कोलकाता : मंगलवार की शाम 5 बजे से शुक्रवार सुबह 7 बजे तक टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल की कड़ी निगरानी में रहेंगे. वह तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिले के अध्यक्ष हैं. मंगलवार को यह आदेश भारत के चुनाव आयोग ने जारी किया.
तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता जो अब तक राज्य-केंद्र विवाद का रूप ले चुकी है, सभी केंद्र के साथ मंडरा रही है. मवेशी तस्करी के घोटाले में केंद्रीय एजेंसी की चल रही जांच के संबंध में सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मंडल को पूछताछ के लिए बुलाया था. मंडल को मंगलवार को कोलकाता में सीबीआई कार्यालय में उपस्थित रहने के लिए कहा गया था.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और अपने कट्टर अनुयायी मंडल को सीबीआई समन की अनदेखी करने की सलाह दी. मुख्यमंत्री ने मंडल से कहा कि सीबीआई को बताएं कि मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही आप उपस्थित रहेंगे.
मुख्यमंत्री के आदेश का पालन करते हुए मंडल ने मंगलवार सुबह सीबीआई से संपर्क किया और एक और दो सप्ताह के लिए सीबीआई कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने में असमर्थता व्यक्त की. हालांकि एक कारण के रूप में उन्होंने उनके गुर्दे की बीमारियों के कारण ऐसा करना पड़ रहा है.
यह पहली बार नहीं है कि चुनाव से पहले और उसके दौरान मंडल को निगरानी में रखा जाएगा. आयोग ने 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव और 2019 लोकसभा चुनाव से पहले मंडल के खिलाफ निगरानी निर्णय का आदेश दिया था. इस बीच मंडल ने कहा है कि वह फैसले के खिलाफ बुधवार को अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि आयोग ने उन्हें निगरानी में रखकर अपना कर्तव्य निभाया है. अब वे मुझे जहां कहीं भी दौड़ाएंगे, मेरा पीछा करना पड़ेगा. मेरे लिए कोई समस्या नहीं है, ठीक से खेल होगा.
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एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि कई शिकायतें मिलने के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा यह कदम उठाया गया है. यह आदेश ठीक इसके बाद आया जब अनुब्रत मंडल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सूचित किया कि वे चुनाव से पहले तक उपस्थित नहीं हो पाएंगे.