कोच्चि: केरल के कोच्चि में एनआईए की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से संबंधित मामले में दो व्यक्तियों को सात-सात साल के सश्रम कारावास, जबकि तीसरे शख्स को छह साल कैद की सजा सुनाई. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के विशेष न्यायाधीश अनिल के. भास्कर ने मामले में पहले और पांचवें दोषी -- मिदलाज (31) और हमसा (61) को सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई. साथ ही, उन पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
अदालत ने दूसरे दोषी अब्दुल रजाक (38) को छह साल कैद की सजा सुनाई और उसपर 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. अदालत ने मंगलवार को तीनों को आतंकवाद की विचारधारा फैलाने और सीरिया भागने की कोशिश करने के जुर्म में दोषी ठहराया था. इस बीच, एनआईए के स्थाई वकील पीजी मनू ने मीडिया को बताया कि वह अभियोजन के फैसले से संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा कि उनपर साजिश के आरोप साबित हुए हैं जिसके बाद उन्हें दोषी ठहराया गया और उन्हें सजा सुनाई गई.
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एनआईए ने केरल पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी को अक्टूबर 2017 में फिर से दर्ज किया था और मामले की जांच शुरू की थी. इसके बाद एनआईए ने अप्रैल 2018 में चार लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था जिनमें से तीन का जिक्र ऊपर है. यह मामला पहले कन्नूर जिले के वलापट्टनम थाने में दर्ज किया गया था, क्योंकि इस तरह की खबरें थी कि जिले के 15 लोग आईएस में शामिल हो गए हैं.