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केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में ब्लैक फंगस की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की - केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण

स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक के सरकारी प्रतिनिधियों के साथ ब्लैक फंगस के मामलों की समीक्षा की.

राजेश भूषण
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Published : May 28, 2021, 10:52 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को राज्य सरकारों को देशभर में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों से लड़ने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने को कहा है.

स्वास्थ्य सचिव ने महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक के सरकारी प्रतिनिधियों के साथ ब्लैक फंगस के मामलों की बढ़ती संख्या के बाद वर्तमान स्थिति की समीक्षा की.

हाल ही में म्यूकोर्मिकोसिस के संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को स्वास्थ्य सचिव की ओर से पत्र जारी हुआ था.

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पत्र में भूषण ने यह सुनिश्चित करने के लिए पहल करने का आग्रह किया कि कोविड अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं में संक्रमण की रोकथाम और उसे नियंत्रण में लाने के लिए कारगर उपाय शामिल हो.

कहां कितने मामले

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक ब्लैक फंगस के 11,717 मामले सामने आए हैं, जिसमें गुजरात में सबसे अधिक (2859) मामले हैं. इसके बाद महाराष्ट्र (2770), आंध्र प्रदेश (768), मध्य प्रदेश (752) और तेलंगाना (744) मामले हैं.

आंकड़ों के मुताबिक, त्रिपुरा (1) को छोड़कर, पूर्वोत्तर के किसी अन्य राज्य में ब्लैक फंगस का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है.

'ईटीवी भारत' से बात करते हुए एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ. तमोरिश कोले ने कहा कि देश में कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान पनपे ब्लैक फंगस के कारण स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति बन गई है. उन्होंने कहा कि अस्पताल के बाहर लोगों के प्रभावित होने की संभावना असाधारण रूप से कम है.

ये भी पढें : प. बंगाल में चक्रवात : पीएम ने नुकसान का लिया जायजा, आधे घंटे लेट पहुंचीं ममता

डॉ. कोले ने कहा कि कोविड-19 के दौरान और उसके बाद ब्लैक फंगस को रोकने के लिए मधुमेह पर सख्त नियंत्रण के साथ-साथ चिकित्सकीय देखरेख भी आवश्यकता है.

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को राज्य सरकारों को देशभर में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों से लड़ने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने को कहा है.

स्वास्थ्य सचिव ने महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक के सरकारी प्रतिनिधियों के साथ ब्लैक फंगस के मामलों की बढ़ती संख्या के बाद वर्तमान स्थिति की समीक्षा की.

हाल ही में म्यूकोर्मिकोसिस के संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को स्वास्थ्य सचिव की ओर से पत्र जारी हुआ था.

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पत्र में भूषण ने यह सुनिश्चित करने के लिए पहल करने का आग्रह किया कि कोविड अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं में संक्रमण की रोकथाम और उसे नियंत्रण में लाने के लिए कारगर उपाय शामिल हो.

कहां कितने मामले

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक ब्लैक फंगस के 11,717 मामले सामने आए हैं, जिसमें गुजरात में सबसे अधिक (2859) मामले हैं. इसके बाद महाराष्ट्र (2770), आंध्र प्रदेश (768), मध्य प्रदेश (752) और तेलंगाना (744) मामले हैं.

आंकड़ों के मुताबिक, त्रिपुरा (1) को छोड़कर, पूर्वोत्तर के किसी अन्य राज्य में ब्लैक फंगस का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है.

'ईटीवी भारत' से बात करते हुए एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ. तमोरिश कोले ने कहा कि देश में कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान पनपे ब्लैक फंगस के कारण स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति बन गई है. उन्होंने कहा कि अस्पताल के बाहर लोगों के प्रभावित होने की संभावना असाधारण रूप से कम है.

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डॉ. कोले ने कहा कि कोविड-19 के दौरान और उसके बाद ब्लैक फंगस को रोकने के लिए मधुमेह पर सख्त नियंत्रण के साथ-साथ चिकित्सकीय देखरेख भी आवश्यकता है.

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