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Uttarakhand Glacier Burst: तपोवन टनल से दो और शव बरामद - two more bodies recovered from tapovan

एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना की टनल से शवों के मिलने का सिलसिला जारी है. साफ-सफाई के दौरान टनल से दो और शव बरामद हुए हैं.

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तपोवन टनल से दो और शव बरामद
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Published : Jun 9, 2022, 11:40 AM IST

चमोली: एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना की टनल से शवों के मिलने का सिलसिला जारी है. आपदा के एक साल से अधिक का समय हो गया है. इसी बीच 9 जून को तपोवन-विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना की टनल में दो क्षत-विक्षत शव पाए गए. अधिकारियों ने कहा कि टनल की साफ-सफाई के दौरान आपदा के दौरान मृत दो लोगों के शव बरामद हुए हैं. अधिकारियों के मुताबिक एक शव का सिर गायब है और दूसरे का शव विक्षत अवस्था में टनल के अंदर से बरामद हुआ है.

सात फरवरी 2021 को ऋषि गंगा में ग्लेशियर टूटने से एनटीपीसी की 520 मेगावाट की तपोवन टनल और बैराज में मलबा और पानी घुसने से करीब 205 लोग जिंदा मलबे में दफन हो गए थे. अब भी मलबे में शवों के मिलने का सिलसिला जारी है.

पढ़ें: संवेदनशील नदियों पर पावर प्रोजेक्ट की अनुमति मिलने से उठे सवाल

पानी के सैलाब ने ऋषि गंगा जलविद्युत परियोजना को पूरी तरह से तबाह कर दिया था. एनटीपीसी की इस टनल में अभी भी कई टन मलबे में शव फंसे हुए हैं. बिना सिर वाले शव की पहचान जोशीमठ के पास ढाक गांव के हरीश सिंह के रूप में हुई है. दूसरे शव की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है. पुलिस ने कहा कि त्रासदी के बाद कुल 205 लोगों के लापता होने की खबर है, जिनमें से अब तक 82 शव और एक मानव अंग बरामद हुए हैं.

ऋषिगंगा नदी से आई आपदा: इसके साथ ही रैणी गांव के पास ऋषिगंगा नदी पर नदी तल से करीब 70 मीटर ऊंचाई पर बना एक बड़ा पुल भी बह गया था, जिससे नदी के ऊपर के गांवों और सीमावर्ती क्षेत्रों में आपूर्ति बाधित हो गई और फिर यह मलबा आगे बढ़ते हुए तपोवन परियोजना को भी क्षतिग्रस्त कर गया.

तपोवन हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट धौलीगंगा नदी पर 520 मेगावाट क्षमता की परियोजना थी. चमोली आपदा के दौरान तपोवन एचईपी में करीब 20 मीटर और बैराज गेट्स के पास 12 मीटर ऊंचाई तक मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर जमा हो गए थे. जिससे इस प्रोजेक्ट को भी काफी नुकसान पहुंचा था. इस आपदा में करीब 1,625 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था.

चमोली: एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना की टनल से शवों के मिलने का सिलसिला जारी है. आपदा के एक साल से अधिक का समय हो गया है. इसी बीच 9 जून को तपोवन-विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना की टनल में दो क्षत-विक्षत शव पाए गए. अधिकारियों ने कहा कि टनल की साफ-सफाई के दौरान आपदा के दौरान मृत दो लोगों के शव बरामद हुए हैं. अधिकारियों के मुताबिक एक शव का सिर गायब है और दूसरे का शव विक्षत अवस्था में टनल के अंदर से बरामद हुआ है.

सात फरवरी 2021 को ऋषि गंगा में ग्लेशियर टूटने से एनटीपीसी की 520 मेगावाट की तपोवन टनल और बैराज में मलबा और पानी घुसने से करीब 205 लोग जिंदा मलबे में दफन हो गए थे. अब भी मलबे में शवों के मिलने का सिलसिला जारी है.

पढ़ें: संवेदनशील नदियों पर पावर प्रोजेक्ट की अनुमति मिलने से उठे सवाल

पानी के सैलाब ने ऋषि गंगा जलविद्युत परियोजना को पूरी तरह से तबाह कर दिया था. एनटीपीसी की इस टनल में अभी भी कई टन मलबे में शव फंसे हुए हैं. बिना सिर वाले शव की पहचान जोशीमठ के पास ढाक गांव के हरीश सिंह के रूप में हुई है. दूसरे शव की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है. पुलिस ने कहा कि त्रासदी के बाद कुल 205 लोगों के लापता होने की खबर है, जिनमें से अब तक 82 शव और एक मानव अंग बरामद हुए हैं.

ऋषिगंगा नदी से आई आपदा: इसके साथ ही रैणी गांव के पास ऋषिगंगा नदी पर नदी तल से करीब 70 मीटर ऊंचाई पर बना एक बड़ा पुल भी बह गया था, जिससे नदी के ऊपर के गांवों और सीमावर्ती क्षेत्रों में आपूर्ति बाधित हो गई और फिर यह मलबा आगे बढ़ते हुए तपोवन परियोजना को भी क्षतिग्रस्त कर गया.

तपोवन हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट धौलीगंगा नदी पर 520 मेगावाट क्षमता की परियोजना थी. चमोली आपदा के दौरान तपोवन एचईपी में करीब 20 मीटर और बैराज गेट्स के पास 12 मीटर ऊंचाई तक मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर जमा हो गए थे. जिससे इस प्रोजेक्ट को भी काफी नुकसान पहुंचा था. इस आपदा में करीब 1,625 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था.

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