चेन्नई : चिन्नाथंबी (Chinnathambi) हाथी को 2019 में कोयंबटूर जिले में वन अधिकारियों ने पकड़ा था. पहले उसे 'कुमकी हाथी' (प्रशिक्षित हाथी) में बदलने की कोई योजना नहीं थी लेकिन बाद में चिन्नाथंबी के स्वभाव को देखते हुए उसे 'कुमकी हाथी' के रूप में प्रशिक्षित किया गया. कुमकी हाथी वह हाथी होते हैं जिन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है.
उसे करीब 13 महीने तक प्रशिक्षित किया गया. इस बीच डिंडीगुल जिले के पंडरी मलाई, अझागु मलाई, थेनिमलाई, कोम्बई, पन्नईपट्टी जैसे गांवों में, 'कुट्टई कोम्बन' नाम का जंगली हाथी खेतों को खराब कर रहा है. इसके साथ ही वह खतरनाक भी है ग्रामीणों को नुकसान पहुंचा सकता है. समस्या को देखते हुए चिन्नाथंबी को कुट्टई कोम्बन को भगाने का काम दिया गया है.
आमतौर पर जंगली हाथियों को भगाने का काम कुमकी हाथी 'कलीम' को दिया जाता है. कलीम 57 साल का हो गया है. ऐसे में इस बार चिन्नाथंबी को आजमाया जा रहा है. चूंकि चिन्नाथंबी का यह पहला काम है इसलिए वन अधिकारियों ने सीनियर कुमकी कलीम को जूनियर कुमकी चिन्नाथंबी के साथ भेजा है. इस टीम के साथ 30 से अधिक वन अधिकारी भी हैं.
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