वाशिंगटन डीसी : अमेरिका में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खालिस्तानी नेताओं के आरोपों को नकार दिया. अपने अमेरिका दौरे के दौरान वाशिंगटन में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने मोदी सरकार का भी बचाव किया. उन्होंने कहा कि जो भारत सरकार पर सिख समुदाय के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हैं उनकी संख्या बहुत कम है. उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले वस्तुत: चरमपंथी लोग हैं. वे पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.
जयशंकर ने अपने जवाब में इस बात पर जोर दिया कि मोदी सरकार ने सिख समुदाय के लिए काफी कुछ किया. विदेश मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि खालिस्तान की मांग करने वाले बहुत कम संख्या वाले चरमपंथी तत्व हैं.
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Great to meet my friend US Secretary of State @SecBlinken at State Department today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
A wide ranging discussion, following up on PM @narendramodi’s June visit. Also exchanged notes on global developments.
Laid the groundwork of our 2+2 meeting very soon. pic.twitter.com/mOw9SIX1dO
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वाशिंगटन में विदेश मंत्री से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खालिस्तान को लेकर भारत में रहने वाले सिख समुदाय की चिंता के बारे में सवाल किया गया था. जिसके जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि भारत में रह रहे सिख समुदाय के लिए खालिस्तान कोई मुद्दा ही नहीं है. कथित खालिस्तानी नेताओं के विचार पर बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि यह पूरे सिख समुदाय के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.
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Pleased to meet Members of Congress, Administration, business and think tank heads at India House.
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Our regular conversations keep India-US relationship strong. pic.twitter.com/f9G79irwcd
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शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी में जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में सिख समुदाय के मुद्दों पर जितना काम किया है उससे हर कोई परिचित है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि खालिस्तान भारत में रहने वाले सिख समुदाय के लिए प्रतिनिधि मुद्दा है. वस्तुत: खालिस्तान की मांग करने वाले अलगाववादी लोग हैं. जो राज्य में आतंकवाद और हिंसा फैलाना चाहते हैं.
विदेश मंत्री ने कनाडा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कनाडा और भारत के गतिरोध के मूल में कनाडा सरकार की उनके देश में आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा के मामलों को शह देना है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कनाडा सरकार ने इस तरह की बातों को शह दिया है. जिससे समस्या बढ़ी है.
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A discussion at @HudsonInstitute on India’s role in a New Pacific order. https://t.co/ZR3C9SBDKz
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उन्होंने इस संबंध में तथ्य पेश करते हुए कहा कि भारत सरकार ने कई बार कुछ गंभीर मामलों में आरोपी लोगों के प्रत्यर्पण की मांग की है. लेकिन कनाडा सरकार ने हमारे अनुरोधों को गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि कनाडा में इस समय ऐसे व्यक्ति और संगठन सक्रिय हैं जो स्पष्ट रूप से भारत देश और उसके नागरिकों के खिलाफ हिंसा फैलाने की मंशा रखते हैं और अवैध गतिविधियों में शामिल हैं. वे संगठन खुद इसकी घोषणा करते रहे हैं. जयशंकर ने कहा कि यह कोई रहस्य नहीं है.
(अपडेट जारी है...)