बागपत : गंदगी से अटी पड़ी सूखी नहर को लेकर रविवार को एक रिटायर फौजी ने अनोखा विरोध जताया. पूर्व फौजी पीएम मोदी का मुखौटा लेकर नहर में जाकर बैठ गया. इसके बाद नहर की सफाई कराने की मांग करने लगा. मामला जिले के बड़ौत का है. लापरवाह अफसरों का ध्यान खींचने के लिए पूर्व फौजी का यह तरीका पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है.
नौ साल से नहीं आया नहर में पानी : नहर की दुर्दशा से व्यथित पूर्व फौजी सुभाष चंद्र कश्यप रविवार को गंदगी से अटी पड़ी नहर में प्रधानमंत्री मोदी का मुखौटा लेकर उतर गया. समाजसेवी और पूर्व फौजी सुभाष चंद्र कश्यप ने कहा कि 9 साल पहले पूर्वी यमन नहर का पानी ऐसा था कि लोग इसे पी लेते थे, लेकिन आज हालत नाले से भी बदतर हो गई है. गंदगी का अंबार लगा हुआ है. नहर की हालत खस्ता है. नहर में पिछले 9 साल से पानी नहीं आया है. इतना ही नहीं पिछले 9 सालों से इसकी सफाई भी नहीं की गई, जिसके चलते इसमें गंदगी भरी पड़ी है. सुभाष चंद्र ने प्रधानमंत्री से गंदगी से निजात दिलाने और पूर्वी यमन नहर में स्वच्छ पानी की व्यवस्था कराने की मांग की है.
बड़ौत की लाइफ लाइन हो गई बीमार : गौरतलब है कि बड़ौत की लाइफ लाइन कही जाने वाली पूर्वी यमन नहर शहर के बीचोंबीच से निकलती है. इस नहर में पूरे शहर की गंदगी डाली जाती है. नहर का पानी इतना प्रदूषित है कि सिंचाई से फसलों के बर्बाद होने का अंदेशा बना रहता है. इसके अलावा पूरे शहर के लोगों को भी संक्रमित होने का डर सताता रहता है. पूर्वी यमन नहर शामली और बागपत जिले से होते हुए दिल्ली में यमुना नदी में मिल जाती है. इस नहर से हजारों बीघा कृषि भूमि की सिंचाई होती है. पानी प्रदूषित होने के कारण नहर का पानी सिंचाई के योग्य भी नहीं रह गया है.
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