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UPSC 2020 Result: पिता फेरी लगाकर बेचते थे कपड़े, बेटा बना IAS

किशनगंज शहर के नेपालगढ़ कॉलोनी के रहने वाले अनिल बोसाक का चयन यूपीएससी में हुआ है. अनिल को 45वीं रैंक मिली है, उनका चयन आईएएस के लिए हुआ है. पढ़ें पूरी खबर...

अनिल
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Published : Sep 25, 2021, 5:41 AM IST

किशनगंज : UPSC का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है. इसमें बिहार के कटिहार के रहने वाले शुभम कुमार ( Shubham Kumar ) ने टॉप किया है. वहीं, ऑल इंडिया 7वां रैंक जमुई के प्रवीण कुमार को मिला है. वहीं किशनगंज के रहने वाले अनिल बोसाक ( Anil Bosak ) को 45वीं रैंक मिली है. अनिल का ये दूसरा प्रयास था.

अनिल को यूपीएससी 2019 में 616 रैंक मिला था, इस रैंक से वे संतुष्ट नहीं थें. इस बार अनिल ऑल इंडिया 45वीं रैंक लाकर सफल हुए हैं. अनिल के पिता संजय बोसाक कपड़े की फेरी लगा कर गांव-गांव बेचते थे. अनिल चार भाइयों में दूसरे नंबर पर हैं.

अनिल का चयन वर्ष 2014 में आईआईटी दिल्ली में सिविल इंजीनियरिंग के लिए हुआ था. अनिल ने 8वीं तक की पढ़ाई किशनगंज शहर के ओरियेंटल पब्लिक स्कूल से, वर्ष 2011 में अररिया पब्लिक स्कूल से मैट्रिक, 12वीं बाल मंदिर सीनियर सेकेंड्री स्कूल किशनगंज से पूरी की.

अनिल का पूरा परिवार किशनगंज के नेपालगढ़ कॉलोनी में रहता है. अनिल बोसाक के पिता संजय बोसाक फेरी का काम करते थे. माली हालत खराब रहने के बावजूद उन्होंने बेटे को पढ़ाया. अनिल की सफलता के बाद उनके परिवार और शहर में खुशी का माहौल है.

बता दें कि सिविल सर्विसेज परीक्षाओं का आयोजन प्रति वर्ष यूपीएससी तीन चरणों में करता है जिनमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार शामिल हैं. इन परीक्षाओं के माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित कई अन्य सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन होता है.

सिविल सर्विसेज प्रारंभिक परीक्षा, 2020 का आयोजन पिछले वर्ष चार अक्टूबर को हुआ था. बयान में बताया गया कि 10,40,060 उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन दिया था जिनमें से 4,82,770 परीक्षा में बैठे. मुख्य परीक्षा के लिए 10,564 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए जिसका आयोजन जनवरी 2021 में हुआ. बयान में बताया गया कि इनमें से 2053 उम्मीदवार साक्षात्कार के लिए चुने गए.

पढ़ें - टीना डाबी की छोटी बहन रिया भी बनी IAS, पहले प्रयास में हासिल की 15वीं रैंक

761 उम्मीदवारों में से 25 व्यक्ति दिव्यांग हैं. सफल उम्मीदवारों में से 263 सामान्य श्रेणी के, 86 आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के, 220 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के, 122 अनुसूचित जाति (एससी) से और 61 अनुसूचित जनजाति से हैं.

पढ़ें- UPSC सेकंड रैंकर जागृति अवस्थी ने बताए एग्जाम क्रैक करने के टिप्स, आप भी सुनें

कुल 150 उम्मीदवारों को आरक्षित सूची में रखा गया है. परीक्षा का परिणाम यूपीएससी की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा. आयोग ने कहा, 'वेबसाइट पर अंक परिणाम घोषित होने के 15 दिनों के अंदर उपलब्ध होगा.'

इससे पहले (यूपीएससी) ने अविवाहित महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) और नौसेना अकादमी परीक्षा के लिए आवेदन करने की अनुमति दी. पिछले महीने उच्चतम न्यायालय ने इस बाबत निर्देश दिया था जिसके अनुपालन में यह कदम उठाया गया.

किशनगंज : UPSC का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है. इसमें बिहार के कटिहार के रहने वाले शुभम कुमार ( Shubham Kumar ) ने टॉप किया है. वहीं, ऑल इंडिया 7वां रैंक जमुई के प्रवीण कुमार को मिला है. वहीं किशनगंज के रहने वाले अनिल बोसाक ( Anil Bosak ) को 45वीं रैंक मिली है. अनिल का ये दूसरा प्रयास था.

अनिल को यूपीएससी 2019 में 616 रैंक मिला था, इस रैंक से वे संतुष्ट नहीं थें. इस बार अनिल ऑल इंडिया 45वीं रैंक लाकर सफल हुए हैं. अनिल के पिता संजय बोसाक कपड़े की फेरी लगा कर गांव-गांव बेचते थे. अनिल चार भाइयों में दूसरे नंबर पर हैं.

अनिल का चयन वर्ष 2014 में आईआईटी दिल्ली में सिविल इंजीनियरिंग के लिए हुआ था. अनिल ने 8वीं तक की पढ़ाई किशनगंज शहर के ओरियेंटल पब्लिक स्कूल से, वर्ष 2011 में अररिया पब्लिक स्कूल से मैट्रिक, 12वीं बाल मंदिर सीनियर सेकेंड्री स्कूल किशनगंज से पूरी की.

अनिल का पूरा परिवार किशनगंज के नेपालगढ़ कॉलोनी में रहता है. अनिल बोसाक के पिता संजय बोसाक फेरी का काम करते थे. माली हालत खराब रहने के बावजूद उन्होंने बेटे को पढ़ाया. अनिल की सफलता के बाद उनके परिवार और शहर में खुशी का माहौल है.

बता दें कि सिविल सर्विसेज परीक्षाओं का आयोजन प्रति वर्ष यूपीएससी तीन चरणों में करता है जिनमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार शामिल हैं. इन परीक्षाओं के माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित कई अन्य सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन होता है.

सिविल सर्विसेज प्रारंभिक परीक्षा, 2020 का आयोजन पिछले वर्ष चार अक्टूबर को हुआ था. बयान में बताया गया कि 10,40,060 उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन दिया था जिनमें से 4,82,770 परीक्षा में बैठे. मुख्य परीक्षा के लिए 10,564 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए जिसका आयोजन जनवरी 2021 में हुआ. बयान में बताया गया कि इनमें से 2053 उम्मीदवार साक्षात्कार के लिए चुने गए.

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761 उम्मीदवारों में से 25 व्यक्ति दिव्यांग हैं. सफल उम्मीदवारों में से 263 सामान्य श्रेणी के, 86 आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के, 220 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के, 122 अनुसूचित जाति (एससी) से और 61 अनुसूचित जनजाति से हैं.

पढ़ें- UPSC सेकंड रैंकर जागृति अवस्थी ने बताए एग्जाम क्रैक करने के टिप्स, आप भी सुनें

कुल 150 उम्मीदवारों को आरक्षित सूची में रखा गया है. परीक्षा का परिणाम यूपीएससी की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा. आयोग ने कहा, 'वेबसाइट पर अंक परिणाम घोषित होने के 15 दिनों के अंदर उपलब्ध होगा.'

इससे पहले (यूपीएससी) ने अविवाहित महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) और नौसेना अकादमी परीक्षा के लिए आवेदन करने की अनुमति दी. पिछले महीने उच्चतम न्यायालय ने इस बाबत निर्देश दिया था जिसके अनुपालन में यह कदम उठाया गया.

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