रोहतक: लोकसभा प्रवास योजना के तहत केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान बुधवार को रोहतक के दौरे पर रहे. यहां उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधा. राहुल गांधी की संसद में कथित विवादित फ्लाइंग किस और उनके खेत में किसानों के साथ काम करने के वीडियो पर बयान दिया. संजीव बालियान ने राहुल गांधी की राजनीति को पॉलीटिकल टूरिज्म करार दिया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के दिमाग में केमिकल लोचा है, इसलिए वो कुछ भी बोल देते हैं.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए संजीव बालियान ने कहा कि कांग्रेस पार्टी 2जी, कोयला घोटाला जैसे अनेकों घोटालों में शामिल रही है. जबकि भारतीय जनता पार्टी के अभी तक के कार्यकाल में कोई भी नया घोटाला सामने नहीं आया है. उन्होंने कैग की रिपोर्ट पर कहा कि कैग की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने चंद्रयान-3 को लेकर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि देश के वैज्ञानिक आज इतिहास रचने जा रहे हैं.
केंद्र सरकार की नीतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 9 साल से ज्यादा के कार्यकाल में केंद्रीय बजट से ज्यादा जीएसटी का संग्रह हो गया है. सरकार का पूरा जोर गरीब कल्याण व विकास पर है. उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा आया, जब पड़ोसी देश दिवालिया हो गए थे. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई. इस सरकार के कार्यकाल में जनता की भलाई के लिए खर्च हो रहा है.
एक सवाल के जवाब में डॉक्टर संजीव बालियान ने कहा कि अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से सरकार किसानों की मदद कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए काम कर रही है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि साल 2014 के बाद से यूरिया खाद के दाम नहीं बढ़े हैं. फसलों की एमएसपी में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि अभी तक किसानों के लिए बहुत कुछ करना बाकी है.
इस मौके पर रोहतक लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद अरविंद शर्मा ने कांग्रेस पार्टी पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ही परिवारवाद, भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार की राजनीति की है. ये पार्टी हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करती है. अभी भी कोई सुधार नहीं आया है. ये पार्टी पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. सांस अरविंद शर्मा ने कहा कि उनकी इच्छा आगामी लोकसभा चुनाव रोहतक से ही लड़ने की इच्छा है. बाकी फैसला हाईकमान को करना है.