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केरल और महाराष्ट्र में कोरोना के 10 हजार से ज्यादा एक्टिव मामले

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Published : Dec 2, 2021, 4:09 PM IST

Updated : Dec 2, 2021, 9:29 PM IST

केरल और महाराष्ट्र में कोविड के 10,000 से अधिक उपचाराधीन मरीज हैं, जबकि नौ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 1,000 से 10,000 के बीच उपचाराधीन मरीज हैं. यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने दी.

Union Health Ministry press briefing
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस वार्ता

नई दिल्ली : केरल और महाराष्ट्र में कोविड के 10,000 से अधिक उपचाराधीन मरीज हैं, जबकि नौ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 1,000 से 10,000 के बीच उपचाराधीन मरीज हैं. संक्रमण पुष्टि की साप्ताहिक दर 15 जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक है, जबकि 18 जिलों में पांच से 10 प्रतिशत के बीच है. देश के 55 फीसदी मामले इन दो राज्यों में दर्ज किए गए हैं. वहीं कर्नाटक में नए वेरिएंट ओमीक्रोन के दो मामले सामने आए हैं. यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने दी.

उन्होंने कहा कि उनमें गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिला है. अधिकारी ने कहा कि भारतीय सार्स-कोवी-2 जीनोमिक्स कंर्सोटियम (इन्साकॉग) के नेटवर्क के जरिए ओमीक्रोन के दो मामलों का पता लगाया गया है. साथ ही, इन दोनों के संपर्क में आए सभी लोगों का समय पर पता लगा लिया गया और उनकी जांच की जा रही.

उन्होंने कहा, 'हमें ओमीक्रोन के मामले सामने आने पर दहशत में आने की जरूरत नहीं है, बल्कि जागरूक होने की जरूरत है. कोविड से जुड़े नियमों का अनुपालन करें और भीड़ में जाने से बचें. कोविड-19 टीके लगाने की गति बढ़ाना समय की आवश्यकता है.' उन्होंने कहा, 'टीके की पूरी खुराक लेने में देर नहीं करें.'

ये भी पढ़ें - उत्तराखंड में कोरोना ने बढ़ाया टेंशन, 50 से अधिक पुलिसकर्मी कोविड पॉजिटिव

सरकार ने कहा कि अब तक विश्व के 29 देशों में सार्स-कोवी-2 के ओमीक्रोन स्वरूप के 373 मामले सामने आए हैं और भारत स्थिति पर नजर रखे हुए है. अधिकारी ने संवाददाता सम्मेलन में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का हवाला देते हुए कहा, 'यह आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी कि क्या ओमीक्रोन कहीं अधिक गंभीर संक्रमण पैदा करता है या यह डेल्टा सहित अन्य स्वरूपों की तुलना में कम घातक है.' डब्ल्यूएचओ ने ओमीक्रोन को चिंता वाला स्वरूप बताया है.

संवाददाता सम्मेलन में बताया गया कि भारत सहित दक्षिणपूर्व एशिया क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह में विश्व के कोविड-19 मामलों के सिर्फ 3.1 प्रतिशत मामले सामने आए हैं. अधिकारी ने टीका कवरेज के बारे में बताया कि देश की वयस्क आबादी के 84.3 प्रतिशत हिस्से को प्रथम खुराक और 49 प्रतिशत को दूसरी खुराक लग चुकी है. भारत में ओमीक्रोन स्वरूप के मामले सामने आने पर डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, 'हम आपस में जुड़ी हुई दुनिया में रहते हैं इसलिए यह अप्रत्याशित नहीं था.'

उन्होंने कहा, 'यह इस बात पर जोर देता है कि सभी देश निगरानी बढ़ाएं, सतर्क रहें, विदेशों से आने वाले मामलों का शीघ्र पता लगाएं तथा वायरस के और अधिक प्रसार को रोकने के उपाय करें.' उन्होंने कहा, 'ओमीक्रोन सहित सार्स-कोवी-2 के सभी स्वरूपों का मुकाबला करने के उपाय एक जैसे हैं. सरकारों द्वारा व्यापक और स्थिति के अनुकूल जन स्वास्थ्य व सामाजिक उपाय तथा लोगों द्वारा एहतियाती उपायों का सख्त अनुपालन किया जाना चाहिए.'

नई दिल्ली : केरल और महाराष्ट्र में कोविड के 10,000 से अधिक उपचाराधीन मरीज हैं, जबकि नौ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 1,000 से 10,000 के बीच उपचाराधीन मरीज हैं. संक्रमण पुष्टि की साप्ताहिक दर 15 जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक है, जबकि 18 जिलों में पांच से 10 प्रतिशत के बीच है. देश के 55 फीसदी मामले इन दो राज्यों में दर्ज किए गए हैं. वहीं कर्नाटक में नए वेरिएंट ओमीक्रोन के दो मामले सामने आए हैं. यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने दी.

उन्होंने कहा कि उनमें गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिला है. अधिकारी ने कहा कि भारतीय सार्स-कोवी-2 जीनोमिक्स कंर्सोटियम (इन्साकॉग) के नेटवर्क के जरिए ओमीक्रोन के दो मामलों का पता लगाया गया है. साथ ही, इन दोनों के संपर्क में आए सभी लोगों का समय पर पता लगा लिया गया और उनकी जांच की जा रही.

उन्होंने कहा, 'हमें ओमीक्रोन के मामले सामने आने पर दहशत में आने की जरूरत नहीं है, बल्कि जागरूक होने की जरूरत है. कोविड से जुड़े नियमों का अनुपालन करें और भीड़ में जाने से बचें. कोविड-19 टीके लगाने की गति बढ़ाना समय की आवश्यकता है.' उन्होंने कहा, 'टीके की पूरी खुराक लेने में देर नहीं करें.'

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सरकार ने कहा कि अब तक विश्व के 29 देशों में सार्स-कोवी-2 के ओमीक्रोन स्वरूप के 373 मामले सामने आए हैं और भारत स्थिति पर नजर रखे हुए है. अधिकारी ने संवाददाता सम्मेलन में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का हवाला देते हुए कहा, 'यह आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी कि क्या ओमीक्रोन कहीं अधिक गंभीर संक्रमण पैदा करता है या यह डेल्टा सहित अन्य स्वरूपों की तुलना में कम घातक है.' डब्ल्यूएचओ ने ओमीक्रोन को चिंता वाला स्वरूप बताया है.

संवाददाता सम्मेलन में बताया गया कि भारत सहित दक्षिणपूर्व एशिया क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह में विश्व के कोविड-19 मामलों के सिर्फ 3.1 प्रतिशत मामले सामने आए हैं. अधिकारी ने टीका कवरेज के बारे में बताया कि देश की वयस्क आबादी के 84.3 प्रतिशत हिस्से को प्रथम खुराक और 49 प्रतिशत को दूसरी खुराक लग चुकी है. भारत में ओमीक्रोन स्वरूप के मामले सामने आने पर डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, 'हम आपस में जुड़ी हुई दुनिया में रहते हैं इसलिए यह अप्रत्याशित नहीं था.'

उन्होंने कहा, 'यह इस बात पर जोर देता है कि सभी देश निगरानी बढ़ाएं, सतर्क रहें, विदेशों से आने वाले मामलों का शीघ्र पता लगाएं तथा वायरस के और अधिक प्रसार को रोकने के उपाय करें.' उन्होंने कहा, 'ओमीक्रोन सहित सार्स-कोवी-2 के सभी स्वरूपों का मुकाबला करने के उपाय एक जैसे हैं. सरकारों द्वारा व्यापक और स्थिति के अनुकूल जन स्वास्थ्य व सामाजिक उपाय तथा लोगों द्वारा एहतियाती उपायों का सख्त अनुपालन किया जाना चाहिए.'

Last Updated : Dec 2, 2021, 9:29 PM IST
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