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उदयपुर हत्याकांड के पीछे हो सकता है आईएस का हाथ : NIA - nia

उदयपुर में दिनदहाड़े हुई टेलर कन्हैयालाल की हत्या में IS आतंकी संगठन का जुड़ाव होने का राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) संदेह कर रही है. यह बात मामले की जांच टीम में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि इस अपराध के पीछे एक बड़ी साजिश हो सकती है. यह सिर्फ दो लोगों की हरकत नहीं है. ये हत्याकांड आईएस से प्रेरित हो सकता है. आगे की खबर के लिए पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देवरॉय की ये रिपोर्ट...

राष्ट्रीय जांच एजेंसी
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Published : Jun 30, 2022, 9:38 PM IST

नई दिल्ली : राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या के पीछे इस्लामिक स्टेट (आईएस) का हाथ होने का एनआईए संदेह कर रही है. यह बात राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के एक आईजी स्तर के अधिकारी ईटीवी भारत को बतायी. ये आईजी स्तर के अधिकारी कन्हैयालाल की हत्या के लिए बनी जांच टीम में शामिल कराये गए हैं. बता दें कि कन्हैयालाल की हत्या नुपूर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई कथित विवादित टिप्पणी का समर्थन करने पर हुई थी. जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कन्हैयालाल की हत्या किसी आतंकी हमले की तरह लग रही है. NIA को संदेह है कि इस घटना में एक बड़े आतंकी समूह का हाथ हो सकता है.

अधिकारी ने कहा, "इस अपराध के पीछे एक बड़ी साजिश हो सकती है. यह सिर्फ दो लोगों की हरकत नहीं है. ये हत्याकांड आईएस से प्रेरित हो सकता है." पहले के कई मौकों पर, इस्लामिक स्टेट और अल कायदा ने वीडियो प्रसारित कर आतंकित करने की कोशिश की है. आरोपियों ने कन्हैयालाल की हत्‍या करने धमकी भी दी थी. उन्होंने कहा है कि आरोपियों ने न केवल हत्या की बल्कि इस अपराध का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर पूरे देश में आतंक बढ़ाने की कोशिश की है. इन आरोपियों ने वीडियो में इस अपराध की जिम्‍मेदारी भी ली है. जो स्पष्ट रूप से आतंकी गतिविधि है.

अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हम सभी कोणों से घटना की जांच कर रहे हैं. आरोपियों ने वीडियो जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली है, उनका एकमात्र इरादा आतंक पैदा करना है. वे अपने समुदाय के सामने हीरो बनना चाहते हैं या सिर्फ दूसरों को प्रेरित करना चाहते हैं." NIA अगले 180 दिनों में मामले में चार्जशीट दाखिल कर सकती है. दावत ए इस्लामी जैसे पाकिस्तानी संगठन की संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि इस समय कोई दावा करना जल्दबाजी होगी. दावत ए इस्लामिक मदरसे भी चलाते हैं. प्रारंभिक जांच में इस प्रकार के जघन्य घटनाएं पाकिस्तान के दावत ए इस्लामी जैसे संगठनों की ओर इशारा करती हैं.

अधिकारी ने कहा, "दावत ए इस्लामी एक राजनीतिक और धार्मिक संस्था है. जब तक हमें कोई सबूत नहीं मिलता है, हम कोई दावा नहीं कर सकते हैं. संदेह है कि हत्याकांड का आरोपी दावत ए इस्लामी का शागिर्द हो." अधिकारी ने इस संभावना से इंकार किया कि दोनों आरोपियों को आगे की जांच के लिए दिल्ली लाया जाएगा. अधिकारी ने बताया, "उन्हें जयपुर में एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा."

गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद एनआईए ने बुधवार को कन्हैया लाल की हत्या के मामले को अपने हाथ में ले लिया है. इस बीच, उदयपुर की घटना के बाद हिंसा की किसी भी संभावित घटना को रोकने के लिए पूरे देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. सभी केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ राज्य सुरक्षा बलों को अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में विशेष गश्त सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एजेंसियों को भी विशेष निर्देश जारी किए गए हैं. यह संदेह है कि भारत विरोधी ताकतें दूसरों को भड़काने के लिए धर्म से संबंधी नकली वीडियो प्रसारित कर अराजकता पैदा करने की कोशिश कर सकती हैं. अधिकारी ने कहा, "सभी एजेंसियों को फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और अन्य जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विशेष निगरानी रखने के लिए कहा गया है."

नई दिल्ली : राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या के पीछे इस्लामिक स्टेट (आईएस) का हाथ होने का एनआईए संदेह कर रही है. यह बात राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के एक आईजी स्तर के अधिकारी ईटीवी भारत को बतायी. ये आईजी स्तर के अधिकारी कन्हैयालाल की हत्या के लिए बनी जांच टीम में शामिल कराये गए हैं. बता दें कि कन्हैयालाल की हत्या नुपूर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई कथित विवादित टिप्पणी का समर्थन करने पर हुई थी. जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कन्हैयालाल की हत्या किसी आतंकी हमले की तरह लग रही है. NIA को संदेह है कि इस घटना में एक बड़े आतंकी समूह का हाथ हो सकता है.

अधिकारी ने कहा, "इस अपराध के पीछे एक बड़ी साजिश हो सकती है. यह सिर्फ दो लोगों की हरकत नहीं है. ये हत्याकांड आईएस से प्रेरित हो सकता है." पहले के कई मौकों पर, इस्लामिक स्टेट और अल कायदा ने वीडियो प्रसारित कर आतंकित करने की कोशिश की है. आरोपियों ने कन्हैयालाल की हत्‍या करने धमकी भी दी थी. उन्होंने कहा है कि आरोपियों ने न केवल हत्या की बल्कि इस अपराध का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर पूरे देश में आतंक बढ़ाने की कोशिश की है. इन आरोपियों ने वीडियो में इस अपराध की जिम्‍मेदारी भी ली है. जो स्पष्ट रूप से आतंकी गतिविधि है.

अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हम सभी कोणों से घटना की जांच कर रहे हैं. आरोपियों ने वीडियो जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली है, उनका एकमात्र इरादा आतंक पैदा करना है. वे अपने समुदाय के सामने हीरो बनना चाहते हैं या सिर्फ दूसरों को प्रेरित करना चाहते हैं." NIA अगले 180 दिनों में मामले में चार्जशीट दाखिल कर सकती है. दावत ए इस्लामी जैसे पाकिस्तानी संगठन की संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि इस समय कोई दावा करना जल्दबाजी होगी. दावत ए इस्लामिक मदरसे भी चलाते हैं. प्रारंभिक जांच में इस प्रकार के जघन्य घटनाएं पाकिस्तान के दावत ए इस्लामी जैसे संगठनों की ओर इशारा करती हैं.

अधिकारी ने कहा, "दावत ए इस्लामी एक राजनीतिक और धार्मिक संस्था है. जब तक हमें कोई सबूत नहीं मिलता है, हम कोई दावा नहीं कर सकते हैं. संदेह है कि हत्याकांड का आरोपी दावत ए इस्लामी का शागिर्द हो." अधिकारी ने इस संभावना से इंकार किया कि दोनों आरोपियों को आगे की जांच के लिए दिल्ली लाया जाएगा. अधिकारी ने बताया, "उन्हें जयपुर में एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा."

गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद एनआईए ने बुधवार को कन्हैया लाल की हत्या के मामले को अपने हाथ में ले लिया है. इस बीच, उदयपुर की घटना के बाद हिंसा की किसी भी संभावित घटना को रोकने के लिए पूरे देश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. सभी केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ राज्य सुरक्षा बलों को अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में विशेष गश्त सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एजेंसियों को भी विशेष निर्देश जारी किए गए हैं. यह संदेह है कि भारत विरोधी ताकतें दूसरों को भड़काने के लिए धर्म से संबंधी नकली वीडियो प्रसारित कर अराजकता पैदा करने की कोशिश कर सकती हैं. अधिकारी ने कहा, "सभी एजेंसियों को फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और अन्य जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विशेष निगरानी रखने के लिए कहा गया है."

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