नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उसने टूलकिट साझा करने में कथित संलिप्तता को लेकर पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि के खिलाफ चल रही जांच के संबंध में मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी है.
दिशा ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर कहा है कि पुलिस को इस मामले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से संबंधित जानकारी मीडिया से साझा करने से रोका जाना चाहिए.न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि दिशा की याचिका सार्वजनिक महत्व का एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाती है, इसे ध्यान में रखते हुए 27 सितंबर को इसे बहस के लिए सूचीबद्ध किया जाए.
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अधिवक्ता रजत नायर ने कहा कि पुलिस की ओर से मीडिया को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है. पुलिस ने अधिवक्ता अमित महाजन के माध्यम से दाखिल अपने जवाब में कहा कि दिशा रवि की बातचीत की जानकारी पुलिस द्वारा लीक किए जाने के आरोप पूरी तरह से झूठे और तथ्यात्मक रूप से गलत हैं.
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के उपायुक्त (साइबर सेल इकाई) अन्येश रॉय ने उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर कहा कि इस मामले से जुड़ी किसी प्रकार की जानकारी अथवा दस्तावेज पुलिस ने किसी मीडिया समूह अथवा किसी व्यक्ति विशेष के साथ साझा नहीं किए हैं. इस मामले में मीडिया को आधिकारिक रूप से जानकारी केवल संवाददाता सम्मेलन के जरिए ही उपलब्ध कराई गई है.
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दिशा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अखिल सिब्बल ने अदालत को सूचित किया कि मामले में सभी दलीलें पूरी हो चुकी हैं. सिब्बल ने कहा कि जब दिशा पुलिस की हिरासत में थीं, उसी दौरान उनकी निजी बातचीत मीडिया से साझा की गई.दिशा ने उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में मीडिया को व्हाट्सएप पर उनकी किसी भी निजी बातचीत की सामग्री या उद्धरण प्रकाशित करने से रोकने की भी मांग की है.
गौरतलब है कि केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित एक "टूलकिट" सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने 13 फरवरी को दिशा रवि को गिरफ्तार किया था. हालांकि, दिशा को 23 फरवरी को अदालत से जमानत मिल गई थी.
(पीटीआई-भाषा)