नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने 2016 के 'विश्वविद्यालय पूर्व' प्रश्न पत्र लीक मामले में आरोपी को जमानत देने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश पर मंगलवार को रोक लगाते हुए कहा कि वह (शीर्ष न्यायालय) शिक्षा प्रणाली को बर्बाद कर रहे लोगों को इसके जरिए यह संदेश देना चाहता है कि उनसे सख्ती से निपटा जाएगा.
शीर्ष न्यायालय ने टिप्पणी की, 'हम जानते हैं कि मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले में क्या हुआ था. हमारे पास ऐसे मामले आ रहे हैं, जिनमें शिक्षा प्रणाली को विकृत कर दिया गया है. शिक्षा प्रणाली को बर्बाद करने की कोशिश करने वाले लोगों को हम यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि उनसे सख्ती से निपटा जाएगा.'
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प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना तथा न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यन की पीठ ने कर्नाटक सरकार की याचिका पर एक नोटिस भी जारी किया.
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने आरोपी को पिछले साल उच्च न्यायालय से मिली जमानत को चुनौती दी है. उच्च न्यायालय ने 28 फरवरी, 2020 को आरोपी शिवकुमारैया उर्फ गुरुजी को 2016 के प्रश्न पत्र लीक मामले में जमानत दी थी.
वहीं, एक अन्य याचिका पर पीठ ने 13 दिसंबर, 2019 के उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसके तहत उसने सह आरोपी श्री ओबलाराजू को प्रश्न पत्र मामले में दोषमुक्त कर दिया था.