शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश राज्य के शाहजहांपुर जिला प्रशासन ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद दो कथित कर्जदारों की संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी किए हैं. शाहजहांपुर जिला अधिकारी उमेश प्रताप सिंह ने बुधवार को पीटीआई को बताया कि 2021 में एक केमिस्ट अखिलेश गुप्ता ने अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. मृतक ने लोन शार्क अविनाश वाजपेयी और सुशील गुप्ता पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक सुसाइड नोट छोड़ा था. दोनों को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल भेज दिया गया है. आरोपी अविनाश और सुशील संगठित आपराधिक गिरोह के सदस्य हैं और वे अवैध रूप से ऋण देते थे और अत्यधिक ब्याज दरों पर पैसे की वसूली किया करते थे.
पुलिस जांच में यह कंफर्म हो गया कि दोनों उन परिवारों को शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान किया करते थे जिन्होंने उनसे ऋण लिया हुआ था. उन्होंने कहा कि मामले की जांच से यह साबित हो गया है कि दोनों के पास लोगों को अत्यधिक ब्याज दरों पर कर्ज देने के अलावा आय का कोई अन्य कानूनी स्रोत नहीं था. डीएम सिंह ने कहा, "जांच में यह सावित हुआ है कि दोनों ने 60 लाख रुपये की संपत्ति और भूखंड अवैध आय से खरीदे थे. इसलिए उनकी संपत्तियों को कुर्क करने के आदेश दिए गए हैं."
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक केमिस्ट अखिलेश गुप्ता ने अविनाश और सुशील से 12 लाख रुपये का कर्ज लिया था. उन्होंने अखिलेश को ब्याज सहित 72 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए मजबूर किया था. उन्होंने बताया कि इससे तंग आकर अखिलेश ने अपनी पत्नी और दो नाबालिग बच्चों के साथ जून 2021 में कथित तौर पर अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
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पीटीआई