नई दिल्ली : माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के व्यक्तिगत ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक को हटाने के बाद दोबारा बहाल कर दिया है. उपराष्ट्रपति सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि ट्विटर पर नायडू का निजी अकाउंट लंबे समय से निष्क्रिय था और ट्विटर अल्गोरिद्म ने ब्लू टिक हटा दिया.
इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि ट्विटर सत्यापन पहचान को बहाल करने की प्रक्रिया में है. उपराष्ट्रपति के इस निजी अकाउंट से पिछले साल 23 जुलाई को आखिरी बार पोस्ट की गयी थी.
अधिकारियों ने बताया कि अकाउंट से ब्लू टिक हटने के बारे में शनिवार सुबह पता चलने के बाद ट्विटर से संपर्क किया गया और इसके बाद ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया.
ट्विटर ने कहा कि यह अकाउंट जुलाई 2020 से निष्क्रिय था और अब उसे सत्यापित करने वाले ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया है. उपराष्ट्रपति ट्वीट करने के लिए आधिकारिक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं.
ट्विटर का अपमानजनक कृत्य !
ट्विटर ने भले ही उपराष्ट्रपति नायडू के निजी हैंडल पर ब्लू टिक बहाल कर दिया, लेकिन सरकारी सूत्रों ने इसे देश के 'नंबर 2' संवैधानिक प्रमुख के खिलाफ एक अपमानजनक कृत्य करार दिया है.
सूत्रों ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्रियों अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के हैंडल 2019 में उनकी मृत्यु के बाद लंबे समय तक सत्यापित रहे.
आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने सवाल किया, 'उपराष्ट्रपति राजनीति से ऊपर हैं. यह एक संवैधानिक पद है. क्या ट्विटर संवैधानिक पदों पर बैठे अमेरिकी नेताओं के साथ ऐसा कर सकता है?'
उपराष्ट्रपति और पूर्व भाजपा अध्यक्ष नायडू के अकाउंट को 'असत्यापित' करने का ट्विटर का यह कदम विवादास्पद माना जा रहा है, क्योंकि नए डिजिटल नियमों सहित कई मुद्दों पर सरकार के साथ ट्विटर का टकराव चल रहा है.
आरएसएस नेताओं के हैंडल से भी ब्लू टिक हटा
ट्विटर ने आरएसएस के कुछ नेताओं के ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया है. इनमें सुरेश सोनी, अरुण कुमार, कृष्ण गोपाल और सुरेश जोशी के नाम शामिल हैं.
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के अनुसार, ट्विटर पर नीला सत्यापित बैज लोगों को यह बताता है कि संबंधित व्यक्ति का प्रामाणिक खाता है. नीला बैज प्राप्त करने के लिए, अकाउंट प्रामाणिक, प्रसिद्ध और सक्रिय होना चाहिए.
अकाउंट सत्यापित करने का उद्देश्य एक खाते की पहचान की पुष्टि करके प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं के बीच विश्वास को प्रोत्साहित करना है.