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यूनियनों ने परिसमापक से कहा, कछार मिल क्षेत्र के तेल भंडार के मूल्यांकन का खुलासा करें

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Published : Jul 4, 2021, 3:44 PM IST

परिसमापक से कछार पेपर मिल भूमि क्षेत्र में तेल भंडार के मूल्यांकन का खुलासा करने के लिए हिंदुस्तान पेपर मिल्स की दो बंद इकाइयों की कर्मचारियों यूनियनों ने कहा है. इन इकाइयों की ई-नीलामी के लिए बोलियां मांगी गई हैं.

oil reserves
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गुवाहाटी : हिंदुस्तान पेपर मिल्स की दो बंद इकाइयों की कर्मचारियों यूनियनों ने परिसमापक से कछार पेपर मिल भूमि क्षेत्र में तेल भंडार के मूल्यांकन का खुलासा करने को कहा है. इन इकाइयों की ई-नीलामी के लिए बोलियां मांगी गई हैं.

मान्यता प्राप्त यूनियनों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसीआरयू) ने हाल में परिसमापक कुलदीप वर्मा को भेजे पत्र में कहा है कि कछार पेपर मिल टाउनशिप में तीन प्राकृतिक तेल कुएं के भंडारण बिंदु हैं. जमीनी क्षेत्र ओएनजीसी के साथ पट्टा करार के तहत है.

पत्र में कहा है कि तेल भंडारण को 'तरल सोना' कहा जाता है और हैरानी बात यह है कि इसके मूल्यांकन का नीलामी अधिसूचना में कहीं भी खुलासा नहीं किया गया है. सिर्फ जमीनी क्षेत्र का ब्योरा दिया गया है. यह पत्र भारी उद्योग एवं लोक उपक्रम मंत्रालय के सचिव को भी संबोधित है.

पढ़ें :- एचपीसीएल की बंद मिलों के ढांचे का उपयोग करने के लिए कॉरपोरेट को खुला निमंत्रण: सरमा

यूनियनों ने परिसमापक से कछार पेपर मिल भूमि क्षेत्र में उपलब्ध कुल प्राकृतिक गैस/तेल की मात्रा और जमीन के मूल्यांकन का खुलासा करने को कहा है. साथ ही मूल्य तय करने का आधार भी पूछा गया है.

यूनियनों ने वर्मा से ओएनजीसी के साथ लीज करार की अवधि को स्पष्ट करने की मांग की है.साथ ही उनसे पूछा गया है कि यदि इसकी नीलामी मौजूदा तेल भंडार को जोड़े भी होती है, तो जमीन की क्या स्थिति होगीं.

गुवाहाटी : हिंदुस्तान पेपर मिल्स की दो बंद इकाइयों की कर्मचारियों यूनियनों ने परिसमापक से कछार पेपर मिल भूमि क्षेत्र में तेल भंडार के मूल्यांकन का खुलासा करने को कहा है. इन इकाइयों की ई-नीलामी के लिए बोलियां मांगी गई हैं.

मान्यता प्राप्त यूनियनों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसीआरयू) ने हाल में परिसमापक कुलदीप वर्मा को भेजे पत्र में कहा है कि कछार पेपर मिल टाउनशिप में तीन प्राकृतिक तेल कुएं के भंडारण बिंदु हैं. जमीनी क्षेत्र ओएनजीसी के साथ पट्टा करार के तहत है.

पत्र में कहा है कि तेल भंडारण को 'तरल सोना' कहा जाता है और हैरानी बात यह है कि इसके मूल्यांकन का नीलामी अधिसूचना में कहीं भी खुलासा नहीं किया गया है. सिर्फ जमीनी क्षेत्र का ब्योरा दिया गया है. यह पत्र भारी उद्योग एवं लोक उपक्रम मंत्रालय के सचिव को भी संबोधित है.

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यूनियनों ने परिसमापक से कछार पेपर मिल भूमि क्षेत्र में उपलब्ध कुल प्राकृतिक गैस/तेल की मात्रा और जमीन के मूल्यांकन का खुलासा करने को कहा है. साथ ही मूल्य तय करने का आधार भी पूछा गया है.

यूनियनों ने वर्मा से ओएनजीसी के साथ लीज करार की अवधि को स्पष्ट करने की मांग की है.साथ ही उनसे पूछा गया है कि यदि इसकी नीलामी मौजूदा तेल भंडार को जोड़े भी होती है, तो जमीन की क्या स्थिति होगीं.

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