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Union Budget 2023 : बजट से आम आदमी को आयकर में छूट समेत ये उम्मीदें

सरकार ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश की गई तो पता चला कि आने वाले वित्त वर्ष में जीडीपी विकास दर 6.5 प्रतिशत रह सकती है. वित्त वर्ष 22-23 में विकास दर 7 प्रतिशत रही, भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती रहेगी. लेकिन चालू खाते का घाटा बढ़ सकता है. रुपये की कीमतों में गिरावट होने का खतरा बना हुआ है.

Union Budget 2023
प्रतिकात्मक तस्वीर.
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Published : Feb 1, 2023, 8:35 AM IST

आज पेश होने वाले बजट से आम जनता को कई उम्मीदें हैं.

1. सरकार का अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट है. ऐसे में मध्यवर्गीय परिवार को उम्मीद है कि इस बार वित्त मंत्री के पिटारे में टैक्स छूट का तोहफा होगा. इससे पहले सरकार साल 2020 में नया टैक्स स्लैब पेश किया था. महंगाई से परेशान मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में छूट की उम्मीद है. लोगों की मांग है कि 80c का दायरा बढ़ाकर 2 लाख रुपये तक किया जाए.

2. इस बार के बजट में आत्मनिर्भर भारत मुहिम को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई बड़े ऐलान कर सकती है. इन एलानों का मकसद देश को और देश की जनता को आत्मनिर्भर बनाना है. इसके लिए 'मेक इन इंडिया' और 'वोकल फॉर लोकल' पर सरकार अपना फोकस बढ़ा सकती है. इसका मकसद आम आदमी और इकोनॉमी को राहत देना है. अनुमान है कि सरकार 'वोकल फॉर लोकल' को बढ़ावा देने के लिए बजट में जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब बनाने का एलान कर सकती है. इसके लिए करीब साढ़े 4 हजार से लेकर 5 हजार करोड़ रुपये तक के फंड का ऐलान किया जा सकता है.

3. जानकारों का मानना है कि भारत जिस तरह से अगले 10 साल में दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की क्षमता रखता है, उसे देखते हुए सरकार को अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए हर सेक्टर पर ध्यान देना होगा. इसके साथ ही सरकार इस बजट में 'मेक इन इंडिया' पर भी अपना फोकस रखने वाली है. इसके लिए हर जिले में One District One Product यानी ODOP के तहत एक्सपोर्ट हब बनाने की तैयारी की जा रही है. 50 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट से इसकी तैयारी शुरू होगी. आगे चलकर ऐसे 750 क्लस्टर बनाए जाएंगे. इसके लिए सरकार लॉजिस्टिक्स और मल्टी मोडल कनेक्टिविटी बनाएगी.

4. उत्तर प्रदेश सरकार ने जनवरी 2018 में ODOP को लॉन्च किया था. इसका मकससद राज्य के सभी जिलों में पारंपरिक शिल्पकारों और उद्यमियों को बढ़ावा देना था. बाद में इस योजना की सफलता को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी इस योजना को अपना लिया और आज देश के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 707 जिलों में इस योजना को पहुंचा दिया गया है. ऐसे में उम्मीद है कि बजट के बाद ये योजना नई छलांग लगा सकती है.

5. भारत में दुनियाभर के कई देशों के मुकाबले इलाज कराना काफी सस्ता है, जिसकी वजह से यहां का मेडिकल टूरिज्म भी काफी लोकप्रिय है. लेकिन भारतीयों की औसत आमदनी के हिसाब से यहां पर इलाज कराना काफी महंगा हैय ऐसे में सरकार की आयुष्मान भारत योजना से लेकर हेल्थ इंश्योरेंस तक इलाज को सस्ता कराने में काफी मददगार साबित होता है.

आज पेश होने वाले बजट से आम जनता को कई उम्मीदें हैं.

1. सरकार का अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट है. ऐसे में मध्यवर्गीय परिवार को उम्मीद है कि इस बार वित्त मंत्री के पिटारे में टैक्स छूट का तोहफा होगा. इससे पहले सरकार साल 2020 में नया टैक्स स्लैब पेश किया था. महंगाई से परेशान मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में छूट की उम्मीद है. लोगों की मांग है कि 80c का दायरा बढ़ाकर 2 लाख रुपये तक किया जाए.

2. इस बार के बजट में आत्मनिर्भर भारत मुहिम को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई बड़े ऐलान कर सकती है. इन एलानों का मकसद देश को और देश की जनता को आत्मनिर्भर बनाना है. इसके लिए 'मेक इन इंडिया' और 'वोकल फॉर लोकल' पर सरकार अपना फोकस बढ़ा सकती है. इसका मकसद आम आदमी और इकोनॉमी को राहत देना है. अनुमान है कि सरकार 'वोकल फॉर लोकल' को बढ़ावा देने के लिए बजट में जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब बनाने का एलान कर सकती है. इसके लिए करीब साढ़े 4 हजार से लेकर 5 हजार करोड़ रुपये तक के फंड का ऐलान किया जा सकता है.

3. जानकारों का मानना है कि भारत जिस तरह से अगले 10 साल में दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की क्षमता रखता है, उसे देखते हुए सरकार को अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए हर सेक्टर पर ध्यान देना होगा. इसके साथ ही सरकार इस बजट में 'मेक इन इंडिया' पर भी अपना फोकस रखने वाली है. इसके लिए हर जिले में One District One Product यानी ODOP के तहत एक्सपोर्ट हब बनाने की तैयारी की जा रही है. 50 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट से इसकी तैयारी शुरू होगी. आगे चलकर ऐसे 750 क्लस्टर बनाए जाएंगे. इसके लिए सरकार लॉजिस्टिक्स और मल्टी मोडल कनेक्टिविटी बनाएगी.

4. उत्तर प्रदेश सरकार ने जनवरी 2018 में ODOP को लॉन्च किया था. इसका मकससद राज्य के सभी जिलों में पारंपरिक शिल्पकारों और उद्यमियों को बढ़ावा देना था. बाद में इस योजना की सफलता को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी इस योजना को अपना लिया और आज देश के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 707 जिलों में इस योजना को पहुंचा दिया गया है. ऐसे में उम्मीद है कि बजट के बाद ये योजना नई छलांग लगा सकती है.

5. भारत में दुनियाभर के कई देशों के मुकाबले इलाज कराना काफी सस्ता है, जिसकी वजह से यहां का मेडिकल टूरिज्म भी काफी लोकप्रिय है. लेकिन भारतीयों की औसत आमदनी के हिसाब से यहां पर इलाज कराना काफी महंगा हैय ऐसे में सरकार की आयुष्मान भारत योजना से लेकर हेल्थ इंश्योरेंस तक इलाज को सस्ता कराने में काफी मददगार साबित होता है.

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