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1000 लोगों ने फर्जी प्रमाणपत्रों से हासिल की नौकरी, ऐसे पकड़ में आए - 1000 सर्टिफिकेट मिले जाली

फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी हासिल कर दूसरों का हक मारा जा रहा है. कई नौकरियों में सिर्फ मेरिट के आधार पर चयन होता है, इसका फायदा उठाकर अन्य प्रतिभागियों के साफ नाइंसाफी की जा रही है. ऐसा ही खुलासा किया है तमिलनाडु के परीक्षा विभाग ने, जहां जांच के लिए आए करीब 1000 प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं. पढ़ें पूरी खबर.

Thousands of people hired with fake certificates
1000 लोगों ने फर्जी प्रमाणपत्रों से हासिल की नौकरी
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Published : Apr 22, 2022, 6:12 PM IST

चेन्नई : उत्तर भारत के लोग बिना लिखित परीक्षा दिए तमिलनाडु की फर्जी डिग्री हासिल कर सरकारी नौकरी कर रहे हैं. ऐसे लोग डाकघर, तेल कंपनियों, बैंकों में काम कर हर महीने मोटी सैलरी उठा रहे हैं. ये चौंकाने वाला खुलासा तमिलनाडु के परीक्षा विभाग ने किया है (State Examinations Department for verification). दरअसल प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए इसी विभाग को भेजे जाते हैं. सामने आया है कि जांच के लिए भेजे गए 2500 प्रमाणपत्रों में करीब 1000 फर्जी हैं.

फर्जी मार्कशीट-सर्टिफिकेट ( fake marks certificates for jobs) में अक्सर हिंदी को प्राथमिक भाषा के रूप में छापा जाता है. साथ ही प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारियों के भी हिंदी में हस्ताक्षर होते हैं. जबकि असल में तमिलनाडु राज्य परीक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए अंक प्रमाणपत्रों पर तमिल में हस्ताक्षर होते हैं. अब तक जांचे गए 2500 अंक पत्र और प्रमाणपत्रों में से एक हजार से अधिक फर्जी पाए गए हैं.

यह भी बताया गया है कि अधिकांश अंक प्रमाण पत्र उत्तर प्रदेश में छापे गए हैं. फर्जी पाए गए अंक पत्रों और प्रमाणपत्रों को डाकघरों में नौकरी पाने के लिए इस्तेमाल किया गया है. दरअसल पोस्ट ऑफिस में निकलने वाली रिक्तियों में कई पर चयन बिना किसी लिखित परीक्षा के मेरिट के आधार पर किया जाता है. जाहिर तौर पर यहां से सूचना भेजे जाने के बाद उनकी नौकरी पर खतरा है. तमिलनाडु पुलिस ने पहले ही फर्जी अंक प्रमाण पत्र जारी करने के आरोप में कर्नाटक से दो लोगों को गिरफ्तार किया है.

चेन्नई : उत्तर भारत के लोग बिना लिखित परीक्षा दिए तमिलनाडु की फर्जी डिग्री हासिल कर सरकारी नौकरी कर रहे हैं. ऐसे लोग डाकघर, तेल कंपनियों, बैंकों में काम कर हर महीने मोटी सैलरी उठा रहे हैं. ये चौंकाने वाला खुलासा तमिलनाडु के परीक्षा विभाग ने किया है (State Examinations Department for verification). दरअसल प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए इसी विभाग को भेजे जाते हैं. सामने आया है कि जांच के लिए भेजे गए 2500 प्रमाणपत्रों में करीब 1000 फर्जी हैं.

फर्जी मार्कशीट-सर्टिफिकेट ( fake marks certificates for jobs) में अक्सर हिंदी को प्राथमिक भाषा के रूप में छापा जाता है. साथ ही प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारियों के भी हिंदी में हस्ताक्षर होते हैं. जबकि असल में तमिलनाडु राज्य परीक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए अंक प्रमाणपत्रों पर तमिल में हस्ताक्षर होते हैं. अब तक जांचे गए 2500 अंक पत्र और प्रमाणपत्रों में से एक हजार से अधिक फर्जी पाए गए हैं.

यह भी बताया गया है कि अधिकांश अंक प्रमाण पत्र उत्तर प्रदेश में छापे गए हैं. फर्जी पाए गए अंक पत्रों और प्रमाणपत्रों को डाकघरों में नौकरी पाने के लिए इस्तेमाल किया गया है. दरअसल पोस्ट ऑफिस में निकलने वाली रिक्तियों में कई पर चयन बिना किसी लिखित परीक्षा के मेरिट के आधार पर किया जाता है. जाहिर तौर पर यहां से सूचना भेजे जाने के बाद उनकी नौकरी पर खतरा है. तमिलनाडु पुलिस ने पहले ही फर्जी अंक प्रमाण पत्र जारी करने के आरोप में कर्नाटक से दो लोगों को गिरफ्तार किया है.

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