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UP ATS का मौलाना कलीम पर शिकंजा, मेरठ के इस शख्स काे बनाया सरकारी गवाह - मौलाना कलीम सिद्दीकी न्यूज अपडेट

यूपी एटीएस की गिरफ्त में आए मौलाना कलीम सिद्दीकी की मुश्किलें बढ़ रहीं हैं. रिमांड पर आए मौलाना कलीम पर कानूनी शिकंजा कसने की कार्रवाई में यूपी एटीएस अब धर्मांतरण कराए गए मेरठ के सौरभ गुप्ता समेत कइयाें को सरकारी गवाह बनाने की कवायद में जुट गई है.

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Published : Sep 29, 2021, 3:35 PM IST

लखनऊ : मौलाना कलीम सिद्दीकी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं. यूपी एटीएस अब धर्मांतरण कराए गए कई को सरकारी गवाह बनाने की कवायद में जुट गई है.

आठ साल पहले खतौली में ईलावड़ क्षेत्र के सौरभ और उसके एक साथी का धर्मांतरण कराए जाने की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को मिली थी. धर्मांतरण के मामले में मौलाना के खिलाफ सौरभ गुप्ता गवाही दे सकता है. एटीएस सौरभ को अपने साथ मुख्यालय ले आई है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की मानें तो एटीएस टीम सौरभ के संपर्क में है. टीम धर्मांतरण के शिकार हुए और लोगों के बारे में भी और पता लगा रही है.

बता दें कि, बीते 20 सितम्बर को अवैध धर्मांतरण और विदेश से फंडिंग लेने के मामले में फुलत के मौलाना कलीम सिद्दीकी को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. कलीम 1000 मूक-बधिर लोगों का धर्मांतरण कराने के आरोपी दिल्ली से पकड़े गए उमर गौतम का साथी है.

एक दिन बाद एटीएस ने मौलाना कलीम के तीन और साथी मोहम्मद इदरीस कुरैशी, मोहम्मद सलीम और कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ को गिरफ्तार किया था.

अब एटीएस इन सभी को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. एटीएस चारों को आमने-सामने बैठा कर जमीयते इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट के विभिन्न खातों में आई तीन करोड़ की विदेशी रकम और तीनों आरोपियों के अलग-अलग खातों में आई 20 करोड़ की रकम के बारे में भी गहराई से पूछताछ कर रही है. हालांकि, आरोपी इसके बारे में सही जानकारी नहीं दे पा रहे हैं.

एटीएस की मानें तो रिमांड पर मौलाना कलीम सिद्दीकी से कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. फुलत के मौलाना कलीम सिद्दीकी कई साल से गैर समुदाय के लोगों का धर्मांतरण करा रहा था. फंडिंग कराने का ठेका भी मौलाना के पास ही था. मौलाना का जाल मेरठ में भी फैला हुआ है.

12 साल पहले कोचिंग सेंटर संचालक की बहन ने सौरभ को रिहान बनाकर खतौली की शादमा से दोस्ती कराई. शादमा की मुहब्बत में वह खतौली में ही बस गया. सौरभ 11 साल तक खतौली और मुजफ्फरनगर में रिहान बनकर अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहा. बताया जाता है कि, खतौली के फुलत में मौलाना कलीम ने उसका धर्मांतरण कराया.

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के मुताबिक

मौलाना कलीम ने सौरभ को जमात में शामिल किया और फिर उसे बड़ौत में परचून की दुकान खुलवा दी. दुकान नहीं चली तो फलों का ठेला लगवा दिया. इसी दौरान कलीम ने शादमा से उसका निकाह करा दिया. उसके बाद कुछ दिन आढ़त का भी काम किया. इस दौरान फिर जमात पर भेजा गया. मदरसे में पढ़ाई भी की. नमाज अदा करना भी सिखाया गया. वह अब मुस्लिम समुदाय के रीति रिवाज के तौर तरीकों से वाकिफ हो गया था.

हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने मौलाना कलीम के चंगुल से उसे छुड़ाया. सौरभ ने एटीएस से धर्मांतरण होने की शिकायत की थी. एटीएस उससे पूछताछ कर रही है. एटीएस उसे कलीम के खिलाफ सरकारी गवाह बनाने की तैयारी कर रही है. एटीएस ने सौरभ के अलावा सुशील जैन समेत तीन और लोगों से इस बारे में जानकारी जुटाई है. पूछताछ की जा रही है.
इसे भी पढ़ें : अवैध धर्मांतरण के आरोपी मौलाना कलीम सिद्दीकी का हरियाणा कनेक्शन आया सामने

लखनऊ : मौलाना कलीम सिद्दीकी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं. यूपी एटीएस अब धर्मांतरण कराए गए कई को सरकारी गवाह बनाने की कवायद में जुट गई है.

आठ साल पहले खतौली में ईलावड़ क्षेत्र के सौरभ और उसके एक साथी का धर्मांतरण कराए जाने की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को मिली थी. धर्मांतरण के मामले में मौलाना के खिलाफ सौरभ गुप्ता गवाही दे सकता है. एटीएस सौरभ को अपने साथ मुख्यालय ले आई है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की मानें तो एटीएस टीम सौरभ के संपर्क में है. टीम धर्मांतरण के शिकार हुए और लोगों के बारे में भी और पता लगा रही है.

बता दें कि, बीते 20 सितम्बर को अवैध धर्मांतरण और विदेश से फंडिंग लेने के मामले में फुलत के मौलाना कलीम सिद्दीकी को एटीएस ने गिरफ्तार किया था. कलीम 1000 मूक-बधिर लोगों का धर्मांतरण कराने के आरोपी दिल्ली से पकड़े गए उमर गौतम का साथी है.

एक दिन बाद एटीएस ने मौलाना कलीम के तीन और साथी मोहम्मद इदरीस कुरैशी, मोहम्मद सलीम और कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ को गिरफ्तार किया था.

अब एटीएस इन सभी को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है. एटीएस चारों को आमने-सामने बैठा कर जमीयते इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट के विभिन्न खातों में आई तीन करोड़ की विदेशी रकम और तीनों आरोपियों के अलग-अलग खातों में आई 20 करोड़ की रकम के बारे में भी गहराई से पूछताछ कर रही है. हालांकि, आरोपी इसके बारे में सही जानकारी नहीं दे पा रहे हैं.

एटीएस की मानें तो रिमांड पर मौलाना कलीम सिद्दीकी से कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. फुलत के मौलाना कलीम सिद्दीकी कई साल से गैर समुदाय के लोगों का धर्मांतरण करा रहा था. फंडिंग कराने का ठेका भी मौलाना के पास ही था. मौलाना का जाल मेरठ में भी फैला हुआ है.

12 साल पहले कोचिंग सेंटर संचालक की बहन ने सौरभ को रिहान बनाकर खतौली की शादमा से दोस्ती कराई. शादमा की मुहब्बत में वह खतौली में ही बस गया. सौरभ 11 साल तक खतौली और मुजफ्फरनगर में रिहान बनकर अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहा. बताया जाता है कि, खतौली के फुलत में मौलाना कलीम ने उसका धर्मांतरण कराया.

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के मुताबिक

मौलाना कलीम ने सौरभ को जमात में शामिल किया और फिर उसे बड़ौत में परचून की दुकान खुलवा दी. दुकान नहीं चली तो फलों का ठेला लगवा दिया. इसी दौरान कलीम ने शादमा से उसका निकाह करा दिया. उसके बाद कुछ दिन आढ़त का भी काम किया. इस दौरान फिर जमात पर भेजा गया. मदरसे में पढ़ाई भी की. नमाज अदा करना भी सिखाया गया. वह अब मुस्लिम समुदाय के रीति रिवाज के तौर तरीकों से वाकिफ हो गया था.

हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने मौलाना कलीम के चंगुल से उसे छुड़ाया. सौरभ ने एटीएस से धर्मांतरण होने की शिकायत की थी. एटीएस उससे पूछताछ कर रही है. एटीएस उसे कलीम के खिलाफ सरकारी गवाह बनाने की तैयारी कर रही है. एटीएस ने सौरभ के अलावा सुशील जैन समेत तीन और लोगों से इस बारे में जानकारी जुटाई है. पूछताछ की जा रही है.
इसे भी पढ़ें : अवैध धर्मांतरण के आरोपी मौलाना कलीम सिद्दीकी का हरियाणा कनेक्शन आया सामने

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