लखनऊ: यूपी एटीएस ने हिजबुल मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन से जुड़े एक व्यक्ति अहमद रजा को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया है. अहमद पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान जाकर आतंकी कमांडो ट्रेनिंग लेने और भारत में बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था. अहमद के मोबाइल से एटीएस को कई संदिग्ध तस्वीरे और वीडियो मिले हैं.
यूपी एटीएस चीफ नवीन अरोड़ा ने बताया कि मुरादाबाद के मूढ़ा पांडे का रहने वाला अहमद रजा सोशल मीडिया के माध्यम से आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन व पाकिस्तान के आतंकी हैंडलर्स के लगातार सम्पर्क में था. उसे बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. अहमद पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान जाकर आतंकी कमाण्डो ट्रेनिंग लेकर, भारत में आतंकी घटना कारित करने का मंसूबा बना रहा था. उन्होंने बताया कि उसकी मोबाइल की गैलरी में हथियारों की फोटोज़, चैट के स्क्रीन शॉट व जिहादी वीडियो मिले है.
नवीन अरोड़ा ने बताया कि पूछताछ के दौरान अहमद रजा ने अपराध कबूल किया है कि वह देश में एक बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था. अहमद रज़ा ने एटीएस को बताया कि वह पाकिस्तान व अफगानिस्तान में लड़ रहे विभिन्न जिहादी संगठन के मुजाहिदीनों से प्रभावित है और उनकी जिहादी सोच और कार्यवाहियों पर बहुत विश्वास करता है. इतना ही नहीं अहमद ने हिन्दुस्तान में काफिरों व काफिर सरकार के खिलाफ जिहाद करके जम्हूरियत की सरकार को हटाकर शरिया कानून लाने को अपनी जिन्दगी का मकसद बना लिया था.
ATS के सामने अहमद रजा का कबूलनामा
अहमद ने हिन्दुस्तान में काफिरों व काफिर सरकार के खिलाफ जिहाद करके जम्हूरियत की सरकार को हटाकर शरिया कानून लाने को अपनी जिन्दगी का मकसद बना लिया था. इसके लिए वह हिजबुल मुजाहिदीन पीर पंजाल तंजीम से जुड़े हुए सीनियर मुजाहिद साथी अनंतनाग के रहने वाले फिरदौस से लगातार सम्पर्क में था. फिरदौस ने ही इसे हिजबुल मुजाहिद्दीन पीर पंजाल में शामिल होने की बैयत दिलवाई थी.
हिन्दुस्तान में जिहाद करने एवं अपनी तंजीम को मजबूत बनाने के लिए इसे अपने सीनियर मुजाहिद साथियों से ये हिदायत मिली थी कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जिहादी बनाकर अपनी तंजीम से जोड़े. इसके लिए अहमद रज़ा लोगो से मिलकर और सोशल मीडिया के जरिए हिजबुल में जुड़ने की दावत देता था और लोगों में हिंसात्मक जिहाद भरने के लिए सोशल मीडिया में जिहादी वीडियो पोस्ट करता था.
अहमद अपने मुजाहिद साथियों फिरदौस व पाकिस्तानी आतंकी हैंडलर के कहने पर दो बार श्रीनगर, अनंतनाग हथियारों की ट्रेनिंग लेने गया था. अहमद रजा अपने आतंकी मंसूबों को पूरा करने के लिए अहसान गाजी की मदद से अफगानिस्तान जाकर कमांडो बनना चाहता था. अहमद रजा ने कहा कि वो भारत के संविधान और सरकार को नहीं मानता और विश्वास करता है कि एक न एक दिन हिन्दुस्तान में भी शरिया लागू होगा.
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