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दुनिया के 34.50 करोड़ लोगों पर मंडरा रहा भुखमरी का खतरा: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ली (David Beasley) ने दुनियाभर में अप्रत्याशित आपात स्थिति को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि दुनिया के 34.50 करोड़ लोग भुखमरी (Starvation) की ओर बढ़ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर यूक्रेन युद्ध समाप्त होने तक सात करोड़ और लोग भुखमरी के शिकार हो सकते हैं.

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Published : Sep 16, 2022, 3:56 PM IST

भुखमरी का खतरा
भुखमरी का खतरा

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ली (David Beasley) ने गुरूवार को कहा कि दुनिया वैश्विक स्तर पर अप्रत्याशित आपात स्थिति से जूझ रही है और 34.50 करोड़ लोग भुखमरी की ओर बढ़ रहे हैं. वहीं यूक्रेन युद्ध समाप्त होने तक सात करोड़ और लोगों पर भुखमरी (Starvation) का खतरा मंडराने लगेगा. बेस्ली ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि एजेंसी जिन देशों में सक्रिय है और उनमें से 82 देशों में 34.50 करोड़ लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यह संख्या 2020 में कोरोना वायरस (corona virus) वैश्विक महामारी के आने से पहले की तुलना में ढाई गुना अधिक है. डेविड ने कहा कि यह अत्यंत चिंताजनक है कि इनमें से 45 देशों में पांच करोड़ लोग अत्यंत गंभीर कुपोषण के शिकार हैं और अकाल की कगार पर खड़े हैं. बेस्ली ने बढ़ते संघर्ष, महामारी के आर्थिक प्रभाव, जलवायु परिवर्तन, ईंधन की बढ़ती कीमतों और यूक्रेन में युद्ध की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘भुखमरी की लहर अब भुखमरी की सुनामी बन गई है’

पढ़ें: खतरनाक लहर का सामना करना पड़ सकता है, पूरी दुनिया की सरकारें रहें सतर्क : WHO

उन्होंने कहा कि रूस के 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने के बाद से खाद्य वस्तुओं, ईंधन एवं उर्वरकों की कीमत बढ़ने से सात करोड़ लोग भुखमरी की ओर बढ़ रहे हैं. बेस्ली ने कहा कि रूस द्वारा अवरुद्ध किए गए तीन काला सागर बंदरगाहों से यूक्रेनी अनाज को भेजने की अनुमति देने के संबंध में जुलाई में हुए समझौते और रूसी उर्वरकों को वैश्विक बाजारों में वापस लाने के निरंतर प्रयासों के बावजूद इस साल कई जगहों पर अकाल पड़ने का वास्तविक जोखिम है.

डेविड बेस्ली ने कहा कि ‘यदि हमने ठोस कदम नहीं उठाए तो 2023 में वर्तमान खाद्य मूल्य संकट जल्द खाद्य उपलब्धता संकट में बदल सकता है.’ संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी कार्यों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने सोमालिया और अफगानिस्तान में खाद्य संकट को लेकर सचेत किया.

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ली (David Beasley) ने गुरूवार को कहा कि दुनिया वैश्विक स्तर पर अप्रत्याशित आपात स्थिति से जूझ रही है और 34.50 करोड़ लोग भुखमरी की ओर बढ़ रहे हैं. वहीं यूक्रेन युद्ध समाप्त होने तक सात करोड़ और लोगों पर भुखमरी (Starvation) का खतरा मंडराने लगेगा. बेस्ली ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि एजेंसी जिन देशों में सक्रिय है और उनमें से 82 देशों में 34.50 करोड़ लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यह संख्या 2020 में कोरोना वायरस (corona virus) वैश्विक महामारी के आने से पहले की तुलना में ढाई गुना अधिक है. डेविड ने कहा कि यह अत्यंत चिंताजनक है कि इनमें से 45 देशों में पांच करोड़ लोग अत्यंत गंभीर कुपोषण के शिकार हैं और अकाल की कगार पर खड़े हैं. बेस्ली ने बढ़ते संघर्ष, महामारी के आर्थिक प्रभाव, जलवायु परिवर्तन, ईंधन की बढ़ती कीमतों और यूक्रेन में युद्ध की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘भुखमरी की लहर अब भुखमरी की सुनामी बन गई है’

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उन्होंने कहा कि रूस के 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करने के बाद से खाद्य वस्तुओं, ईंधन एवं उर्वरकों की कीमत बढ़ने से सात करोड़ लोग भुखमरी की ओर बढ़ रहे हैं. बेस्ली ने कहा कि रूस द्वारा अवरुद्ध किए गए तीन काला सागर बंदरगाहों से यूक्रेनी अनाज को भेजने की अनुमति देने के संबंध में जुलाई में हुए समझौते और रूसी उर्वरकों को वैश्विक बाजारों में वापस लाने के निरंतर प्रयासों के बावजूद इस साल कई जगहों पर अकाल पड़ने का वास्तविक जोखिम है.

डेविड बेस्ली ने कहा कि ‘यदि हमने ठोस कदम नहीं उठाए तो 2023 में वर्तमान खाद्य मूल्य संकट जल्द खाद्य उपलब्धता संकट में बदल सकता है.’ संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी कार्यों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने सोमालिया और अफगानिस्तान में खाद्य संकट को लेकर सचेत किया.

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