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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दिया इस्तीफा, कहा- दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पद को छोड़ कर उदास हूं - बोरिस जॉनसन की घोषणा आज

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि नया प्रधानमंत्री चुने जाने तक वह पद पर बने रहेंगे. उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने कहा कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पद को छोड़ कर वह उदास हैं.

Boris Johnson
बोरिस जॉनसन
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Published : Jul 7, 2022, 2:08 PM IST

Updated : Jul 7, 2022, 7:51 PM IST

लंदन : बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. देश के नाम संबोधन में उन्होंने घोषणा की. जॉनसन ने कहा कि उनकी कंजरवेटिव पार्टी एक नए नेता और प्रधानमंत्री का चुनाव करेगी. जॉनसन ने कहा, 'मुझे अपनी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है. नए नेता के चुने जाने तक वह पद पर रहेंगे.' साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पद को छोड़ कर वह उदास हैं. वह नए नेता को यथासंभव समर्थन देंगे. जॉनसन (58) ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के सरकारी आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, अफसोस है कि कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया. उन्होंने कहा कि देश की मजबूती के लिए काम किया. मैंने देश को आगे ले जाने का काम किया. बोरिस जॉनसन के कहा कि कोविड के दौरान लोगों को राहत पहुंचाई. उन्होंने 'मिले विशेषाधिकार के लिए' ब्रिटिश जनता को धन्यवाद दिया.

  • लंदन: यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पुष्टि की कि वह पद छोड़ देंगे और उनकी कंजरवेटिव पार्टी एक नए नेता और प्रधानमंत्री का चुनाव करेगी।

    उन्होंने कहा, "मुझे अपनी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है, मैं नए नेता के आने तक काम जारी रखूंगा।" pic.twitter.com/RPMlQtfqgu

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) July 7, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के सदस्यों ने अन्य नेताओं का अनुसरण करते हुए व्यवहार किया. उन्होंने कहा, 'यह स्पष्ट रूप से संसदीय कंजर्वेटिव पार्टी की इच्छा है कि पार्टी का एक नया नेता हो और इसलिए एक नया प्रधानमंत्री होगा.' जॉनसन ने कहा कि वह पार्टी सांसदों के इस विचार से सहमत हैं कि नए नेता को चुनने की प्रक्रिया अभी शुरू होनी चाहिए और अगले सप्ताह इसके लिए समय सारिणी की घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा, '... मैंने काम करने के लिए आज एक कैबिनेट नियुक्त किया है क्योंकि अगले नेता के कार्यभार संभालने तक मैं काम करता रहूंगा.'

निवर्तमान प्रधानमंत्री ने दोहराया कि उन्हें 2019 के आम चुनाव में 'अविश्वसनीय जनादेश' मिला था और यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों में उन्होंने उस जनादेश का सम्मान करने के लिए व्यक्तिगत रूप से इतनी मेहनत की. उन्होंने कहा, 'मैंने महसूस किया कि यह मेरा काम, मेरा कर्तव्य, मेरा दायित्व है कि 2019 में हमने जो वादा किया था, उसे पूरा करते रहें.' पिछले कुछ दिनों के नाटकीय घटनाक्रम का जिक्र करते हुए जॉनसन ने कहा कि उन्होंने अपने सहयोगियों को मनाने की कोशिश की थी कि इस तरह के 'विशाल जनादेश' के साथ सरकारों को बदलना 'सनक' होगा. उन्होंने कहा, 'मुझे खेद है कि मैं उन तर्कों में सफल नहीं रहा.'

बता दें कि कंजरवेटिव पार्टी के एक सम्मेलन में नया नेता चुनने की प्रक्रिया पूरी होने तक जॉनसन '10 डाउनिंग स्ट्रीट' के प्रभारी बने रहेंगे. पार्टी का सम्मेलन अक्टूबर में होने का कार्यक्रम है. कई दिनों तक चले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद जॉनसन ने यह कदम उठाया गया है. जॉनसन के मंत्रिमंडल के कई सदस्य मंगलवार से इस्तीफा दे चुके हैं. बोरिस जॉनसन के खिलाफ बगावत यहां तक बढ़ गई थी कि दो दिन के अंदर 40 से ज्यादा इस्तीफे हो गए थे. उनके खिलाफ 41 मंत्रियों ने बगावत कर दी थी. ये पूरा विवाद क्रिस पिंचर की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है. इसी साल फरवरी में जॉनसन ने क्रिस पिंचर को कंजर्वेटिव पार्टी का डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया था.

दूसरी तरफ जॉनसन सरकार में एक के बाद एक कांड सामने आने, देश की आर्थिक हालत बदतर होने और सिलसिलेवार हड़तालों के चलते उनकी कुर्सी संकट में घिर गई थी. तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि जॉनसन को इस्तीफा देना पड़ सकता है.

भारत ने टिप्पणी करने से किया इनकार : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद भारत ने गुरुवार को कहा कि वह नेतृत्व परिवर्तन पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा. मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'ये आंतरिक घटनाक्रम हैं. पीएम मोदी और पीएम बोरिस की घनिष्ठ मित्रता थी .लेकिन एक बड़े परिप्रेक्ष्य में, यूके एक रणनीतिक भागीदार है. हम नेतृत्व परिवर्तन पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.'

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा, सर्वेक्षणों ने बढ़ाई मुश्किलें - हाल में हुए सर्वेक्षणों पर नजर डालें, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि जॉनसन और उनकी पार्टी की आगे की राह कैसी होने वाली है. जिस दिन जाविद और सुनक ने अपने पदों से इस्तीफा दिया, उस दिन 'यूगोव' ने 3,000 वयस्कों पर किए गए एक संक्षिप्त सर्वेक्षण के परिणाम जारी किए, जिसमें कुछ लोगों का कहना था कि जॉनसन सत्ता में बने रहेंगे. सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 70 प्रतिशत लोगों को लगता है कि जॉनसन को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और केवल 18 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें पद पर बने रहना चाहिए. साल 2019 में हुए चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी को वोट देने वाले मतदाताओं में से भी 54 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. केवल 33 प्रतिशत को लगता है कि देश की बागडोर उनके हाथों में ही रहनी चाहिए.

हालांकि अधिकतर लोगों को लगता है कि वह पद से इस्तीफा नहीं देंगे. गौरतलब है कि साल 2019 के चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी को वोट देने वाले लोग अन्य लोगों की तुलना में यह ज्यादा मानते हैं कि जॉनसन इस्तीफा दे देंगे. इस समूह में शामिल एक चौथाई लोगों ने कहा कि जॉनसन निश्चित रूप से या संभवत: इस्तीफा देंगे. ये निष्कर्ष जॉनसन के लिए एक गंभीर चिंता का विषय हो सकते हैं. यह राजनीतिक प्रणाली में जनता के विश्वास को भी दर्शाते हैं. अधिकतर लोगों को लगता है कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए, जबकि बहुत कम लोग ऐसा मानते हैं कि वे ऐसा करेंगे. इसके अलावा कंजरवेटिव पार्टी को लगता है कि चुनाव के लिहाज से जॉनसन की कोई खास अपील नहीं रह गई है. ऐसे में यदि पार्टी उनके नेतृत्व में अगला आम चुनाव लड़ती है तो उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ें - ऋषि सुनक हो सकते हैं ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री, रेस में हैं सबसे आगे

कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान दावतें करने की बात सामने आने के बाद उनकी लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है. इसके बाद हाल में हुए उपचुनाव में उनकी पार्टी की हार के चलते भी जॉनसन की छवि को तगड़ा झटका लगा है. उपचुनाव में हार और सांसदों के इस्तीफा देने के बाद उनकी सरकार के बहुमत पर भी असर पड़ा है. ताजा चुनाव पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि यदि आज चुनाव कराए गए तो कंजरवेटिव पार्टी को शिकस्त का सामना करना पड़ सकता है और वह बहुमत से काफी दूर रह सकती है. इनमें ऐसी सीटों पर भी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ सकता है, जिनपर जॉनसन का काफी प्रभाव माना जा सकता है. यदि ऐसा होता है तो लेबर पार्टी को इन सीटों पर जीत मिल सकती है, जिसका मतलब कंजरवेटिव सरकार की विदाई होगा.

इस बीच, जॉनसन को बुधवार को संसद में भी विरोधी सांसदों के हमलों से दो-चार होना पड़ा. हालांकि भारी बहुमत का हवाला देते हुए उन्होंने नहीं झुकने का संकेत दिया और कहा कि वह 'आगे बढ़ते रहेंगे.' जॉनसन ने अपने इस्तीफे की लगातार मांग के जवाब में हाउस ऑफ कॉमन्स में साप्ताहिक प्राइम मिनिस्टर्स क्वेशचन (पीएमक्यू) सत्र में कहा, 'कठिन परिस्थितियों में किसी प्रधानमंत्री का काम, जब आपको भारी जनादेश सौंपा गया है, आगे बढ़ते रहना है, और मैं यही करने जा रहा हूं.' हालांकि कहा जा रहा है कि जॉनसन और कंजरवेटिव पार्टी की आंतरिक स्थिति ठीक नहीं है, जिसके चलते उनके सत्ता में बने रहने की संभावना काफी कम होती जा रही है. लिहाजा उपरोक्त सभी कारकों को मद्देनजर रखते हुए इस बात की आशंका जतायी जा रही है कि जॉनसन और उनकी कंजरवेटिव पार्टी के लिए आगे की राह बहुत कांटों भरी हो सकती है

ये भी पढ़ें - ब्रिटेन के पीएम पर दबाव बढ़ा, मंत्रियों ने उन्हें पद छोड़ने के लिए कहा

लंदन : बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. देश के नाम संबोधन में उन्होंने घोषणा की. जॉनसन ने कहा कि उनकी कंजरवेटिव पार्टी एक नए नेता और प्रधानमंत्री का चुनाव करेगी. जॉनसन ने कहा, 'मुझे अपनी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है. नए नेता के चुने जाने तक वह पद पर रहेंगे.' साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पद को छोड़ कर वह उदास हैं. वह नए नेता को यथासंभव समर्थन देंगे. जॉनसन (58) ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के सरकारी आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, अफसोस है कि कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया. उन्होंने कहा कि देश की मजबूती के लिए काम किया. मैंने देश को आगे ले जाने का काम किया. बोरिस जॉनसन के कहा कि कोविड के दौरान लोगों को राहत पहुंचाई. उन्होंने 'मिले विशेषाधिकार के लिए' ब्रिटिश जनता को धन्यवाद दिया.

  • लंदन: यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पुष्टि की कि वह पद छोड़ देंगे और उनकी कंजरवेटिव पार्टी एक नए नेता और प्रधानमंत्री का चुनाव करेगी।

    उन्होंने कहा, "मुझे अपनी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है, मैं नए नेता के आने तक काम जारी रखूंगा।" pic.twitter.com/RPMlQtfqgu

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) July 7, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के सदस्यों ने अन्य नेताओं का अनुसरण करते हुए व्यवहार किया. उन्होंने कहा, 'यह स्पष्ट रूप से संसदीय कंजर्वेटिव पार्टी की इच्छा है कि पार्टी का एक नया नेता हो और इसलिए एक नया प्रधानमंत्री होगा.' जॉनसन ने कहा कि वह पार्टी सांसदों के इस विचार से सहमत हैं कि नए नेता को चुनने की प्रक्रिया अभी शुरू होनी चाहिए और अगले सप्ताह इसके लिए समय सारिणी की घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा, '... मैंने काम करने के लिए आज एक कैबिनेट नियुक्त किया है क्योंकि अगले नेता के कार्यभार संभालने तक मैं काम करता रहूंगा.'

निवर्तमान प्रधानमंत्री ने दोहराया कि उन्हें 2019 के आम चुनाव में 'अविश्वसनीय जनादेश' मिला था और यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों में उन्होंने उस जनादेश का सम्मान करने के लिए व्यक्तिगत रूप से इतनी मेहनत की. उन्होंने कहा, 'मैंने महसूस किया कि यह मेरा काम, मेरा कर्तव्य, मेरा दायित्व है कि 2019 में हमने जो वादा किया था, उसे पूरा करते रहें.' पिछले कुछ दिनों के नाटकीय घटनाक्रम का जिक्र करते हुए जॉनसन ने कहा कि उन्होंने अपने सहयोगियों को मनाने की कोशिश की थी कि इस तरह के 'विशाल जनादेश' के साथ सरकारों को बदलना 'सनक' होगा. उन्होंने कहा, 'मुझे खेद है कि मैं उन तर्कों में सफल नहीं रहा.'

बता दें कि कंजरवेटिव पार्टी के एक सम्मेलन में नया नेता चुनने की प्रक्रिया पूरी होने तक जॉनसन '10 डाउनिंग स्ट्रीट' के प्रभारी बने रहेंगे. पार्टी का सम्मेलन अक्टूबर में होने का कार्यक्रम है. कई दिनों तक चले राजनीतिक घटनाक्रम के बाद जॉनसन ने यह कदम उठाया गया है. जॉनसन के मंत्रिमंडल के कई सदस्य मंगलवार से इस्तीफा दे चुके हैं. बोरिस जॉनसन के खिलाफ बगावत यहां तक बढ़ गई थी कि दो दिन के अंदर 40 से ज्यादा इस्तीफे हो गए थे. उनके खिलाफ 41 मंत्रियों ने बगावत कर दी थी. ये पूरा विवाद क्रिस पिंचर की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है. इसी साल फरवरी में जॉनसन ने क्रिस पिंचर को कंजर्वेटिव पार्टी का डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया था.

दूसरी तरफ जॉनसन सरकार में एक के बाद एक कांड सामने आने, देश की आर्थिक हालत बदतर होने और सिलसिलेवार हड़तालों के चलते उनकी कुर्सी संकट में घिर गई थी. तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि जॉनसन को इस्तीफा देना पड़ सकता है.

भारत ने टिप्पणी करने से किया इनकार : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद भारत ने गुरुवार को कहा कि वह नेतृत्व परिवर्तन पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा. मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'ये आंतरिक घटनाक्रम हैं. पीएम मोदी और पीएम बोरिस की घनिष्ठ मित्रता थी .लेकिन एक बड़े परिप्रेक्ष्य में, यूके एक रणनीतिक भागीदार है. हम नेतृत्व परिवर्तन पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.'

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा, सर्वेक्षणों ने बढ़ाई मुश्किलें - हाल में हुए सर्वेक्षणों पर नजर डालें, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि जॉनसन और उनकी पार्टी की आगे की राह कैसी होने वाली है. जिस दिन जाविद और सुनक ने अपने पदों से इस्तीफा दिया, उस दिन 'यूगोव' ने 3,000 वयस्कों पर किए गए एक संक्षिप्त सर्वेक्षण के परिणाम जारी किए, जिसमें कुछ लोगों का कहना था कि जॉनसन सत्ता में बने रहेंगे. सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 70 प्रतिशत लोगों को लगता है कि जॉनसन को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और केवल 18 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें पद पर बने रहना चाहिए. साल 2019 में हुए चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी को वोट देने वाले मतदाताओं में से भी 54 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. केवल 33 प्रतिशत को लगता है कि देश की बागडोर उनके हाथों में ही रहनी चाहिए.

हालांकि अधिकतर लोगों को लगता है कि वह पद से इस्तीफा नहीं देंगे. गौरतलब है कि साल 2019 के चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी को वोट देने वाले लोग अन्य लोगों की तुलना में यह ज्यादा मानते हैं कि जॉनसन इस्तीफा दे देंगे. इस समूह में शामिल एक चौथाई लोगों ने कहा कि जॉनसन निश्चित रूप से या संभवत: इस्तीफा देंगे. ये निष्कर्ष जॉनसन के लिए एक गंभीर चिंता का विषय हो सकते हैं. यह राजनीतिक प्रणाली में जनता के विश्वास को भी दर्शाते हैं. अधिकतर लोगों को लगता है कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए, जबकि बहुत कम लोग ऐसा मानते हैं कि वे ऐसा करेंगे. इसके अलावा कंजरवेटिव पार्टी को लगता है कि चुनाव के लिहाज से जॉनसन की कोई खास अपील नहीं रह गई है. ऐसे में यदि पार्टी उनके नेतृत्व में अगला आम चुनाव लड़ती है तो उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ें - ऋषि सुनक हो सकते हैं ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री, रेस में हैं सबसे आगे

कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान दावतें करने की बात सामने आने के बाद उनकी लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है. इसके बाद हाल में हुए उपचुनाव में उनकी पार्टी की हार के चलते भी जॉनसन की छवि को तगड़ा झटका लगा है. उपचुनाव में हार और सांसदों के इस्तीफा देने के बाद उनकी सरकार के बहुमत पर भी असर पड़ा है. ताजा चुनाव पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि यदि आज चुनाव कराए गए तो कंजरवेटिव पार्टी को शिकस्त का सामना करना पड़ सकता है और वह बहुमत से काफी दूर रह सकती है. इनमें ऐसी सीटों पर भी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ सकता है, जिनपर जॉनसन का काफी प्रभाव माना जा सकता है. यदि ऐसा होता है तो लेबर पार्टी को इन सीटों पर जीत मिल सकती है, जिसका मतलब कंजरवेटिव सरकार की विदाई होगा.

इस बीच, जॉनसन को बुधवार को संसद में भी विरोधी सांसदों के हमलों से दो-चार होना पड़ा. हालांकि भारी बहुमत का हवाला देते हुए उन्होंने नहीं झुकने का संकेत दिया और कहा कि वह 'आगे बढ़ते रहेंगे.' जॉनसन ने अपने इस्तीफे की लगातार मांग के जवाब में हाउस ऑफ कॉमन्स में साप्ताहिक प्राइम मिनिस्टर्स क्वेशचन (पीएमक्यू) सत्र में कहा, 'कठिन परिस्थितियों में किसी प्रधानमंत्री का काम, जब आपको भारी जनादेश सौंपा गया है, आगे बढ़ते रहना है, और मैं यही करने जा रहा हूं.' हालांकि कहा जा रहा है कि जॉनसन और कंजरवेटिव पार्टी की आंतरिक स्थिति ठीक नहीं है, जिसके चलते उनके सत्ता में बने रहने की संभावना काफी कम होती जा रही है. लिहाजा उपरोक्त सभी कारकों को मद्देनजर रखते हुए इस बात की आशंका जतायी जा रही है कि जॉनसन और उनकी कंजरवेटिव पार्टी के लिए आगे की राह बहुत कांटों भरी हो सकती है

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Last Updated : Jul 7, 2022, 7:51 PM IST
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