ETV Bharat / bharat

कोरोना के इलाज में कारगर साबित हो रहा डॉ. मल्लिक का 'एबी फॉर्मूला' - कोरोना के इलाज में एबी फॉर्मूला कारगर

कोरोना वायरस से निपटने के लिए दुनियाभर में रिसर्च किए जा रहे हैं. इस बीच, दरभंगा (बिहार) के 83 वर्षीय होम्योपैथिक चिकित्सक मुचकुंद मल्लिक ने होम्योपैथी में 'एबी फॉर्मूला' नाम से एक दवा बनाई है, जो कोरोना के इलाज में कारगर साबित हो रही है. पढ़ें पूरी खबर...

एबी फॉर्मूला
एबी फॉर्मूला
author img

By

Published : Apr 28, 2021, 1:46 PM IST

दरभंगा : भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. मेडिकल सुविधाओं का ऐसा अभाव शायद ही कभी भारत ने देखा होगा. ऐसे में भारत में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति जैसे आयुर्वेद और होम्योपैथी की दवाओं का कोरोना के इलाज में उपयोग किया जा रहा है.

दरभंगा के 83 वर्षीय होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. मुचकुंद मल्लिक ने होम्योपैथी में 'एबी फॉर्मूला' नाम से कोरोना के इलाज के लिए एक दवा बनाई है. उनकी इस दवा से महाराष्ट्र और पंजाब-हरियाणा समेत देश के कई इलाकों के लोगों को फायदा हो रहा है. डॉ. मुचकुंद मल्लिक अपनी पेंशन के पैसे से यह दवा बनाकर लोगों के बीच पिछले एक साल से मुफ्त में बांट रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

उनका कहना है कि पिछले साल जब कोरोना की शुरुआत हुई थी, तो चीन से आए लोगों से बात कर इस बीमारी का अध्ययन किया था. पूरी दुनिया में 1918 में स्पेनिश इनफ्लूएंजा नाम की महामारी फैली थी जिसकी वजह से भारत में 60 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे. कोरोना के लक्षण स्पेनिश इनफ्लुएंजा से मिलते-जुलते हैं. इसी को आधार मानकर मैंने रिसर्च शुरू किया.

एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, करीब छह महीने से मैं और मेरा पूरा परिवार डॉ. मुचकुंद मल्लिक की दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनकी दवा कारगर है और सभी लोग कोरोना के संक्रमण से अब तक बचे हुए हैं.

मुफ्त बांटी जा रही दवा
मल्लिक अब तक दरभंगा और मधुबनी के हजारों लोगों को यह दवा बांट चुके हैं. डॉ. मुचकुंद मल्लिक की दवा का नियमित रूप से इस्तेमाल करने वाले लोगों ने बताया कि यह दवा कारगर साबित हो रही है और इसकी वजह से वे कोरोना के संक्रमण से बचे हुए हैं.

डॉ. मल्लिक मुफ्त बांट रहे दवा
डॉ. मल्लिक मुफ्त बांट रहे दवा

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कोरोना की रोकथाम में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति जैसे होम्योपैथी और आयुर्वेद को कारगर माना है. आयुष मंत्रालय की लिस्ट में आर्सेनिक एल्बम का नाम शामिल है जो डॉ. मुचकुंद मल्लिक के 'एबी फॉर्मूला' का एक मुख्य कंपोनेंट है.

दो दवाओं से तैयार किया 'एबी फॉर्मूला'
डॉ. मुचकुंद मल्लिक ने कहा, हैनीमैन की किताब में महामारी के इलाज के लिए 'बेलाडौना (BELLADONNA)' का जिक्र मिलता है. आर्सेनिक एल्बम को पहले से ही संक्रामक बीमारियों के इलाज में कारगर माना गया है और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने भी इसे अपनी लिस्ट में शामिल किया है. इसी आधार पर आर्सेनिक एल्बम और बेलाडौना को होम्योपैथी की एक दवा के रूप में 'एबी फॉर्मूला' के नाम से ईजाद किया है.

डॉ. मल्लिक मुफ्त बांट रहे दवा
डॉ. मल्लिक मुफ्त बांट रहे दवा

अनौपचारिक रूप से सेना ने भी दी मान्यता
डॉक्टर मुचकुंद ने बताया कि महाराष्ट्र के सैकड़ों फौजियों और उनके परिवारों ने एबी फॉर्मूला की दवा का इस्तेमाल किया और इससे कोरोना से उबरने में उन्हें मदद मिली. उन्होंने कहा कि उनकी दवा को अनौपचारिक रूप से सेना ने भी मान्यता दी है. साथ ही उन्होंने दावा किया है कि पटना के एक दर्जन लोग जो कोरोना से संक्रमित थे, उन्होंने उनकी दवा का इस्तेमाल किया और स्वस्थ हुए.

दरभंगा : भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर कहर बरपा रही है. मेडिकल सुविधाओं का ऐसा अभाव शायद ही कभी भारत ने देखा होगा. ऐसे में भारत में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति जैसे आयुर्वेद और होम्योपैथी की दवाओं का कोरोना के इलाज में उपयोग किया जा रहा है.

दरभंगा के 83 वर्षीय होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. मुचकुंद मल्लिक ने होम्योपैथी में 'एबी फॉर्मूला' नाम से कोरोना के इलाज के लिए एक दवा बनाई है. उनकी इस दवा से महाराष्ट्र और पंजाब-हरियाणा समेत देश के कई इलाकों के लोगों को फायदा हो रहा है. डॉ. मुचकुंद मल्लिक अपनी पेंशन के पैसे से यह दवा बनाकर लोगों के बीच पिछले एक साल से मुफ्त में बांट रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

उनका कहना है कि पिछले साल जब कोरोना की शुरुआत हुई थी, तो चीन से आए लोगों से बात कर इस बीमारी का अध्ययन किया था. पूरी दुनिया में 1918 में स्पेनिश इनफ्लूएंजा नाम की महामारी फैली थी जिसकी वजह से भारत में 60 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे. कोरोना के लक्षण स्पेनिश इनफ्लुएंजा से मिलते-जुलते हैं. इसी को आधार मानकर मैंने रिसर्च शुरू किया.

एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, करीब छह महीने से मैं और मेरा पूरा परिवार डॉ. मुचकुंद मल्लिक की दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनकी दवा कारगर है और सभी लोग कोरोना के संक्रमण से अब तक बचे हुए हैं.

मुफ्त बांटी जा रही दवा
मल्लिक अब तक दरभंगा और मधुबनी के हजारों लोगों को यह दवा बांट चुके हैं. डॉ. मुचकुंद मल्लिक की दवा का नियमित रूप से इस्तेमाल करने वाले लोगों ने बताया कि यह दवा कारगर साबित हो रही है और इसकी वजह से वे कोरोना के संक्रमण से बचे हुए हैं.

डॉ. मल्लिक मुफ्त बांट रहे दवा
डॉ. मल्लिक मुफ्त बांट रहे दवा

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कोरोना की रोकथाम में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति जैसे होम्योपैथी और आयुर्वेद को कारगर माना है. आयुष मंत्रालय की लिस्ट में आर्सेनिक एल्बम का नाम शामिल है जो डॉ. मुचकुंद मल्लिक के 'एबी फॉर्मूला' का एक मुख्य कंपोनेंट है.

दो दवाओं से तैयार किया 'एबी फॉर्मूला'
डॉ. मुचकुंद मल्लिक ने कहा, हैनीमैन की किताब में महामारी के इलाज के लिए 'बेलाडौना (BELLADONNA)' का जिक्र मिलता है. आर्सेनिक एल्बम को पहले से ही संक्रामक बीमारियों के इलाज में कारगर माना गया है और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने भी इसे अपनी लिस्ट में शामिल किया है. इसी आधार पर आर्सेनिक एल्बम और बेलाडौना को होम्योपैथी की एक दवा के रूप में 'एबी फॉर्मूला' के नाम से ईजाद किया है.

डॉ. मल्लिक मुफ्त बांट रहे दवा
डॉ. मल्लिक मुफ्त बांट रहे दवा

अनौपचारिक रूप से सेना ने भी दी मान्यता
डॉक्टर मुचकुंद ने बताया कि महाराष्ट्र के सैकड़ों फौजियों और उनके परिवारों ने एबी फॉर्मूला की दवा का इस्तेमाल किया और इससे कोरोना से उबरने में उन्हें मदद मिली. उन्होंने कहा कि उनकी दवा को अनौपचारिक रूप से सेना ने भी मान्यता दी है. साथ ही उन्होंने दावा किया है कि पटना के एक दर्जन लोग जो कोरोना से संक्रमित थे, उन्होंने उनकी दवा का इस्तेमाल किया और स्वस्थ हुए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.