नई दिल्ली : राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने नवनिर्वाचित सदस्यों एस सेल्वगनबथी और सुष्मिता देव को राज्यसभा की सदस्यता की शपथ दिलाई. इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री, कोयला और खान प्रल्हाद जोशी, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और राज्यसभा के महासचिव पी.पी.के. रामाचार्युलु और राज्य सभा सचिवालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.
मंगलवार को राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद तृणमूल कांग्रेस की नेता सुष्मिता देव ने भाजपा पर हिंसा और बंटवारे की राजनीति का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि जब भी कोई हिंसक हमला होता है, पुलिस इसे नहीं रोकती है. यहां तक कि जब टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने अगरतला का दौरा किया और उन पर हमला किया गया, मामले में आज तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
सुष्मिता देव ने नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय मीडिया में यह नैरेटिव बनाने की कोशिश कर रही है कि पश्चिम बंगाल हिंसा के में क्या हुआ?' लेकिन न तो पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ने और न ही किसी और ने किसी कानूनी प्रक्रिया के बाहर काम किया है और जो भी जांच होनी है वह होगी और कानून अपना काम करेगा, लेकिन हिंसा की तुलना करना गलत है
उन्होंने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि भाजपा इस कथन का पालन नहीं करेगी, जोकि लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में अलग-अलग मानक नहीं हो सकते है. दोहरे मापदंड की राजनीति नहीं होनी चाहिए. हम आगामी 25 नवंबर को होने वाले नगरपालिका चुनाव और 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं.
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कांग्रेस की महिला प्रकोष्ठ की पूर्व अध्यक्ष, जो कुछ महीने पहले कांग्रेस छोड़ टीएमसी में शामिल हुई थीं, उन्हें पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया है, जबकि 2022 में होने वाले आगामी नगरपालिका और विधानसभा चुनावों के लिए उन्हें पार्टी की जिम्मेदारी दी गई है.
पहली बार राज्यसभा सांसद के रूप में चुनी गईं सुष्मिता ने कहा कि उनका अनुभव नया और अनूठा होगा. उन्होंने बताया कि राज्यसभा का सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा. हालांकि शीतकालीन सत्र को लेकर किसी औपचारिक घोषणा का इंतजार है.