नई दिल्ली: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह सहित दो विधायकों ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया.
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मणिपुर के प्रभारी एवं पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा की मौजूदगी में यहां स्थित पार्टी मुख्यालय में राजकुमार इमो सिंह और यामथंग हावकिप ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.
इमो सिंह ने 2012 और 2017 में कांग्रेस के टिकट पर इम्फाल पश्चिम जिले की सगोलबंद विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी. बाद में उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था. वर्तमान विधानसभा में वह किसी भी दल से संबद्ध नहीं हैं.
इमो सिंह मणिपुर से केंद्र सरकार में पहली बार मंत्री बनने वाले राजकुमार जयचंद्र सिंह के पुत्र हैं. वह राज्य के मुख्यमंत्री भी थे. इमो सिंह मणिपुर क्रिक्रेट संघ के अध्यक्ष भी हैं और वह कांग्रेस में कई पदों पर काम कर चुके हैं.
यामथंग हावकिप कांगपोपकी जिले की सायकुल विधानसभा सीट से दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. भाजपा की सदस्ता ग्रहण करने के बाद इमो सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सात सालों में देश की शांति, समृद्धि और स्थिरता के बहुत सारे सराहनीय काम किए हैं. उन्होंने कहा कि मणिपुर पहले कानून एवं व्यवस्था की समस्याओं, नाकेबंदी और विभिन्न क्षेत्रों के बीच तनाव के लिए जाना जाता था, लेकिन राज्य में अब यह स्थिति नहीं रही.
सोनोवाल ने इस अवसर पर दोनों नेताओं का पार्टी में स्वागत किया और कहा कि प्रधानमंत्री के विकास कार्यों से न केवल जनता बल्कि नेता भी प्रभावित हो रहे हैं और भाजपा का दामन थाम रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूर्वोत्तर के राज्यों ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है. उन्होंने कहा, पहले पूर्वोत्तर के नेताओं को दिल्ली की ओर ताकना पड़ता था, लेकिन अब केंद्रीय मंत्री और तमाम अधिकारी खुद पूर्वोत्तर जाते हैं और विकास की योजनाओं की अमली जामा पहनाते हैं और उनकी निगरानी भी करते हैं.
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दोनों नेताओं का भाजपा में स्वागत करते हुए पात्रा ने उन्हें भरोसा दिलाया कि इस लोकतांत्रिक पार्टी में उन्हें प्रदर्शन करने का भरपूर मौका मिलेगा. उन्होंने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की विजय सुनिश्चित है. गौरतलब है कि अगले साल की शुरुआत में मणिपुर में विधानसभा के चुनाव होने हैं, जहां भाजपा एक बार फिर से सत्ता में वापसी के लिए प्रयासरत है.