तिरुवल्लुर : तिरुवल्लुर में जिले में शोलावरम इलाके में गर्दन पर चाकू रख रेप का प्रयास कर रहे शराबी युवक से युवती बहादुरी से लड़ी. युवती ने उसे जोर का धक्का मारा. चाकू छिटककर दूर गिर जाने पर लपक कर चाकू उठा लिया और ताबड़तोड़ प्रहार कर उसकी हत्या कर दी. घटना के बाद पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया.
पुलिस ने इसे आत्मरक्षा के लिए उठाया कदम मानकर उसे हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया. पुलिस का कहना है कि जरूरी कार्रवाई पूरी होने तक उसे सुरक्षा में रखा जाएगा. इसके बाद छोड़ दिया जाएगा.
युवक की हत्या कर किया आत्मसमर्पण
युवती सुबह शौच के लिए निकली थी, तभी एस. अजीत कुमार (24) ने उसका पीछा किया. अचानक से शराब की बोतल के साथ वह युवती के सामने आ गया, जिससे वह चौंक गई. जैसे ही भागने की कोशिश की युवक ने उसे पकड़ लिया. उसकी गर्दन पर धारदार हथियार रख शोर मचाने पर जान से मारने की धमकी दी. उससे रेप का प्रयास किया. लड़की ने उसे छोड़ देने और घर जाने देने की गुहार लगाई, लेकिन युवक नहीं माना.
आखिरकार युवती ने पूरी शक्ति लगाकर उससे मुकाबला किया. युवक को जोर का धक्का मारा, जिससे उसका संतुलन बिगड़ गया. वह जैसे ही एक ओर गिरा युवती ने उसके हाथ से छूटा हथियार उठा लिया और उसकी गर्दन पर कई बार प्रहार कर उसे मार डाला. घटना के बाद युवती ने शोलावरम पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया.
पोंनेरी की डीएसपी कल्पना दत्त ने बताया कि अजितकुमार उसकी मौसी का बेटा था. घरेलू विवाद के बाद पत्नी से अलग हो गया था. शराबी था, और उसके खिलाफ चोरी के कई मामले लंबित थे.
वहीं, ईटीवी भारत से बात करते हुए एसपी ए.अरविंदन ने बताया कि लड़की ने अत्मरक्षा में ये कदम उठाया है. अजीत उसका रिश्तेदार था. यौन शोषण के प्रयास करने पर उसने ये कदम उठाया. हमने पीड़िता द्वारा आत्मरक्षा में उठाया गया कदम मानकर आईपीसी की धारा 302 न लगाकर मामले को आईपीसी की धारा 106 (जोखिम होने पर घातक हमले के खिलाफ निजी बचाव का अधिकार) के तहत दर्ज किया है. अरविंदन ने कहा कि उसे सरकारी सुरक्षा में रखा गया है. मसला सुलझने के बाद उसे छोड़ दिया जाएगा.
पुलिस की हो रही तारीफ
कानून के जानकारों ने तिरुवल्लुर पुलिस की तारीफ की है. महिला वकील जेजेए नीथु ने कहा कि लड़की ने बचाने के लिए सही कदम उठाया. पुलिस अधीक्षक ए अरविंदन और पोन्नारी डीएसपी कल्पना दत्त ने मामले में सही फैसला लिया. उन्होंने कहा, 'अगर यौन खतरे का सामना करने वाली सभी महिलाएं ऐसी बहादुरी दिखाएं तो वह सुरक्षित होंगी और अपराधी यौन हमलों से दूर रहेंगे.' उन्होंने 2019 में हैदराबाद के पास शमशाबाद में गैंगरेप का भी जिक्र किया.
हालांकि मद्रास उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले के एलंगोवन ने कहा कि यह आत्मरक्षा का स्पष्ट मामला जरूर है लेकिन कानून बताता है कि आत्मरक्षा क्या है, हमारी पुलिस कभी भी उस कोण से जांच नहीं करती है. गिरफ्तारी के बाद जांच अधिकारी संदिग्ध को गिरफ्तार करने के अपने कृत्य को सही ठहराने के लिए बयान तैयार करता है. इस मामले में, लड़की ने अपनी जान बचाने के लिए सही काम किया. इस मामले में पुलिस की कार्रवाई सही है.
2012 में भी सामने आया था ऐसा मामला
एक ऐसा ही मामला 2012 में मदुरई जिले में सामने आया था. एक महिला ने बेटी से रेप की कोशिश कर रहे पति पर क्रिकेट के बल्ले से हमला कर मार डाला था. गहन जांच के बाद, मदुरै जिले की तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, आसरा गर्ग ने निर्देश दिया था कि महिला के खिलाफ आईपीसी का धारा 100 के तहत मामला दर्ज किया जाए.