नई दिल्ली : अपने को उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित पतंजलि योग ग्राम (Patanjali Yog Gram) का प्रतिनिधि बताकर आयुर्वेदिक उपचार को इच्छुक लोगों को ठगने के आरोप में बिहार से तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने शनिवार इसकी जानकारी दी. उसने बताया कि पतंजलि योग ग्राम की 20 फर्जी वेबसाइट की पहचान की गईं और उन्हें ब्लॉक करने (प्रतिबंधित करने) के लिए उनका ब्योरा 'नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया' को भेजा गया है.
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान हरेंद्र कुमार (25), रमेश पटेल (31) और आशीष कुमार (22) के तौर पर की गई है जो बिहार के निवासी हैं. उसके अनुसार हरेंद्र वेबसाइट निर्माता है और उसने ही लोगों को ठगने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाई थीं. नितिन शर्मा नामक एक व्यक्ति ने पुलिस से शिकायत की थी कि वह अपने बेटे का आयुर्वेदिक इलाज कराना चाहते थे और उन्हें इंटरनेट पर एक मोबाइल नंबर मिला था.
शर्मा के मुताबिक, जब उन्होंने इस नंबर फोन किया, तो उधर से एक व्यक्ति ने अपने को पतंजलि से जुड़ा डॉ सुनील गुप्ता बताया और उनसे पंजीकरण शुल्क के रूप में 10,000 रुपये का भुगतान करने को कहा. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शर्मा के अनुसार उनसे कई बार भुगतान करने को कहा गया और इस तरह उनसे 2,40,500 रुपये ऐंठ लिये गये. अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि जो मोबाइल नंबर इंटरनेट पर था, वह कोलकाता में खरीदा गया था और बिहार के नालंदा में चालू था. उनके अनुसार शर्मा द्वारा जमा किए गए पैसे पश्चिम बंगाल के अलग-अलग एटीएम से निकाले गये थे.
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने कहा कि जांच के दौरान हरेंद्र पकड़ा गया तथा उससे मिली जानकारी के आधार पर पटेल और कुमार को नालंदा के गिरियाक से बिहार पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया गया. पुलिस के अनुसार जांच के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि धोखाधड़ी करने के लिए उन्होंने पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा से सक्रिय सिमकार्ड खरीदे थे तथा कई बैंक खाते खुलवाये थे. पुलिस ने कहा किपतंजलि योग ग्राम जैसी वेबसाइट भी इसी उद्देश्य के लिए बनाई गई थीं.
(पीटीआई-भाषा)