हैदराबाद : देश की तमाम छोटी-बड़ी घटनाओं पर हमारी नजर बनी हुई है. अब आप बस एक क्लिक में देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को आसानी से पढ़ सकते हैं.
1. देश में समान नागरिक संहिता की जरूरत : दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली उच्च न्यायालय ने समान नागरिक संहिता (Universal Civil Code) की आवश्यकता का समर्थन करते हुए कहा कि देश में एक कोड की आवश्यकता है, जो सबके लिए समान हो. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले में आवश्यक कदम उठाने के लिए भी कहा है.
2. आरटीआई पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, 'दी गई जानकारी नहीं होती है भरोसेमंद'
सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी कितनी भरोसेमंद होती है, विश्वसनीयता के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता है. इस टिप्पणी से आप भले ही चौंक जाए, लेकिन यह टिप्पणी और किसी ने नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने की है. एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अपना पक्ष रखते समय आरटीआई के तहत मिलने वाली जानकारी को उद्धृत करने से बचें.
3. सरयू नदी में एक ही परिवार के 12 लोग डूबे, पांच की मौत, चार लापता
अयोध्या में सरयू नदी में दो परिवार के 15 लोग डूब गए, जिसमें तीन बचकर बाहर आ गए. इसके बाद स्थानीय पुलिस और गोताखोर की टीम ने छह लोगों को नदी से बाहर निकाल लिया है, जिसमें चार लोगों की मौत हो चुकी है. गुप्तार घाट पर स्नान करते वक्त यह हादसा हुआ है. परिवार के लोग आगरा के सिकंदरा थाना क्षेत्र से अयोध्या घूमने आए थे.
4. तेलंगाना इकाई के TDP अध्यक्ष एल रमना ने पार्टी छोड़ी, टीआरएस में शामिल होंगे
तेलंगाना में टीडीपी अध्यक्ष एल. रमना ने इस्तीफा दे दिया है. वह तीन-चार दिनों में टीआरएस में शामिल हो जाएंगे. उन्होंने गुरुवार को टीआरएस प्रमुख एवं मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (cm kcr) से बातचीत की थी.
5. अफगानिस्तानी राजदूत ने कहा- ताबिलान का पनाहगार है पाकिस्तान, कर रहा सपोर्ट
भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि तालिबान के परिवार और निवेश पाकिस्तान में है और वह तालिबान का मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हालात बहुत खराब है. वहां पर 150 जिलों में युद्ध जैसे हालात हैं. इसकी वजह कहीं न कहीं पाकिस्तान है, क्योंकि पाकिस्तान अगर तालिबान की मदद नहीं करता तो अफगानिस्तान के हालात इतने भयावह नहीं होते.
6. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पहले भरें जुर्माना फिर हाेगी सुनवाई, जानें पूरा मामला
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि जनहित याचिका दायर करने वाले पेशेवर वादियों को तब तक नहीं सुनेगा जब तक कि वे अदालत द्वारा उन पर लगाये गये जुर्माने की राशि जमा नहीं कर देते. न्यायालय दो व्यक्तियों द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रहा था.
7. आंध्र प्रदेश : मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने दो उप मुख्यमंत्रियों से अहम विभाग वापस लिए
आंध्र प्रदेश में एक बड़े घटनाक्रम के तहत मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने दो उप मुख्यमंत्रियों के महत्वपूर्ण विभाग वापस ले लिए और इन विषयों को राजस्व विभाग से वित्त विभाग में स्थानांतरित कर दिया है. उप मुख्यमंत्री के. नारायण स्वामी के पास से वाणिज्य कर विभाग और दूसरे उप मुख्यमंत्री धर्मना कृष्ण दास के पास से पंजीकरण एवं स्टाम्प को राजस्व विभाग से वित्त विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया है. वित्त विभाग का प्रभार बी राजेंद्रनाथ के पास है.
8. कुंभ से अगर कोरोना फैला तो यह अन्य राज्यों में क्यों फैल रहा, वहां कुंभ नहीं: केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट
उत्तराखंड के नैनीताल-उधमसिंह नगर (Udham Singh Nagar) सीट से सांसद अजय भट्ट (Ajay Bhatt) को पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली है. उन्हें मोदी कैबिनेट में रक्षा मंत्रालय और पर्यटन में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है. रक्षा मंत्रालय और पर्यटन के राज्य मंत्री अजय भट्ट ने महाराष्ट्र, केरल समेत अन्य राज्यों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों पर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार कह रहे हैं कि कोरोना अभी तक गया नहीं है, उन्होंने देश से अपील की है इसलिए जो कोरोना के लिए गाइडलाइन बनी हुई है उसका गंभीरता से पालन करना चाहिए. मैं इसके लिए सभी लोगों से प्रार्थना करता हूं.
9. सुखबीर बोले, सत्ता में आए तो आंदोलन में मरे किसानों के परिवार को देंगे सरकारी नौकरी
पंजाब में अकाली दल ने बड़ा एलान कर 2022 के चुनाव साधने की कोशिश की है. अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा है कि अकाली-बसपा गठबंधन की सरकार बनी तो किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है, उनके परिवार में से एक को सरकारी नौकरी दी जाएगी. जानिए और क्या एलान किया.
10. डाटा प्रोटेक्शन बिल आने तक नई प्राइवेसी पॉलिसी नहीं लागू होगी : वॉट्सएप
वॉट्सएप ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया है कि कंपनी ने अपनी इच्छा से प्राइवेसी पॉलिसी पर रोक लगाई है. वॉट्सएप ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि जब तक डाटा संरक्षण विधेयक प्रभाव में नहीं आ जाता तब तक वह उपयोगकर्ताओं को नई निजता नीति अपनाने के लिए बाध्य नहीं करेगा.