देहरादून(उत्तराखंड): नए साल पर उत्तराखंड में पर्यटकों की आमद बढ़ जाती है. इस दौरान देशभर से पर्यटक उत्तराखंड के तमाम स्थलों पर नए साल का जश्न मनाने के लिए पहुंचते हैं. इस साल भी नए साल की दस्तक से पहले ही तमाम हिल स्टेशन हाउसफुल होने लगे हैं. लगातार पर्यटक उत्तराखंड की ओर रुख भी कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में जब बड़ी संख्या में राज्य में पर्यटक आ रहे हैं, तब प्रशासन की चुनौतियां भी बेहद ज्यादा बढ़ जाती हैं. पर्यटकों की बढ़ती संख्या के बीच उनकी बेहतर सुविधाओं के साथ ही नियमों का पालन करवाए जाने के लिए भी व्यवस्थाएं बनाई जाती हैं. इस दौरान ऐसी कुछ बातें हैं जो पर्यटकों के लिए बेहद जरूरी हैं.
30 से 1 दिसंबर तक बर्फबारी के संकेत: दरअसल, मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि 30 दिसंबर से लेकर 1 दिसंबर तक कई जगहों पर बर्फबारी हो सकती है. जाहिर है कि बर्फबारी के कारण तापमान में भी काफी कमी आएगी. इसका असर यातायात पर भी पड़ेगा. मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल कहते हैं जिस तरह मौसम को लेकर संकेत मिल रहे हैं उसे यह साफ है कि प्रदेश में कई जगह पर हल्की बारिश हो सकती है. ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी भी हो सकती है. उन्होंने कहा 30 दिसंबर से लेकर 1 दिसंबर तक बर्फबारी होने के संकेत मिल रहे हैं.
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पाले वाली सड़कों से पड़ेगा पर्यटकों का पाला: उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को सबसे पहले प्रदेश के मौसम का मिजाज जानना बेहद जरूरी है. जिस तरह से मौसम विभाग भविष्यवाणी कर रहा है उसे देखते हुए पर्यटकों को सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़ों के इंतजाम के साथ उत्तराखंड पहुंचना होगा. जिससे बर्फबारी की स्थिति में उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े. इसके अलावा हिल स्टेशनों पर बर्फबारी और रात के समय पाला पड़ने के कारण यातायात पर भी इसका असर पड़ेगा. लिहाजा बर्फबारी और पाले वाली सड़क पर ड्राइविंग करने को लेकर भी पर्यटकों को विशेष ध्यान देना होगा. इस दौरान उन्हें पहाड़ की सड़कों पर अनुभव रखने वाले ड्राइवरों लेकर ही उत्तराखंड आना चाहिए. बर्फबारी और पाला पड़ने के बाद सड़कों पर गाड़ियां चलाना बेहद मुश्किल होता है. इस स्थिति से निपटने के लिए अनुभवी ड्राइवर का होना बेहद जरूरी है.
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होटल बुकिंग के साथ ट्रैफिक प्लान की जानकारी है जरूरी: उत्तराखंड पहुंचने वाले पर्यटकों को नए साल के जश्न का ज्यादा से ज्यादा आनंद लेने के लिए उत्तराखंड की यातायात पुलिस के निर्देशों का भी विशेष ध्यान रखना होगा. खासतौर पर पर्यटकों की बेहद ज्यादा संख्या होने के कारण पर्यटन स्थल पर ट्रैफिक की समस्या से बचने के लिए जिन रूट की जानकारी दी जाती है. उनका प्रयोग करना चाहिए. साथ ही पार्किंग व्यवस्था के अलावा प्रदेश में विभिन्न टूरिस्ट प्लेस पर जाने से पहले वहां पर होटल की बुकिंग करनी जरूरी है.
आरक्षित वन क्षेत्र में जाने के लिए परमिशन जरूरी: वन विभाग की तरफ से पहले ही बिना इजाजत वन क्षेत्र में नहीं पहुंचने की बात कही जा चुकी है. इसके बावजूद यदि पर्यटक बिना परमिट के विभिन्न वन क्षेत्र में पहुंचते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. लिहाजा आरक्षित वन क्षेत्र में जाने से पहले पर्यटकों को संबंधित वन विभाग के अधिकारियों से मंजूरी लेनी होगी.
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हुड़दंग करने वालों पर पुलिस की नजर: दूसरी तरफ पुलिस विभाग भी नए साल को लेकर खास एहतियात बरत रहा है. उनकी नजर न केवल यातायात व्यवस्था को सुधारने पर है बल्कि पर्यटकों को किसी तरह की कोई दिक्कत ना आए इसका भी ख्याल रखा जा रहा है. नए साल पर चेकिंग अभियान को स्मूथली चलाया जाए इस पर भी काम किया जा रहा है. इसके अलावा ऐसे लोगों पर भी पुलिस की नजर है जो नए साल के जश्न के नाम पर विभिन्न टूरिस्ट प्लेस पर हुड़दंग मचाने के लिए पहुंचते हैं. पर्यटकों को इस बात का भी ख्याल रखना होगा कि किसी भी धार्मिक स्थल या नदी के किनारे पर अवैध रूप से शराब का सेवन करने से परहेज किया जाये.
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बर्फबारी का पर्यटकों को इंतजार: टूरिस्ट प्लेस में पर्यटकों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. अगर बर्फबारी होती है तो पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है. मसूरी के होटल व्यवसायी कहते हैं कई पर्यटक उनसे लगातार मसूरी में बर्फबारी को लेकर जानकारी ले रहे हैं. अगर बर्फबारी होती है तो बड़ी संख्या में पर्यटक नए साल पर मसूरी पहुंचेंगे.