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ट्विटर ने कोरोना संकट का मुकाबला करने के लिए भारत को दिए 1.5 करोड़ डॉलर - कोविड-19 भारत

कोरोना की दूसरी लहर के चलते भारत में रोजाना संक्रमितों का आंकड़ा अमूमन 3 लाख पार कर रहा है. देश की बदत्तर स्वास्थ्य व्यवस्था, टीके और ऑक्सीजन की भारी किल्लत, साथ ही अस्पतालों के बदहाली की सूरत देश से तो क्या विदेशों से भी नहीं छिपी है. इसलिए तमाम देश भारत की मदद के लिए अपने हाथ उठा रहे हैं. हाल फिलहाल में सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने भी भारत में कोविड-19 संकट का मुकाबला करने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर की धनराशि से मदद की हैं.

Twitter Supports $ 1.5 Million for Covid-19 Relief Operations in India
ट्विटर ने कोविड-19 संकट के लिए भारत को दिए 1.5 करोड़ डॉलर
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Published : May 11, 2021, 2:03 PM IST

वॉशिंगटनः कोरोना की दूसरी लहर ने भारत को अपनी जद्द में ले रखा है. रोजाना संक्रमितों का आंकड़ा अमूमन 3 लाख पार कर रहा है. देश की बदत्तर स्वास्थ्य व्यवस्था, टीके और ऑक्सीजन की भारी किल्लत, साथ ही अस्पतालों के बदहाली की सूरत देश से तो क्या विदेशों से भी नहीं छिपी है. इसलिए तमाम देश भारत की मदद के लिए अपने हाथ उठा रहे हैं. हाल फिलहाल में सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने भारत में कोविड-19 संकट का मुकाबला करने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर की धनराशि से मदद की हैं.

गौरतलब है कि भारत कोरोना वायरस महामारी की दूसरी जानलेवा लहर का सामना कर रहा है. इसी बीच ट्विटर के सीईओ जैक पैट्रिक डोर्सी ने सोमवार को ट्वीट किया कि यह राशि तीन गैर-सरकारी संगठनों- केयर, एड इंडिया और सेवा इंटरनेशनल यूएसए को दान की गई है. केयर को एक करोड़ डॉलर दिए गए हैं, जबकि एड इंडिया और सेवा इंटरनेशनल यूएसए को 25-25 लाख डॉलर दिए गए हैं.

ट्विटर ने एक बयान में कहा कि सेवा इंटरनेशनल एक हिंदू आस्था आधारित मानवीय और गैर-लाभकारी सेवा संगठन है. इस अनुदान से सेवा इंटरनेशनल के 'हेल्प इंडिया डिफीट कोविड​-19' अभियान के तहत ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर, बायपैप (बाइलेवल पॉजिटिव एयरवे प्रेशर) मशीनों जैसे जीवन रक्षक उपकरणों को खरीदा जाएगा. बयान में कहा गया है कि ये उपकरण सरकारी अस्पतालों और कोविड-19 देखभाल केंद्रों और अस्पतालों में वितरित किए जाएंगे.

इस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सेवा इंटरनेशनल के उपाध्यक्ष संदीप खडकेकर (विपणन और कोष विकास) ने इस दान के लिए डोर्सी को धन्यवाद दिया और कहा कि इससे सेवा के कार्यों को मान्यता मिली है.उन्होंने कहा कि हम स्वयंसेवकों द्वारा संचालति एक गैर-लाभकारी संगठन हैं, और पवित्र हिंदू मंत्र सर्व भवन्तु सुखिनः का पालन करते हुए सभी की सेवा में विश्वास करते हैं. सेवा की प्रशासनिक लागत लगभग पांच प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि दान में मिले प्रत्येक 100 डॉलर सें 95 डॉलर उन लोगों पर खर्च किया जाता है, जिनके लिए दान मिला है.

पढ़ेंः जेपी नड्डा ने लिखी सोनिया गांधी को चिट्ठी, कहा- लोगों को गुमराह करना बंद करे कांग्रेस

ह्यूस्टन मुख्यालय वाले सेवा यूएसए ने भी अब तक भारत में कोविड-19 राहत कार्यों के लिए 1.75 करोड़ अमरीकी डालर जुटाए हैं. बता दें, केयर वैश्विक गरीबी से लड़ने वाला एक अग्रणी मानवीय संगठन है. एसोसिएशन फॉर इंडियाज डेवलपमेंट (एड) एक स्वयंसेवी संगठन है, जो स्थायी, न्यायसंगत विकास को बढ़ावा देता है.

वॉशिंगटनः कोरोना की दूसरी लहर ने भारत को अपनी जद्द में ले रखा है. रोजाना संक्रमितों का आंकड़ा अमूमन 3 लाख पार कर रहा है. देश की बदत्तर स्वास्थ्य व्यवस्था, टीके और ऑक्सीजन की भारी किल्लत, साथ ही अस्पतालों के बदहाली की सूरत देश से तो क्या विदेशों से भी नहीं छिपी है. इसलिए तमाम देश भारत की मदद के लिए अपने हाथ उठा रहे हैं. हाल फिलहाल में सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने भारत में कोविड-19 संकट का मुकाबला करने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर की धनराशि से मदद की हैं.

गौरतलब है कि भारत कोरोना वायरस महामारी की दूसरी जानलेवा लहर का सामना कर रहा है. इसी बीच ट्विटर के सीईओ जैक पैट्रिक डोर्सी ने सोमवार को ट्वीट किया कि यह राशि तीन गैर-सरकारी संगठनों- केयर, एड इंडिया और सेवा इंटरनेशनल यूएसए को दान की गई है. केयर को एक करोड़ डॉलर दिए गए हैं, जबकि एड इंडिया और सेवा इंटरनेशनल यूएसए को 25-25 लाख डॉलर दिए गए हैं.

ट्विटर ने एक बयान में कहा कि सेवा इंटरनेशनल एक हिंदू आस्था आधारित मानवीय और गैर-लाभकारी सेवा संगठन है. इस अनुदान से सेवा इंटरनेशनल के 'हेल्प इंडिया डिफीट कोविड​-19' अभियान के तहत ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर, बायपैप (बाइलेवल पॉजिटिव एयरवे प्रेशर) मशीनों जैसे जीवन रक्षक उपकरणों को खरीदा जाएगा. बयान में कहा गया है कि ये उपकरण सरकारी अस्पतालों और कोविड-19 देखभाल केंद्रों और अस्पतालों में वितरित किए जाएंगे.

इस घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सेवा इंटरनेशनल के उपाध्यक्ष संदीप खडकेकर (विपणन और कोष विकास) ने इस दान के लिए डोर्सी को धन्यवाद दिया और कहा कि इससे सेवा के कार्यों को मान्यता मिली है.उन्होंने कहा कि हम स्वयंसेवकों द्वारा संचालति एक गैर-लाभकारी संगठन हैं, और पवित्र हिंदू मंत्र सर्व भवन्तु सुखिनः का पालन करते हुए सभी की सेवा में विश्वास करते हैं. सेवा की प्रशासनिक लागत लगभग पांच प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि दान में मिले प्रत्येक 100 डॉलर सें 95 डॉलर उन लोगों पर खर्च किया जाता है, जिनके लिए दान मिला है.

पढ़ेंः जेपी नड्डा ने लिखी सोनिया गांधी को चिट्ठी, कहा- लोगों को गुमराह करना बंद करे कांग्रेस

ह्यूस्टन मुख्यालय वाले सेवा यूएसए ने भी अब तक भारत में कोविड-19 राहत कार्यों के लिए 1.75 करोड़ अमरीकी डालर जुटाए हैं. बता दें, केयर वैश्विक गरीबी से लड़ने वाला एक अग्रणी मानवीय संगठन है. एसोसिएशन फॉर इंडियाज डेवलपमेंट (एड) एक स्वयंसेवी संगठन है, जो स्थायी, न्यायसंगत विकास को बढ़ावा देता है.

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