मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Former cm Uddhav Thackeray) ने बुधवार को कहा कि चुनाव आयोग के 'शिवसेना' के नाम और 'धनुष और बाण' के चुनाव चिन्ह पर रोक लगाने के कदम ने उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को नाराज कर दिया है और वे बागियों को सबक सिखाएंगे. निर्वाचन आयोग ने सोमवार को शिवसेना के ठाकरे धड़े को मशाल चुनाव चिन्ह आवंटित किया था.
शिवसेना में विवाद को लेकर अपने आदेश में निर्वाचन आयोग ने ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े को 'शिवसेना- उद्धव बालासाहेब ठाकरे' नाम दिया था जबकि पार्टी के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'बालासाहेबंची शिव सेना' नाम दिया गया था. शिंदे के पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने के बाद इस साल जून में प्रदेश में महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी. बाद में भाजपा के समर्थन से शिंदे मुख्यमंत्री बने थे.
पड़ोसी रायगढ़ जिले के उरण से बुधवार को अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि उनका संगठन उसे नष्ट करने के सभी प्रयासों का मुकाबला करेगा तथा ज्यादा मजबूत होकर उभरेगा. उन्होंने कहा, 'हम अपने विरोधियों को करारा सबक सिखाएंगे. हमारा खौलता खून यह सुनिश्चित करेगा कि हमारे विरोधियों को सबक सिखाया जाए.' ठाकरे ने कहा कि निकट भविष्य में शिवसेना की 'लहर' होगी और 'हमारी पार्टी से एक मुख्यमंत्री होगा'.
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे अपने नए चुनाव चिन्ह 'मशाल' के बारे में हर घर में जागरूकता सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा, 'हमें ग्राम पंचायत से लोकसभा तक चुनावों के लिये तैयारी करनी है.' चुनाव आयोग ने तीन नवंबर को मुंबई में अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव से पहले दोनों गुटों को 'शिवसेना' और उसके चुनाव चिन्ह 'धनुष और बाण' का इस्तेमाल करने से रोक दिया था ताकि प्रतिद्वंद्वी समूहों को एक समान स्थिति में रखा जा सके और उनके अधिकारों और हितों की रक्षा की जा सके.
ये भी पढ़ें - Andheri east byelection : उद्धव गुट के उम्मीदवार पर शिंदे गुट को 'आपत्ति', बढ़ा बवाल
(पीटीआई-भाषा)