की ओर से प्रयास शुरू किए गए हैं. उन्होंने बताया कि हाल में ही विभाग की टीम ने बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोसाइन्सेज के निदेशक डॉ. एमजी ठक्कर के साथ इस पार्क का दौरा भी किया था. इस दौरान टीम ने पाया कि सोनभद्र में बहुत सी प्राकृतिक संरचनाएं मौजूद हैं, जो पर्यटक एवं जीवाश्म प्रेमियों के लिए काफी दर्शनीय स्थल भी हो सकता है. ऐसे में इस जगह को एक पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए विभाग ने योजना तैयार करना शुरू किया है.

पर्यटन मंत्री ने बताया कि यहां मौजूद विभिन्न प्रकार के जीवाश्मों के निरीक्षण से पता चलता है कि अलग-अलग कालखण्ड में भिन्न-भिन्न श्रेणी के जीव-जन्तु रहते थे. उन्हीं के अवशेषों से यहां पर इस तरह की आकृतियां बनी है जो वैज्ञानिकों को अपनी ओर लगातार आकर्षित करती रहती हैं. मंत्री ने बताया कि सोनभद्र जिले में इसके अलावा और भी कई बहुत से प्राकृतिक स्थल ऐसे हैं. जो पर्यटकों के दृष्टि से घूमने वह एडवेंचर्स टूरिज्म के तौर पर विकसित हो सकते हैं. यहां पर कई घाटिया और जल प्रपात भी हैं. ऐसे में इस जगह को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर न केवल इस क्षेत्र का विकास होगा बल्कि यहां रहने वाले आसपास लोगों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी और रोजगार के हजारों औसत उत्पन्न होंगे.


जीवाश्म पार्क पर एक नजर

  • इस पार्क में पाए जाने वाले जीवाश्म शैवाल और स्ट्रोमेटोलाइट्स प्रकार के जीवाश्म हैं.
  • अनुमान के मुताबिक यह 1400 मिलियन वर्ष पुराना है.
  • मौजूदा समय में इस पार्क की देखरेख की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश वन विभाग करता है.

अभी यूनेस्को में ये सूचीबद्द हैं
आगरा का किला, फतेहपुर सीकरी, ताजमहल, सारनाथ, वाराणसी के घाट


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लखनऊ: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग अमेरिका के एलोस्टोन पार्क के बाद एशिया का सबसे प्राचीन सलखन जीवाश्म पार्क के समीप स्थित जीवाश्म पार्क (UP First Fossil Park) को यूनेस्को में सूची में दर्ज करने का निर्णय लिया है. विभाग का दावा है कि अनुमान के अनुसार यह जीवाश्म पार्क करीब 1400 मिलियन वर्ष पुराना है. इस जीवाश्म पार्क को देखने के लिए दुनिया भर के जीवाश्म वैज्ञानिक और पर्यटक साल भर इस जगह पर आते रहते हैं. ऐसे में पर्यटन विभाग ने इस जगह को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का निर्णय लिया है ताकि इस स्थान पर पर्यटकों की संख्या को बढ़ाया जा सके. यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी है.


मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि विभाग इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विश्व पटल पर लाना चाहता है. इसी को देखते हुए जीवाष्म पार्क को यूनेस्को की सूची में स्थान दिलाने पर्यटन विभाग की ओर से प्रयास शुरू किए गए हैं. उन्होंने बताया कि हाल में ही विभाग की टीम ने बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेलियोसाइन्सेज के निदेशक डॉ. एमजी ठक्कर के साथ इस पार्क का दौरा भी किया था. इस दौरान टीम ने पाया कि सोनभद्र में बहुत सी प्राकृतिक संरचनाएं मौजूद हैं, जो पर्यटक एवं जीवाश्म प्रेमियों के लिए काफी दर्शनीय स्थल भी हो सकता है. ऐसे में इस जगह को एक पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए विभाग ने योजना तैयार करना शुरू किया है.

पर्यटन मंत्री ने बताया कि यहां मौजूद विभिन्न प्रकार के जीवाश्मों के निरीक्षण से पता चलता है कि अलग-अलग कालखण्ड में भिन्न-भिन्न श्रेणी के जीव-जन्तु रहते थे. उन्हीं के अवशेषों से यहां पर इस तरह की आकृतियां बनी है जो वैज्ञानिकों को अपनी ओर लगातार आकर्षित करती रहती हैं. मंत्री ने बताया कि सोनभद्र जिले में इसके अलावा और भी कई बहुत से प्राकृतिक स्थल ऐसे हैं. जो पर्यटकों के दृष्टि से घूमने वह एडवेंचर्स टूरिज्म के तौर पर विकसित हो सकते हैं. यहां पर कई घाटिया और जल प्रपात भी हैं. ऐसे में इस जगह को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर न केवल इस क्षेत्र का विकास होगा बल्कि यहां रहने वाले आसपास लोगों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी और रोजगार के हजारों औसत उत्पन्न होंगे.


जीवाश्म पार्क पर एक नजर

  • इस पार्क में पाए जाने वाले जीवाश्म शैवाल और स्ट्रोमेटोलाइट्स प्रकार के जीवाश्म हैं.
  • अनुमान के मुताबिक यह 1400 मिलियन वर्ष पुराना है.
  • मौजूदा समय में इस पार्क की देखरेख की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश वन विभाग करता है.

अभी यूनेस्को में ये सूचीबद्द हैं
आगरा का किला, फतेहपुर सीकरी, ताजमहल, सारनाथ, वाराणसी के घाट


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