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ICMR-NIN बताएगा मजबूत इम्युनिटी के लिए आहार में क्या करना होगा बदलाव - chronic diseases food habit

आईसीएमआर की वैज्ञानिक जी और निदेशक ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय पोषण संस्थान ( The Indian Council of Medical Research and the National Institute of Nutrition) (ICMR-NIN) इम्युनिटी को बढ़ावा देने के लिए नए आहार दिशानिर्देश पेश करेंगे.

ICMR NIN
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Published : Apr 3, 2022, 10:49 PM IST

हैदराबाद (तेलंगाना) : आईसीएमआर की वैज्ञानिक 'जी' और निदेशक ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय पोषण संस्थान ( The Indian Council of Medical Research and the National Institute of Nutrition) (ICMR-NIN) इम्युनिटी को बढ़ावा देने के लिए नए आहार दिशानिर्देश पेश करेंगे. लक्ष्मैया ने कहा कि नए दिशानिर्देश गैर-संचारी पुरानी बीमारियों जैसे मधुमेह टाइप दो, कोरोनरी हृदय रोग, दिल के दौरे, स्ट्रोक और साथ ही COVID-19 और अन्य संक्रामक रोग के जोखिम को कम करने और प्रतिरक्षा में सुधार करने के लिए बहुत मदद करने वाले हैं. डॉ. लक्ष्मैया ने कहा कि हाल के दिनों में भोजन में चीनी, नमक और उच्च वसा वाले चीजों की बढ़ती खपत भी दिशानिर्देशों की समीक्षा करने का कारण है.

पढ़ें: मेडिकल क्षेत्र में स्टार्ट अप संस्कृति को बढ़ावा देने को आईसीएमआर-डीएचआर पॉलिसी लांच

डॉ. लक्ष्मैया ने कहा कि एनआईएन ने वास्तव में 2011 में भारतीयों के लिए आहार संबंधी दिशानिर्देश विकसित किए हैं. लेकिन 2011 के बाद उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों की उपलब्धता और आसान पहुंच के कारण भोजन के पैटर्न और भोजन के सेवन में बहुत सारे बदलाव हुए है. अब उपलब्ध सभी मौजूदा सबूतों को ध्यान में रखते हुए, उच्च वसा वाले आहार और उच्च चीनी आहार के प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणामों की एक मजबूत समीक्षा की गई है.

लक्ष्मैया ने कहा कि आईसीएमआर-एनआईएन (ICMR-NIN) ने दिशानिर्देशों की ड्राफ्ट कॉपी में कुछ लक्ष्य भी बनाए हैं जिनमें सभी आयु वर्ग शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हमने 50 से 70 लक्ष्य बनाए हैं. प्रत्येक अध्याय शिशुओं, बच्चों, किशोरों, महिलाओं और पुरुषों के लिए पोषण को संबोधित करेगा. इसके साथ ही वृद्धावस्था और गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भी इसमें सुझाव रखे गए हैं. उन्होंने आगे बताया कि ये दिशानिर्देश स्वस्थ जीवन शैली अपनाने में सहायक होंगे. उन्होंने कहा कि इसमें बहुत सारी मूल्यवान जानकारी है जो निश्चित रूप से लोगों को अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों के बारे में जागरुक करेगी.

हैदराबाद (तेलंगाना) : आईसीएमआर की वैज्ञानिक 'जी' और निदेशक ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय पोषण संस्थान ( The Indian Council of Medical Research and the National Institute of Nutrition) (ICMR-NIN) इम्युनिटी को बढ़ावा देने के लिए नए आहार दिशानिर्देश पेश करेंगे. लक्ष्मैया ने कहा कि नए दिशानिर्देश गैर-संचारी पुरानी बीमारियों जैसे मधुमेह टाइप दो, कोरोनरी हृदय रोग, दिल के दौरे, स्ट्रोक और साथ ही COVID-19 और अन्य संक्रामक रोग के जोखिम को कम करने और प्रतिरक्षा में सुधार करने के लिए बहुत मदद करने वाले हैं. डॉ. लक्ष्मैया ने कहा कि हाल के दिनों में भोजन में चीनी, नमक और उच्च वसा वाले चीजों की बढ़ती खपत भी दिशानिर्देशों की समीक्षा करने का कारण है.

पढ़ें: मेडिकल क्षेत्र में स्टार्ट अप संस्कृति को बढ़ावा देने को आईसीएमआर-डीएचआर पॉलिसी लांच

डॉ. लक्ष्मैया ने कहा कि एनआईएन ने वास्तव में 2011 में भारतीयों के लिए आहार संबंधी दिशानिर्देश विकसित किए हैं. लेकिन 2011 के बाद उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों की उपलब्धता और आसान पहुंच के कारण भोजन के पैटर्न और भोजन के सेवन में बहुत सारे बदलाव हुए है. अब उपलब्ध सभी मौजूदा सबूतों को ध्यान में रखते हुए, उच्च वसा वाले आहार और उच्च चीनी आहार के प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणामों की एक मजबूत समीक्षा की गई है.

लक्ष्मैया ने कहा कि आईसीएमआर-एनआईएन (ICMR-NIN) ने दिशानिर्देशों की ड्राफ्ट कॉपी में कुछ लक्ष्य भी बनाए हैं जिनमें सभी आयु वर्ग शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हमने 50 से 70 लक्ष्य बनाए हैं. प्रत्येक अध्याय शिशुओं, बच्चों, किशोरों, महिलाओं और पुरुषों के लिए पोषण को संबोधित करेगा. इसके साथ ही वृद्धावस्था और गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भी इसमें सुझाव रखे गए हैं. उन्होंने आगे बताया कि ये दिशानिर्देश स्वस्थ जीवन शैली अपनाने में सहायक होंगे. उन्होंने कहा कि इसमें बहुत सारी मूल्यवान जानकारी है जो निश्चित रूप से लोगों को अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों के बारे में जागरुक करेगी.

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