नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में सात सीटों पर उपचुनाव जल्द कराने के लिये तृणमूल कांग्रेस सांसदों का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को चुनाव आयोग से मिला और एक बार फिर ज्ञापन सौंपा. इससे पहले 15 जुलाई को भी दिल्ली में तृणमूल सांसदों की टीम चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर आई थी. इसके अलावा पार्टी ने पांच अगस्त को भी कोलकाता में राज्य चुनाव आयुक्त को जल्द उपचुनाव चुनाव आयोजित करने के लिये निवेदन दिया था.
पांच सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल महुआ मोइत्रा ने आयोग से बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में बताया कि चुनाव आयुक्तों के साथ उनकी बैठक सकारात्मक रही है और उन्हें उम्मीद है कि तमाम पहलुओं पर विचार करते हुए आयोग अविलंब उपचुनाव आयोजित करेगा.
चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों से उपचुनाव के आयोजन को लेकर उनके विचार लिखित में मांगे थे. इसके लिये अंतिम तिथि 30 अगस्त तय की गई थी. तृणमूल की तरफ से लिखित जबाब दिया जा चुका है.
महुआ ने आगे बताया कि जब अप्रैल में बंगाल के विधानसभा चुनाव हुए थे, तब कोरोना संक्रमण का दर 17000 प्रतिदिन तक था, लेकिन अभी स्थिति बहुत नियंत्रित हो चुकी है और प्रतिदिन केवल 830 के आस पास ही मामले आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यदि जिन सात सीटों पर चुनाव होने हैं उनकी बात करें, तो वहां संक्रमण की संख्या और भी कम है. ऐसे में चुनाव कराने के लिये यह स्थिति ठीक है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल की सबसे बड़ी चिंता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विधायक बनाने की है. दरअसल, ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव हार गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी पार्टी ने उन्हें नेता चुना और वह तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं, लेकिन पद पर बने रहने के लिये उनका चुनाव जीतना जरूरी है.
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नियमानुसार रिक्त सीट पर छह महीने के भीतर चुनाव आयोजित होने चाहिये और इतना ही समय ममता बनर्जी के पास भी है. बंगाल चुनाव के बाद अब लगभग चार महीने पूरे होने वाले हैं, ऐसे में तृणमूल कांग्रेस की बेचैनी बढ़ रही है.
हालांकि तृणमूल सांसद ने बताया कि चुनाव आयोग से उनकी बैठक बहुत सकारात्मक रही है और चुनाव आयुक्त ने स्वयं कहा कि आयोग का काम चुनाव आयोजित कराना है, उसे रोकना नहीं.