नई दिल्ली : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे एवं तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय पहुंचे. उन्हें ईडी ने कथित कोयला घोटाला मामले में आज पेश होने के लिए कहा गया था.
टीएमसी नेता बनर्जी ने मीडिया से बातचीत में कहा,'मैं यहां इसलिए आया हूं क्योंकि एजेंसी ने मुझे तलब किया था. मैं जांच एजेंसी का सहयोग करूंगा.' बता दें कि, इस घोटाले से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने पूर्व में कहा थाा कि अगर कोई केंद्रीय एजेंसी किसी भी अवैध लेन-देन में उनकी संलिप्तता को साबित कर दे, तो वह खुद को फांसी पर लटका लेंगे.
कथित कोयला घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने के लिए नयी दिल्ली रवाना होने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए बनर्जी ने भाजपा पर राज्य विधानसभा चुनाव हारने के बाद राजनीतिक प्रतिशोध में शामिल होने का आरोप लगाया.
तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा, जैसा कि मैंने नवंबर में जनसभाओं में जो कहा था, मैं दोहराता हूं कि अगर कोई केंद्रीय एजेंसी 10 पैसे के भी किसी अवैध लेन-देन में मेरी संलिप्तता साबित कर सकती है, तो सीबीआई या ईडी जांच की कोई आवश्यकता नहीं होगी, मैं मंच पर खुद को सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटका लूंगा.
पश्चिम बंगाल में कथित कोयला घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए अभिषेक बनर्जी को छह सितंबर को नयी दिल्ली में जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए तलब किया गया है.
बनर्जी ने कहा, मैं किसी भी तरह की जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं.
उन्होंने कहा कि मामला कोलकाता का होने के बावजूद उन्हें नयी दिल्ली बुलाया गया.
बनर्जी ने आरोप लगाया, चुनाव हारने और तृणमूल कांग्रेस से राजनीतिक रूप से निपटने में नाकाम रहने के बाद वे (भाजपा) अब बदला लेना चाहते हैं.
अभिषेक बनर्जी लोकसभा में डायमंड हार्बर सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव हैं. ईडी ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की नवंबर, 2020 की एक प्राथमिकी पर गौर करने के बाद पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत यह मामला दर्ज किया था. सीबीआई की प्राथमिकी में आसनसोल और उसके आसपास कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाकों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कोयला चोरी घोटाले का आरोप लगाया गया है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने के लिए नयी दिल्ली रवाना होने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बनर्जी ने कहा था कि एजेंसी अगर किसी भी अवैध लेन-देन में उनकी संलिप्तता को साबित कर दे, तो वह खुद को फांसी पर लटका लेंगे.
पश्चिम बंगाल में स्थानीय कोयला संचालक अनूप मांझी उर्फ लाला इस अवैध लेन-देन में प्रमुख आरोपी है. ईडी ने दावा किया था कि अभिषेक बनर्जी इस अवैध लेद-देन से प्राप्त धन के लाभार्थी थे. उन्हें मामले के जांच अधिकारी के समक्ष यहां छह सितंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया गया है, जबकि उनकी पत्नी रुजिरा को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इसी तरह का समन भेजकर एक सितंबर को पेश होने को कहा गया था. हालांकि रुजिरा ने मौजूदा कोरोना वायरस का हवाला देते हुए एजेंसी से उनसे कोलकाता में ही पूछताछ करने का अनुरोध किया था.
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के कुछ अधिकारियों और अभिषेक बनर्जी से जुड़े एक वकील को भी इस महीने अलग-अलग तारीखों पर पेश होने के लिए समन जारी किया गया है. ईडी ने मामले में अभी तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है. उनमें से एक तृणमूल कांग्रेस युवा शाखा के नेता विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा शामिल हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि विनय मिश्रा कुछ समय पहले देश से बाहर चला गया और उसने संभवत: देश की नागरिकता भी त्याग दी है.
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इसके अलावा इस मामले में निदेशालय ने बांकुड़ा थाने के पूर्व प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा को इस साल की शुरुआत में गिरफ्तार किया था.
ईडी ने दावा किया था कि मिश्रा बंधुओं ने इस मामले में ‘‘ कुछ प्रभावशाली लोगों के लिए और खुद के लिए 730 करोड़ रुपये की राशि’’ प्राप्त की. इस मामले में अनुमानित 1,352 करोड़ रुपये शामिल थे. निदेशालय ने मामले में इस साल मई में आरोप पत्र दाखिल किया था.